परिषदीय विद्यालयों में सर्दी की छुट्टियां पहले से घोषित न होने से अलग-अलग जिलों में छुट्टियों में समानता नहीं, जिलाधिकारियों के रुख पर निर्भर करती हैं छुट्टियां
इलाहाबाद : कड़ाके की ठंड हो या आग बरसने वाली गर्मी या फिर मूसलाधार बारिश। ऐसा होने पर आमतौर पर स्कूल-कालेजों में छुट्टी हो जाती है। इसमें गर्मी की छुट्टियों का जिक्र प्राथमिक से लेकर उच्च शैक्षिक संस्थानों तक होता है, वहीं कुछ निजी प्राइमरी स्कूल एवं कई शैक्षिक संस्थान जाड़े की छुट्टियां भी घोषित करते हैं, लेकिन सरकारी स्कूलों से माध्यमिक कालेजों तक में यह छुट्टियां पहले से घोषित नहीं है। इससे जिलों में जिलाधिकारी के रुख पर अवकाश हो रहा है। इसीलिए जिलों में छुट्टियां अलग-अलग दिन की घोषित हुई हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में कई वर्ष पहले शैक्षिक कैलेंडर में जाड़े की छुट्टियां 25 दिसंबर से 10 जनवरी तक घोषित की गई थी। उस समय गर्मी की छुट्टियों में कटौती हुई थी, तब अवकाश घटाकर एक से 30 जून तक हुई थी। उसके बाद से यह छुट्टियां हटा दी गई हैं, जबकि स्कूलों में अवकाश उससे भी अधिक दिन तक हो रहा है। इन दिनों प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। पिछले कई दिनों से स्कूल से लेकर कालेज तक बंद चल रहे हैं।
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