प्ले स्कूलों के लिए पहली बार नियम और कानून, स्कूलों में सुरक्षा के इंतजाम एवं उपाय तय किए जाएंगे
⚫ अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन के नियमों में बंधेंगे
⚫ एक-दो सप्ताह में ही जारी हो जाएंगे दिशा-निर्देश
⚫ नियम निजी प्ले स्कूलों में भी बराबरी से लागू होंगे
नई दिल्ली : पहली बार सरकार ने प्ले स्कूलों में खेल-खेल में शिक्षा लेने वाले नौनिहालों की फिक्र की है। सरकार इन प्री स्कूलों के लिए नियम-कानून लाने वाली है। ये तय कर दिया जाएगा कि प्ले स्कूल कैसे होंगे वहां खेलकूद, सुरक्षा और पढ़ाई के क्या इंतजाम होंगे और क्या सिखाया-पढ़ाया जाएगा। इस बारे में दिशा-निर्देश तय हो चुके हैं। एक दो सप्ताह में ही महिला एवं बाल विकास मंत्रलय प्री स्कूलों के लिए नियम कायदे जारी कर देगा।
देश भर के प्ले स्कूलों को नियमों में बांधने का यह पहला है। अभी तक प्ले स्कूलों के लिए कोई नियम कायदे तय नहीं हैं। सरकार ने अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन के तहत इन प्री स्कूलों को नियमों में बांधने का निर्णय लिया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी कहती हैं कि सरकार बहुत जल्द यानी सप्ताह-दस दिन में ही इस बाबत दिशा-निर्देश जारी करेगी। नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट (एनसीपीसीआर) ने इस संबंध में दिशा-निर्देश तैयार कर लिए हैं। इसके तहत प्ले स्कूलों को नियम कायदे में बांधा जाएगा। नये नियमों में तय होगा कि प्ले स्कूल के लिए कितना क्षेत्र होना चाहिए। उनका क्या स्तर होगा। शिक्षक और बच्चों का अनुपात क्या होगा यानी एक शिक्षक के भरोसे कितने बच्चे हो सकते हैं। वहां क्या पढ़ाया और सिखाया जायेगा। यानि उनका पाठ्यक्रम तय होगा। इस सबके साथ ही इन स्कूलों में सुरक्षा के इंतजाम और उपाय भी तय किये जाएंगे।
स्कूल जाने वाले और अपनी परेशानी ठीक से न बता सकने वाले छोटे बच्चों की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा के इंतजाम तय होना बड़ी बात होगी। महिला एवं बाल विकास मंत्रलय के उच्च पदस्थ सूत्र बताते हैं कि अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन के तहत प्ले स्कूलों के लिए नियम बनाए जाएंगे। केयर के तहत बच्चों को पोषाहार दिया जाता है और टीकाकरण होता है। ये महिला एवं बाल विकास मंत्रलय व स्वास्थ्य मंत्रलय मिल कर करता है।
शिक्षा का भाग मानव संसाधन विकास मंत्रलय के तहत आता है। इसके लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रलय और मानव संसाधन मंत्रलय के बीच लंबी चर्चा हुई थी। बाद में तय हुआ कि ये भाग भी महिला एवं बाल विकास मंत्रलय ही देखेगा। इसके बाद मंत्रलय ने प्री स्कूलों के लिए नियम निर्देश लागू करने का फैसला किया। .
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हालांकि आंगनवाड़ियों में भी छोटे बच्चों की प्री स्कूलिंग होती है लेकिन मंत्रलय के सूत्रों का कहना है कि वहां के लिए तो अभी भी नियम कायदे तय हैं। ये नये नियम कायदे विशेषतौर पर प्ले स्कूलों के लिए लाए जाएंगे क्योंकि बहुत से बच्चे आंगनबाड़ी नहीं जाते इसलिए नियम निजी प्ले स्कूलों में भी बराबरी से लागू होंगे।
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