वाराणसी के BSA पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पांच हजार रुपए का लगाया हर्जाना, सत्रलाभ का लाभ यथासमय न देने और अवशेष वेतन न देने पर कोर्ट का रुख सख्त
इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोर्ट आदेश की अवहेलना करने पर वाराणसी के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जयकरन यादव पर पांच हजार रुपए का हर्जाना लगाया है। कोर्ट ने यादव को अनुपालन रिपोर्ट के साथ दस जनवरी को तलब किया है। यह आदेश न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने अध्यापिका उषा श्रीवास्तव व अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका के अनुसार याची 31 मार्च 2015 को सेवानिवृत्त हो रही थी जिसे सत्र लाभ देते हुए 31 मार्च 16 तक कार्यरत रहना था किन्तु 30 जून 2015 को ही उसे सेवानिवृत्त कर दिया गया। साथ ही जुलाई 15 से नवम्बर 15 तक के वेतन का भुगतान नहीं किया गया। रमेश चन्द्र तिवारी केस में हाईकोर्ट ने कहा है कि जो अध्यापक एक अप्रैल 15 से 31 मार्च 2016 तक सेवानिवृत्त हो रहे हैं उन्हें सत्र लाभ देते हुए 31 मार्च 2016 तक कार्य करने दिया जायेगा। कोर्ट ने याची के बकाया वेतन पेंशन निर्धारण के संबंध में बीएसए को 6 हफ्ते में निर्णय लेने का निर्देश दिया था। इसका पालन न करने पर अवमानना याचिका दाखिल की गयी है। कोर्ट ने बीएसए को प्रथम दृष्टया अवमानना का दोषी माना और नोटिस जारी कर 9 जनवरी को अनुपालन हलफनामा दाखिल करने अथवा हाजिर होने का आदेश दिया था। बीएसए ने न तो हलफनामा दाखिल किया और न ही हाजिर हुआ जिसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया और पांच हजार रुपए हर्जाना लगाया। कोर्ट ने कहा है कि हर्जाना राशि हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति में जमा किया जाए तथा बीएसए कोर्ट में हाजिर हो। सुनवाई दस जनवरी को होगी।
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
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8:13 AM
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