धारणाधिकार (LIEN) के चलते कार्यरत शिक्षक ही लगा रहे जूनियर में छलांग, आज से होगी अवशेष विज्ञान गणित के पदों की काउंसलिंग
⚫ मेरिट गिराकर आज से नियुक्ति 129334 शिक्षकों की भर्ती में जिलों में जहां पद रिक्त हैं वहां के बीएसए बुधवार से सातवीं काउंसिलिंग की मेरिट को गिराकर नए अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की प्रक्रिया शुरू करेंगे। यह सिलसिला सभी जिलों में 15 जनवरी तक जारी रहेगा।
इलाहाबाद : प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बेरोजगारों की जगह ज्यादातर शिक्षक ही कार्यभार ग्रहण करने की लाइन में हैं। जो शिक्षक इस भर्ती से दूर भाग रहे थे उन्हें अब यह रास आ रही है। इससे नियुक्ति की उम्मीद बांधे बेरोजगारों की धड़कनें तेज हो गई हैं, क्योंकि कई जिलों ने इस पद के सापेक्ष नियुक्ति देने से ही इनकार कर दिया है। वहां के बीएसए का कहना है कि उनके यहां पद ही रिक्त नहीं हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक स्कूलों में इन दिनों 29334 शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्तियां चल रही हैं। जिलों में मंगलवार तक उन अभ्यर्थियों को मौका दिया गया है, जिन्हें सातवीं या फिर टीईटी में 82 अंक पाने वालों की काउंसिलिंग में नियुक्ति पत्र मिला था, लेकिन किसी कारण से वह उस समय ज्वाइन नहीं कर सके थे, हालांकि बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने कुछ दिन बाद ही ज्वाइन न करने वालों का अभ्यर्थन निरस्त करने का नोटिस जारी कर दिया था, इसके बाद भी उनको मौका दिया जा रहा है। खास बात यह है कि अभ्यर्थन निरस्त होने के बाद ज्वाइन करने वाले युवा बेरोजगार नहीं है, बल्कि वह परिषद के प्राथमिक विद्यालयों के ही ज्यादातर शिक्षक हैं।
विज्ञान-गणित शिक्षकों की जब भर्ती चल रही थी, उस समय इन युवाओं ने उच्च प्राथमिक के बजाए प्राथमिक स्कूलों में जाना इसलिए बेहतर समझा कि वहां की नियुक्ति शीर्ष कोर्ट के निर्देश पर हो रही थी, जबकि उच्च प्राथमिक में अर्हता से लेकर चयन तक में कदम-कदम पर विवाद थे। उन्हीं दिनों भर्ती का 15वां व 16वां संशोधन भी निरस्त हुआ था।
अब प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक उच्च प्राथमिक में इसलिए ज्वाइन कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें धारणाधिकार का लाभ मिल रहा है। इसके तहत यदि उच्च प्राथमिक की नियुक्ति में कोई दिक्कत आती है तो उनका पद प्राथमिक में भी सुरक्षित रहेगा। यह बात बेरोजगारों को सुहा नहीं रही है। उन्हें ऐसा लग रहा है मानों उनके सामने से परोसी गई थाली खींच ली गई है। वजह यह है कि तमाम पद भर रहे हैं और कुछ जिलों देवरिया, बलिया, बुलंदशहर ने पहले ही रिक्ति नहीं का बोर्ड लगा रखा है। युवाओं को लग रहा है कि उनकी सारी मेहनत पर पानी फिर गया है।
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