बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती चार वर्ष से अधिक समय से नहीं आने से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन (डीएलएड) प्रशिक्षण से युवाओं का मोहभंग होने लगा है। यही वजह है कि पिछले कुछ वर्षों से डीएलएड प्रशिक्षण संस्थानों की सीटें नहीं भर रही हैं। इससे जहां निजी कालेज आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं, वहीं शिक्षकों को भी वेतन के लाले पड़ गए हैं। डीएलएड कालेज के प्रबंधकों की माने तो प्राथमिक शिक्षक भर्ती में बीएड प्रशिक्षितों को भी अवसर दिए जाने से डीएलएड प्रशिक्षण के प्रति छात्र-छात्राओं का रुझान कम हुआ है।


स्थिति यह है कि बीएड प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) के साथ प्राथमिक शिक्षक भर्ती सहित हाईस्कूल स्तर की शिक्षक भर्ती में भी शामिल हो सकते हैं, जबकि डीएलएड प्रशिक्षित सिर्फ प्राथमिक शिक्षक भर्ती में ही शामिल हो सकते हैं। ऐसे में वर्ष 2023 में प्रवेश के लिए उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने आवेदन आमंत्रित किए हैं, लेकिन पिछले वर्ष की स्थिति को देखते हुए सीटों का भरा जाना किसी चुनौती से कम नहीं लगता।


वर्ष 2018 में आई थी 69 हजार शिक्षकों की भर्ती: विद्यालयों के लिए वर्ष 2018 में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती आई थी। इसके बाद से कोई भर्ती नहीं आई, आवश्यक अर्हता अर्जित करने के लिए छात्र-छात्राएं प्रति वर्ष डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।



वर्ष 2022 में सीधे प्रवेश के जरिये भरी गईं थी सीटें

डीएलएड 2022 के तहत रिक्त सीटों को शत-प्रतिशत भरे जाने के लिए शासन ने सीधे प्रवेश की अनुमति दी थी। दो-दो काउंसिलिंग के बाद भी आधी से अधिक सीटें खाली रहने से प्रशिक्षण संस्थानों की परेशानी बढ़ गई थी।  बाद में सीधे प्रवेश का अवसर मिलने के बाद प्रशिक्षण संस्थानों ने राहत की सांस ली थी। फिर भी डायट में तो किसी तरह सीटें भर गईं थीं, लेकिन निजी कालेजों को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।