विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों हेतु मेडिकल एसेसमेंट कैम्प के आयोजन के सम्बन्ध में
राज्य सरकार की बड़ी पहल, अब सरकारी प्राइमरी स्कूलों में ही बनेंगे दिव्यांगता प्रमाणपत्र
लखनऊ। प्रदेश के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले दिव्यांग बच्चों के दिव्यांग प्रमाण पत्र उनके स्कूलों में ही बनेंगे। राज्य सरकार ने इसकी व्यापक व्यवस्था की है। इसके तहत 30 अगस्त तक हर हाल में सरकारी प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले ऐसे दिव्यांग बच्चे जिनका दिव्यांग प्रमाण पत्र अब तक नहीं बन सका है वह स्कूलों में लगने वाले मेडिकल एसेसमेंट कैंप की जांच व आंकलन के बाद जारी कर दिए जाएंगे।
इस सबंध में स्कूल महानिदेशालय की ओर से सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं और उनसे कहा गया है कि वे तय समय सीमा के भीतर इसकी व्यवस्था करें। स्कूल महानिदेशक के आदेश के तहत अगले सप्ताह से यह कार्य स्कूलों में शुरू कराए जाने की योजना है।
स्कूलों में कैम्प लगाकर जारी किए जाएंगे दिव्यांग प्रमाण पत्र
ऐसे स्कूल जहां दिव्यांग बच्चें भी पढ़ते हैं उन स्कूलों में अलग-अलग तिथियों में मेडिकल एसेसमेंट कैंप लगाए जाएंगे। इन कैम्पों में ही दिव्यांग बच्चों की जांच कर उन्हें उनके प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। जिन स्कूलों में ऐसे बच्चों की संख्या कम या हक-दो होंगी उन स्कूलों के बच्चों की जांच व आ़ंकलन पास के दूसरे स्कूल जहां कैंप लगेंगे वहां किया जाएगा।
मेडिकल एसेसमेंट कैंप में रहेंगे विशेषज्ञ चिकित्सक स्कूलों में लगने वाले मेडिकल एसेसमेंट कैंप में ऑर्थोपेडिक सर्जन एवं ईएनटी सर्जन के अलावा नेत्र विशेषज्ञ, साइकॉलॉजिस्ट एवं साइकेट्रिशियन भी होंगे जो बच्चों की मेडिकल चेकअप के अलावा उनकी दिव्यांगता का आंकलन कर उनका दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी करेंगे। कैंप के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए गए हैं।
जिन दिव्यांग बच्चों के दिव्यांगता के प्रमाण पत्र अब तक नहीं बने हैं उसे स्कूलों में ही कैम्प लगाकर बनाया जाएगा। समर्थ कार्यक्रम के तहत यह कार्य कराया जा रहा है। विजय किरण आनंद, स्कूल शिक्षा महानिदेशक
दिव्यांग बच्चों के लिए स्कूलों में लगेगा मेडिकल एसेसमेंट कैंप, विशेषज्ञों की टीम रहेगी उपलब्ध
विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों (दिव्यांग बच्चों) को मेडिकल टेस्ट, सलाह और दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए अब भटकना नहीं पड़ेगा। योगी सरकार ने ऐसे बच्चों को राहत देते हुए माध्यमिक विद्यालयों में ही मेडिकल एसेसमेंट कैंप लगाने की योजना बनाई है। इस मेडिकल एसेसमेंट कैंप में दिव्यांग बच्चों के मेडिकल चेकअप के अलावा उनकी दिव्यांगता का आंकलन कर उनका दिव्यांग प्रमाण पत्र भी बनाया जाएगा।
मेडिकल एसेसमेंट कैंप लगाने के संबंध में राज्य परियोजना निदेशक की ओर से मंगलवार को सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अनुसार जनपदों द्वारा मेडिकल एसेसमेंट कैंप के लिए स्थल व तिथियों का निर्धारण 30 जून तक, जबकि कैंप का आयोजन 30 अगस्त तक पूर्ण किया जाएगा। कैंप के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए गए हैं। कहा गया है कि जिला विद्यालय निरीक्षक से समन्वय स्थापित कर माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों को मेडिकल एसेसमेंट कैंप में सम्मिलित किया जाए।
विशेषज्ञों की टीम रहेगी
राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनंद द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि मेडिकल एसेसमेंट कैंप आयोजित कराने के लिए चिकित्सकों के दल में एक आर्थोपेडिक सर्जन, एक ईएनटी सर्जन, एक नेत्र विशेषज्ञ एवं एक साइकोलॉजिस्ट- साइकिट्रिशियन का सम्मिलित होना अनिवार्य है।
विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों हेतु मेडिकल एसेसमेंट कैम्प के आयोजन के सम्बन्ध में
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