जनपद आवंटन में परिवर्तन होने की सम्भावना के दृष्टिगत 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में चयनित शिक्षकों को अग्रतर आदेश तक कार्यमुक्त होने पर लगी रोक।
कार्यमुक्त नहीं होंगे 69000 भर्ती प्रक्रिया वाले स्थानांतरित शिक्षक, मामला कोर्ट लंबित में होने के कारण बेसिक शिक्षा परिषद ने जारी किया आदेश
प्रयागराज : प्रदेश सरकार की स्थानांतरण नीति के क्रम में पिछले दिनों स्थानांतरित 69000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत चयनित शिक्षकों को कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा। इनका मामला कोर्ट लंबित में होने के कारण बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने यह आदेश जारी किया है। इनके अलावा स्थानांतरित शिक्षकों को रविवार तक कार्यमुक्त कर दिया गया है।
बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने आदेश दिया कि जो शिक्षक 69000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया वाले हैं. उनको कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा। इनके संबंध में 13 जून 2023 का हाई कोर्ट का एक आदेश है। हाई कोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती की एक जून 2020 की चयन सूची के पुनर्परीक्षण का आदेश दिया है। उस आदेश के क्रम में कई शिक्षकों के जनपद आवंटन में परिवर्तन होने की संभावना है। इसी कारण वर्तमान स्थानांतरण नीति के दौरान जिनका स्थानांतरण हुआ है, वह कार्यमुक्त नहीं होंगे।
बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षकों में से 16,614 शिक्षकों का 26 जून को अंतर जनपदीय आनलाइन स्थानांतरण किया गया। इसमें 9536 शिक्षकों का भारांक और 7078 शिक्षकों का बिना भारांक के आधार पर स्थानांतरण किया गया था। बिना भारांक के आधार पर स्थानांतरण पाने वालों को एक जून तक कार्यमुक्त कर दिया गया है। इसके अलावा दिव्यांग, गंभीर बीमार से पीड़ित, पति या पत्नी के केंद्र या राज्य सरकार की सेवा में होने और एकल अभिभावक का भारांक पाकर स्थानांतरित होने वालों को दो जून को कार्यमुक्त किया गया। कार्यमुक्त करने से पहले भारांक के लिए लगाए गए प्रमाण पत्रों की जांच हुई।
69000 भर्ती की शिक्षिकाओं को कार्यमुक्त करने पर रोक
■ परिषदीय शिक्षकों के अंतर जनपदीय तबादले का मामला
■ बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने सभी बीएसए को दिया निर्देश
प्रयागराज | परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के अंतर जनपदीय स्थानान्तरण में नया पेच फंस गया है। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि 69000 शिक्षक भर्ती में चयनित शिक्षकों को अगले आदेश तक कार्यमुक्त न किया जाए।
सचिव के इस आदेश से हजारों शिक्षिकाएं प्रभावित होंगी, क्योंकि शिक्षिकाओं को ही दो साल की सेवा पर तबादले का लाभ दिया गया है। शिक्षकों को किसी जिले में पांच साल की सेवा के बाद आवेदन की अनुमति दी गई थी। जबकि 69000 शिक्षक भर्ती 2020 में हुई थी।
एक जुलाई के पत्र में सचिव ने लिखा है कि 69000 भर्ती को लेकर हाईकोर्ट के 13 मार्च के आदेश के खिलाफ स्पेशल अपील दायर की गई है। फिलहाल हाईकोर्ट का आदेश प्रभावी है। ऐसे में एक जून 2020 की चयन सूची संशोधित होने पर अभ्यर्थियों के जिला आवंटन में परिवर्तन होने की संभावना को देखते हुए 69000 भर्ती के शिक्षकों को कार्यमुक्त न किया जाए। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने 13 मार्च को 69000 भर्ती की चयन सूची पर पुनर्विचार के आदेश सरकार को दिए थे।
जनपद आवंटन में परिवर्तन होने की सम्भावना के दृष्टिगत 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में चयनित शिक्षकों को अग्रतर आदेश तक कार्यमुक्त होने पर लगी रोक।
जनपद आवंटन में परिवर्तन होने की सम्भावना के दृष्टिगत 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में चयनित शिक्षकों को अग्रतर आदेश तक कार्यमुक्त होने पर लगी रोक।
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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5:05 AM
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