डीएलएड की 1.33 लाख सीटें फिर रह गईं खाली, आवदेन तिथि बढ़ाने के बाद भी बनी रही बेरुखी, प्रदेश में साढ़े चार साल से कोई शिक्षक भर्ती न आने और प्राथमिक शिक्षक भर्ती में बीएड मान्य होने के बाद से डीएलएड के प्रति रुझान कम हुआ

डीएलएड की 1.33 लाख सीटें फिर रह गईं खाली,  आवदेन तिथि बढ़ाने के बाद भी बनी रही बेरुखी

प्रदेश में साढ़े चार साल से कोई शिक्षक भर्ती न आने और प्राथमिक शिक्षक भर्ती में बीएड मान्य होने के बाद से डीएलएड के प्रति रुझान कम हुआ 


प्रयागराज : डीएलएड प्रशिक्षण 2023 में प्रवेश को ऑनलाइन पंजीकरण के लिए दोबारा मौका मिलने के बावजूद 1,33,603 सीटें खाली रह गईं। शासन की अनुमति के बाद परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने आवेदन की अंतिम तिथि 27 जुलाई तक और फीस जमा करने की 28 जुलाई तक बढ़ाई थी। इसके बावजूद निर्धारित तिथि तक 121246 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया, जिनमें से 99747 अभ्यर्थियों ने प्रवेश लेने के लिए फीस जमा की है। पूरी तरह से भरे हुए आवेदन पत्र के प्रिंट आउट लेने की अंतिम तिथि 30 जुलाई है।


इस बार प्रदेश के 67 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) व सीटीई की 10600 और 2974 निजी कॉलेजों की 222750 कुल 233350 सीटों पर प्रवेश दिया जाना है। साफ है कि सवा लाख से अधिक सीटें खाली रह जाएंगी। इससे पहले अंतिम तिथि 27 जून तक तकरीबन 57 हजार अभ्यर्थियों ने ही पंजीकरण कराया था।


जिसके चलते आवेदन के लिए 27 जुलाई तक एक बार और मौका दिया गया था। प्रदेश में साढ़े चार साल से कोई शिक्षक भर्ती न आने और प्राथमिक शिक्षक भर्ती में बीएड मान्य होने के बाद से डीएलएड के प्रति रुझान कम हुआ है। यही कारण है कि प्रदेशभर के 28 निजी कॉलेजों ने इस साल प्रवेश लेने से इनकार कर दिया है।
डीएलएड की 1.33 लाख सीटें फिर रह गईं खाली, आवदेन तिथि बढ़ाने के बाद भी बनी रही बेरुखी, प्रदेश में साढ़े चार साल से कोई शिक्षक भर्ती न आने और प्राथमिक शिक्षक भर्ती में बीएड मान्य होने के बाद से डीएलएड के प्रति रुझान कम हुआ Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 6:47 AM Rating: 5

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