69000 शिक्षक भर्ती में एक अंक के मामले में अवमानना को लेकर दो शिक्षाधिकारियों पर आरोप तय, देखें कोर्ट ऑर्डर

69000 शिक्षक भर्ती में एक अंक के मामले में अवमानना को लेकर दो शिक्षाधिकारियों पर आरोप तय, देखें कोर्ट ऑर्डर




एक अंक मामले में 69000 शिक्षक भर्ती विवाद में हाईकोर्ट ने तय किया आरोप, अवमानना पर बेसिक शिक्षा परिषद और परीक्षा नियामक प्राधिकारी को कोर्ट में देना होगा जवाब


लखनऊ :  वर्ष 2019 की 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में एक अंक के विवाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख अब काफी सख्त है। कोर्ट ने बार- बार अवसर मौका देने के बाद भी आदेश का अनुपालन न करने पर सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल और सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी पर अवमानना का आरोप तय कर दिया है।


 कोर्ट ने दो सप्ताह में दोनों अधिकारियों को कोर्ट के समक्ष उपस्थित हो कर अवमानना के आरोपों पर जवाब देने का आदेश दिया है। इसके साथ मामले में अगली सुनवाई 19 दिसंबर को तय की है। न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने सुरंगमा शुक्ला की अवमानना याचिका पर यह आदेश पारित किया है।


कोर्ट ने पिछली सुनवाई में निर्देश दिया था कि यदि अगली सुनवाई तक राज्य सरकार की ओर से रिट कोर्ट के आदेश पर अपीलीय अदालत का कोई आदेश अथवा अनुपालन शपथ पत्र नहीं दाखिल होता तो कोर्ट सम्बंधित अधिकारियों के खिलाफ अवमानना के आरोप तय करेगी। 


 आदेश के बावजूद शुक्रवार की सुनवाई में भी रिट कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया, जिस पर कोर्ट नै क्हा कि हमारे पास दोनों अधिकारियों के विरुद्ध अवमानना का आरोप तय करने के सिवाय दूसरा विकल्प नहीं बचा है। कोर्ट ने हालांकि यह भी छूट दी है कि दोनों अधिकारी इस दौरान अनुपालन शपथ पत्र दाखिल कर सकते हैं और  यदि वे ऐसा करते हैं तो आरोपों पर सुनवाई से पूर्व अनुपालन शपथ पत्र पर विचार किया जाएगा। 


उल्लेखनीय है कि उक्त 69000 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में शैक्षिक परिभाषा संबंधी एक प्रश्न पर एक अंक बढ़ाते हुए मेरिट कट आफ गुणांक के अनुसार अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश पारित किया गया था। इस आदेश के खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी, लेकिन नौ नवंबर 2022 को अपील खारिज हो गई। इसके बाद भी रिट कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है।



दोनों अधिकारी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाना बंद करें और कोर्ट के आदेश का अनुपालन करें, हाईकोर्ट की बेसिक शिक्षा परिषद सचिव और परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव को नसीहत
 

69 हजार शिक्षक भर्ती में एक अंक बढ़ाने का मामला

हाई कोर्ट  ने कहा- दोनों अधिकारी एक-दूसरे लगा रहे पर आरोप, निर्देशों का नहीं कर रहे पालन


प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 69 हजार शिक्षक  भर्ती में एक अंक बढ़ाने के मामले में दिए गए आदेश का अनुपालन न करने पर बेसिक शिक्षा सचिव प्रताप सिंह बघेल और परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी को 28 नवंबर को तलब किया है।


 कोर्ट ने कहा है कि मामले में दोनों अधिकारी आपस मे बैठकर कोई ठोस रास्ता निकालें और अगली सुनवाई पर कोर्ट को बताएं। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने उपेंद्र कुमार दयाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।


इसके पहले कोर्ट ने दोनों अधिकारियों की ओर से दाखिल हलफनामे को रिकॉर्ड पर ले लिया लेकिन अधिकारियों के जवाब पर नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने कहा कि दोनों अधिकारी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं लेकिन कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं कर रहे हैं।


 कोर्ट ने कहा है कि दोनों अधिकारी एक साथ बैठकर इस मामले में कोई ठोस निष्कर्ष निकाले ताकि 28 नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई पर कोई ठोस योजना के साथ कोर्ट के समक्ष उपस्थित हो। अन्यथा, अपीलीय कोर्ट के आदेश की अवमानना में दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


 कोर्ट ने दोनों अधिकारियों से कहा है कि उन्हें आदेश का अनुपालन न करने का स्पष्टीकरण भी देना होगा कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए।



पीएनपी और बेसिक शिक्षा परिषद सचिव एक्शन प्लान सहित 28 नवम्बर को हाईकोर्ट में तलब, 69000 शिक्षक भर्ती में गलत सवाल का एक अंक देने का मामला, मांगा गया स्पष्टीकरण


प्रयागराजः प्रदेश में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में गलत सवाल का एक अंक देने संबंधी आदेश का पालन नहीं करने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज के सचिव प्रताप सिंह बघेल और उप्र परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी को 28 नवंबर को तलब किया है। 

साथ ही इस बात के लिए स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों न उनके खिलाफ आदेश की अवहेलना करने पर अवमानना कार्रवाई की जाए? कोर्ट ने कहा है कि इससे पहले दोनों अधिकारी एक साथ बैठकर आदेश के अनुपालन का हल निकालें और एक्शन प्लान के साथ आएं।


यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने दिया है। कोर्ट ने कहा, दोनों अधिकारियों ने हलफनामे दाखिल किए हैं और एक दूसरे पर आदेश का पालन न करने का आरोप लगाया है। याचिका पर एक अंक देने के आदेश की सुप्रीम कोर्ट ने भी पुष्टि की है। इसके बावजूद आदेश का पालन करने का रास्ता नहीं निकल पा रहा है। अधिकारी आरोप प्रत्यारोप में व्यस्त हैं। 


सहायक अध्यापक भर्ती मामले में एक प्रश्न के गलत उत्तर पर कोर्ट ने सवाल हल करने वाले अभ्यर्थियों को एक अंक देकर परिणाम घोषित करने का आदेश दिया था। कहा था कि इसका  पहले से चयनित पर कोई असर नहीं होगा। सरकार आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक गई किंतु कोई राहत नहीं मिली। आदेश का पालन न करने पर यह अवमानना याचिका दायर की गई है। साल भर बाद भी आदेश का पालन नहीं हुआ है।


हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच द्वारा 25 अगस्त, 2021 को दिए गए आदेश का अनुपालन न कर पाने पर स्पष्टीकरण देने के लिए दोनों अधिकारियों को कोर्ट ने व्यक्तिगत रूप से बुलाया है। याचियों के अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी और राहुल कुमार मिश्र ने कहा, दोनों ही अधिकारी सिर्फ एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोप पल्ला झाड़ रहे हैं। 


सुप्रीम कोर्ट का आदेश होने के बाद नियुक्ति देने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार नौ नवंबर, 2022 को हार चुकी है। पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने नियुक्ति संबंधी प्रगति के बारे में बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव और पीएनपी सचिव से शपथपत्र मांगा था।


यह है मामला

विज्ञापन दिसंबर 2018 में जारी हुआ था। परीक्षा जनवरी 2019 में हुई। परिणाम 12 मई, 2020 को घोषित किया गया। चयन सूची एक जून, 2020 को जारी हुई थी। पीएनपी सचिव ने हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन में याची अभ्यर्थियों से प्रत्यावेदन लेकर सत्यापन कर पात्र मिले 2249 अभ्यर्थियों की सूची सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को मार्च 2023 में भेज दी है। परिषद सचिव की ओर से अंतिम चयनित गुणांक के अनुसार चयन सूची तैयार की जानी है।



69000 अध्यापक भर्ती मामले में कोर्ट ने जताई नाराजगी, हाईकोर्ट ने पूछा क्यों नहीं कर रहे आदेश का अनुपालन?  

प्रयागराज । हाईकोर्ट ने 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में एक अंक देने के मामले आदेश का अनुपालन नहीं करने के संदर्भ में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज से 24 घंटे में हलफनामा मांगा है। कोर्ट ने उनसे पूछा है कि आदेश का अनुपालन क्यों नहीं कर रहे हैं। प्रथमदृष्टया यह न्यायालय की अवमानना है।


 कोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल को पक्षकार बनाने की अनुमति देते हुए याचिका को 23 नवंबर को पेश करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने उपेंद्र कुमार दयाल व अन्य की अवमानना याचिका पर दिया है।


याची के अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी और राहुल मिश्र ने कोर्ट से प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डॉ एमकेएस सुंदरम को पक्षकार बनाने की अनुमति मांगी। कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया। सरकार की ओर से कहा गया कि इसी मामले में लखनऊ पीठ में विशेष अपील लंबित है। अपील तय होने तक सुनवाई स्थगित की जाए। 


अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी ने इस पर आपत्ति की। कहा कि सरकार ने विशेष अपील दाखिल नहीं की है। अभ्यर्थी की अपील है और उस पर कोई अंतरिम आदेश नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट तक ने गलत प्रश्न पर एक नंबर देकर परिणाम में सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश दिया है, जिसका पालन नहीं किया जा रहा है।


एक अंक मामले में  न दाखिल किया हलफनामा...खफा कोर्ट ने 24 घंटे में तलब किया स्पष्टीकरण

69000 सहायक अध्यापक भर्ती : बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव से मांगा हलफनामा


प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से सहायक अध्यापकों की भर्ती की गलत उत्तर कुंजी जारी करने पर याचियों को एक नंबर देने के आदेश का अनुपालन करने में परीक्षा नियामक प्राधिकारी फिर असफल रहा। इससे नाराज कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव से 24 घंटे के भीतर आदेश के अनुपालन न होने का कारण स्पष्ट करते हुए हलफनामा तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 23 नवंबर को होगी।


यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की अदालत ने याची उपेंद्र कुमार दयाल व अन्य की ओर से दाखिल अवमानना याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए दिया है। गौरतलब है कि 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में जारी हुई गलत उत्तर कुंजी को अभ्यार्थियों ने इलाहाबाद और लखनऊ बेंच में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने 25 अगस्त 2021 को गलत उत्तर कुंजी के एवज में अभ्यार्थियों को एक नंबर प्रदान करने का आदेश दिया था। इस आदेश को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा अभ्यार्थियों के पक्ष में पारित आदेश पर अपनी मुहर लगाई थी।


हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट के आदेशों के बावजूद नियामक प्राधिकारी द्वारा अभ्यार्थियों को एक अंक न प्रदान किए जाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ बेंच में याचियों ने अवमानना याचिका दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान लखनऊ बेंच ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल और नियामक प्राधिकारी के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी को तलब किया था। 


।इलाहाबाद हाईकोर्ट में पिछली सुनवाई के दौरान 17 नवंबर को कोर्ट ने नियुक्ति व अंक प्रदान करने संबंधी कार्य प्रगति के बारे में बेसिक शिक्षा परिषद से जानकारी मांगने के साथ परीक्षा नियामक प्राधिकारी के सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा तलब किया था। 


मंगलवार को नियत सुनवाई के दौरान बेसिक शिक्षा और नियामक प्राधिकारी की ओर से लखनऊ बेंच में लंबित अपील का हवाला देते हुए न प्रगति रिपोर्ट पेश की गई न ही हलफनामा दाखिल नहीं किया गया। जिससे खफा कोर्ट ने इसे प्रथम दृष्टया अवमानना माना। 


दोनों पक्ष की दलील...

 बेसिक शिक्षा परिषद के वकील यतींद्र ने दलील दी। लखनऊ बेंच में स्पेशल अपील लंबित है। जब तक वह मामला तय नहीं हो जाता तब तक कट ऑफ तय नहीं किया जा सकता। वहीं, याचियों के अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी और राहुल कुमार मित्र की प्रार्थना पर कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद के प्रमुख सचिव डॉ. एमकेएस सुंदरम को अवमानना याचिका में पक्षकार बनाने की अनुमति दे दी। अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि लखनऊ में आरक्षण से संबंधित लंबित अपील न तो राज्य सरकार की ओर से दाखिल की गई है न ही बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से। इस मामले से लंबित अपील का कोई वास्ता और सरोकार नही है।
69000 शिक्षक भर्ती में एक अंक के मामले में अवमानना को लेकर दो शिक्षाधिकारियों पर आरोप तय, देखें कोर्ट ऑर्डर Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 9:19 AM Rating: 5

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