लखनऊ। प्रदेश में तीन लाख से अधिक दिव्यांग छात्रों की पहली बार विशेष परीक्षा की जाएगी। भाषा व गणित में इनकी दक्षता को परखा जाएगा। दिव्यांग छात्रों को भी निपुण बनाने के लिए अगले वर्ष मार्च के अंत में यह परीक्षा कराई जाएगी। परीक्षा के परिणाम के आधार पर जरूरी सुधार किया जाएगा ताकि उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप उनको सामान्य स्तर पर अवसर प्रदान किया जा सके।


महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद की ओर से सभी जिलाें के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जिला व ब्लाक स्तर पर टीमें गणित कर इस परीक्षा की निगरानी करें। राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से शिक्षकों को इसके लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा।


समर्थ एप पर पंजीकृत दिव्यांग छात्रों को पढ़ाने के लिए विशेष कैंप के साथ-साथ विशेष शिक्षकों के माध्यम से इन्हें पढ़ाया जाता है। विद्यार्थियों ने कितना और क्या सीखा इसका अभी तक बेहतर ढंग से मूल्यांकन नहीं हो रहा था। अब परिषदीय स्कूलों के सामान्य विद्यार्थियों की तरह ही इन दिव्यांग छात्रों की भी परीक्षा लेकर इन्हें निपुण बनाया जाएगा।


विद्यार्थियों की परीक्षा ओएमआर शीट पर ली जाएगी और फिर उसे सरल एप पर अपलोड किया जाएगा। फिलहाल कक्षा एक से कक्षा आठ तक के इन दिव्यांग छात्रों को ने कितना सीखा इसका आंकलन करने के लिए एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) और जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्रशिक्षुओं की मदद से किया जाएगा।