मान्यता प्राप्त शासकीय एवं अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षण कार्य अवधि का हुआ पुनःनिर्धारण, देखें शासनादेश

मान्यता प्राप्त शासकीय एवं अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षण कार्य अवधि का पुनःनिर्धारण सरकारी गजट में प्रकाशित 




माध्यमिक विद्यालयों के लिए जारी किए गए दिशा निर्देश

• नए सत्र में 220 शैक्षिक दिवस जरूरी, साल भर में 1200 घंटे का शिक्षण कार्य अनिवार्य

• प्रतिदिन कम से कम 6 घंटे विद्यालयों में बच्चों को पढ़ाया जरूरी, इसमें प्रार्थना सभा और इंटरवल का समय भी शामिल


माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाई का समय एक घंटे बढ़ा, शासन ने NEP के तहत किया बड़ा बदलाव, पांच की जगह अब छह घंटे होगी पढ़ाई


लखनऊ। प्रदेश के राजकीय, सहायता प्राप्त व वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों में पठन-पाठन का समय एक घंटे बढ़ा दिया गया है। शासन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति- - 2020 (एनईपी) का और नेशनल क्रेडिट  फ्रेमवर्क का हवाला देते हुए तय किया है कि माध्यमिक विद्यालयों में अब पांच की  जगह प्रतिदिन छह घंटे पढ़ाई होगी। इसके लिए गर्मी व जाड़े में विद्यालय का अलग अलग समय निर्धारित किया गया है।

वर्तमान व्यवस्था के अनुसार माध्यमिक विद्यालयों में एक अप्रैल से 30 सितंबर  तक सुबह 7.30 से दोपहर 12.30 बजे तक पढ़ाई होती है। जबकि एक अक्तूबर से 31 मार्च तक सुबह 8.50 से दोपहर 2.50 बजे तक का समय निर्धारित है।

शासन ने तय किया है कि अब एक अप्रैल से 30 सितंबर तक विद्यालय सुबह 7.30 से दोपहर 1.30 बजे तक और एक अक्तूबर से 31 मार्च तक सुबह 9.30 से दोपहर 3.30 बजे तक पढ़ाई होगी।

माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव उमेश चंद्र ने कहा है कि एनईपी के तहत हर क्लास के लिए 40 क्रेडिट देने व 1200 घंटे की पढ़ाई का समय निर्धारित है। वर्तमान में एक दिन में औसतन पांच घंटे और एक शैक्षिक सत्र में औसतन 1100 घंटे की पढ़ाई होती है। अब हर दिन छह घंटे और एक सत्र में न्यूनतम 1200 घंटे की पढ़ाई होगी।

इसमें प्रार्थना सभा, इंटरवल व अन्य गतिविधियां शामिल हैं। अपरिहार्य स्थिति में विद्यालय बंद किए जाने पर, बचे हुए घंटों की पूर्ति अन्य दिन विद्यालय का समय बढ़ाकर किया जाएगा। 

महानिदेशक स्कूल शिक्षा को उन्होंने इस संदर्भ में आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। वहीं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) के प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी ने कहा कि अप्रैल-मई की भीषण गर्मी में विद्यालयों का समय बढ़ाना बच्चों की सेहत के लिहाज से ठीक नहीं है। बाकी ओवरऑल यह निर्णय स्वागतयोग्य है।



मान्यता प्राप्त शासकीय एवं अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षण कार्य अवधि का हुआ पुनःनिर्धारण, देखें शासनादेश 

(1) 01 अप्रैल से 30 सितम्बर प्रातः 7.30 बजे से 15 मिनट प्रार्थना सभा पहली बैठक में 7.45 बजे से 40 मिनट के चार वादन, विश्रान्तिकाल 10.25 बजे से 25 मिनट, 10.50 बजे से दूसरी बैठक में 40 मिनट के चार वादन अपराहन 1.30 बजे तक।


(2) 01 अक्टूबर से 31 मार्च प्रातः 9.30 बजे से 15 मिनट प्रार्थना-समा, पहली बैठक में 9.45 बजे से 40 मिनट के चार वादन, विश्रान्तिकाल 12.25 बजे 25 मिनट का, 12.50 बजे से दूसरी बैठक में 40 मिनट के चार वादन अपराहन 3.30 बजे तक।


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