अनुपस्थित बच्चों को पास करना सही नहीं : नो डिटेंशन पालिसी की समीक्षा बैठक में आया सुझाव
• अनुपस्थित बच्चों को पास करना सही नहीं
• आरटीई में नो डिटेंशन पालिसी की समीक्षा बैठक में आए कई सुझाव
• शिक्षकों को दी जाए सतत एवं व्यापक मूल्यांकन प्रणाली की ट्रेनिंग
शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) के तहत बच्चों को आठवीं तक फेल नहीं करने की नीति का समर्थन करने के बावजूद कई राज्य चाहते हैं कि जो बच्चे कक्षा में ज्यादातर अनुपस्थित रहते हैं उन्हें अगली कक्षा में प्रोन्नत नहीं किया जाना चाहिए। यही नहीं राज्यों ने शिक्षकों की संख्या में वृद्धि किए जाने तथा उन्हें सतत एवं व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) की ट्रेनिंग दिए जाने पर भी जोर दिया है।
केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) ने आरटीई के तहत आठवीं तक नो डिटेंशन पालिसी की समीक्षा के लिए हरियाणा की शिक्षा मंत्री गीता भुक्खल की अध्यक्षता में एक सब कमेटी का गठन किया है। इसी सब कमेटी की तीसरी बैठक में शुक्रवार को विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों ने ये सुझाव दिए।
बैठक में गीता भुक्खल ने कहा कि सीसीई से बच्चों के सीखने की प्रक्रिया में कमी का पता चलता है, जिसे सुधारने के लिए उपाय किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नो डिटेंशन पालिसी को लेकर एक वर्ग का मत है कि बच्चों को फेल होने का डर नहीं होगा तो वे पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं लेंगे, जिससे शिक्षा का स्तर गिरेगा। छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री बृज मोहन अग्रवाल ने कहा कि शिक्षकों की कमी सतत एवं व्यापक मूल्यांकन प्रणाली के रास्ते में मुख्य समस्या है। उन्होंने आरटीई को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए पर्याप्त आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग रखी।
उत्तर प्रदेश की ओर से बैठक में शामिल शिक्षा सचिव सुनील कुमार ने भी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को उचित प्रशिक्षण और प्रोत्साहन दिया जाना चाहिये। डॉ. किरण देविंद्रा ने एनसीइआरटी और सीबीएसई के बीच तालमेल बढ़ाने पर जोर दिया। डॉ. अनीस अहमद ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय का प्रेजेंटेशन दिया।
• आरटीई में नो डिटेंशन पालिसी की समीक्षा बैठक में आए कई सुझाव
• शिक्षकों को दी जाए सतत एवं व्यापक मूल्यांकन प्रणाली की ट्रेनिंग
शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) के तहत बच्चों को आठवीं तक फेल नहीं करने की नीति का समर्थन करने के बावजूद कई राज्य चाहते हैं कि जो बच्चे कक्षा में ज्यादातर अनुपस्थित रहते हैं उन्हें अगली कक्षा में प्रोन्नत नहीं किया जाना चाहिए। यही नहीं राज्यों ने शिक्षकों की संख्या में वृद्धि किए जाने तथा उन्हें सतत एवं व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) की ट्रेनिंग दिए जाने पर भी जोर दिया है।
केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) ने आरटीई के तहत आठवीं तक नो डिटेंशन पालिसी की समीक्षा के लिए हरियाणा की शिक्षा मंत्री गीता भुक्खल की अध्यक्षता में एक सब कमेटी का गठन किया है। इसी सब कमेटी की तीसरी बैठक में शुक्रवार को विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों ने ये सुझाव दिए।
बैठक में गीता भुक्खल ने कहा कि सीसीई से बच्चों के सीखने की प्रक्रिया में कमी का पता चलता है, जिसे सुधारने के लिए उपाय किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नो डिटेंशन पालिसी को लेकर एक वर्ग का मत है कि बच्चों को फेल होने का डर नहीं होगा तो वे पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं लेंगे, जिससे शिक्षा का स्तर गिरेगा। छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री बृज मोहन अग्रवाल ने कहा कि शिक्षकों की कमी सतत एवं व्यापक मूल्यांकन प्रणाली के रास्ते में मुख्य समस्या है। उन्होंने आरटीई को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए पर्याप्त आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग रखी।
उत्तर प्रदेश की ओर से बैठक में शामिल शिक्षा सचिव सुनील कुमार ने भी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को उचित प्रशिक्षण और प्रोत्साहन दिया जाना चाहिये। डॉ. किरण देविंद्रा ने एनसीइआरटी और सीबीएसई के बीच तालमेल बढ़ाने पर जोर दिया। डॉ. अनीस अहमद ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय का प्रेजेंटेशन दिया।
अनुपस्थित बच्चों को पास करना सही नहीं : नो डिटेंशन पालिसी की समीक्षा बैठक में आया सुझाव
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
6:52 AM
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4 comments:
बलकुल सही बात है
फेल का डर तो होना ही चाहिए
STUDENT JO SCHOOL NIYMIT NHI AA RHE H OR APNI CLASS ME PASS BHI NHI HO PA RHE H UNKO AGLI CLASS ME PRAVESH NCHAHIYEHI DENA
( AGLI CLAS S ME PRAVESH NHI DENA CHAHIYE)PADHA JAYE
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