किताबों की सुधरेगी क्वालिटी : बदलेगा मानक और जल्द मिलेंगी किताबें

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी और उच्च प्राइमरी स्कूलों की किताबों की क्वालिटी में और सुधार लाने की तैयारी है। कागज की मोटाई 60 ग्राम स्क्वॉयर मीटर (जीएसएम) से बढ़ाकर 70 करने और चमक भी बढ़ाने की तैयारी है। बेसिक शिक्षा निदेशालय के प्रस्ताव पर शासन स्तर पर सहमति बन गई है और जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी ले ली जाएगी। this post is being copied from http://news.primarykamaster.com/

बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन आने वाले प्राइमरी और उच्च प्राइमरी तथा संबद्ध प्राइमरी स्कूलों में कक्षा 8 तक पढ़ने वाले करीब पौने तीन करोड़ बच्चों को मुफ्त किताब देने की योजना है। परिषदीय स्कूलों में बच्चों को मौजूदा समय जो किताबें दी जा रही हैं उसकी क्वालिटी काफी अच्छी नहीं है। इसके चलते किताबें जल्द फट जाती हैं। इसलिए बेसिक शिक्षा परिषद चाहती है कि बच्चों को ऐसी किताबें दी जाएं जो जल्द न फटने पाएं। इसीलिए कागज की मोटाई बढ़ाने, सुपर क्वालिटी इंक का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव है। इससे छपाई लागत आठ से 10 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है।


बदलेगी छपाई नीति
किताबों की छपाई नीति बदलने की तैयारी है। मौजूदा नीति के मुताबिक फरवरी में टेंडर कराकर 15 जून तक किताबों की आपूर्ति ली जाती है। जुलाई से सितंबर तक किताबें बांटी जाती हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय चाहता है कि किताबों की छपाई के लिए टेंडर अब 1 दिसंबर तक हर हाल में हो जाए। 20 मार्च तक किताबें छपकर स्कूलों में पहुंच जाएं, जिससे 1 अप्रैल से सत्र शुरू होने के दौरान बच्चों को किताबें बांट दी जाएं।
नीति बदलने की वजह
मुफ्त किताबों की छपाई के लिए नीति बदलने की मुख्य वजह सत्र को लेकर है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों का सत्र 1 अप्रैल से निर्धारित किया है। बेसिक शिक्षा विभाग को भी इसके आधार पर ही सत्र 1 अप्रैल से करना है। पहले स्कूल 1 जुलाई से खुलता था, इसलिए किताबें जुलाई में बांटी जाती थीं, लेकिन जब अप्रैल में स्कूल खुलेगा तो किताबें भी इसी समय बांटी जाएंगी।

खबर साभार : अमर उजाला 

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किताबों की सुधरेगी क्वालिटी : बदलेगा मानक और जल्द मिलेंगी किताबें Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 7:46 AM Rating: 5

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