प्रशिक्षु शिक्षकों के अभी भी 14 हजार पद खाली : जिलों को बताना होगा पद खाली रहने का कारण, अब तक 41 जिलों ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए जाने संबंधी सूचनाएँ नहीं उपलब्ध कराई
- सभी जिलों को आज हरहाल में देनी होगी सूचना
लखनऊ।
प्राइमरी स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती की छह माह पहले
शुरू हुई प्रक्रिया अभी भी पूरी नहीं हो पाई है। स्थिति यह है कि प्रदेश
में अभी भी 14,811 पद खाली हैं। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण
परिषद (एससीईआरटी) को मिली सूचना के मुताबिक प्रदेश भर में अब तक 58,014
प्रशिक्षु शिक्षकों ने ज्वाइन कर लिया है। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता
ने बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान भर्ती प्रक्रिया के प्रगति की
जानकारी प्राप्त की। उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को सख्त निर्देश
दिया है कि बृहस्पतिवार अपराह्न तीन बजे तक जिलेवार भरे और खाली पदों के
साथ फर्जी प्रमाण के आधार पर निकाले जाने वालों की सूचना उपलब्ध कराने का
निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में छह जुलाई को पूरी सूचना
देनी है। सूचना न देने वाले जिलों में गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर भी शामिल
हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर परिषदीय
स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने की प्रक्रिया 19
जनवरी से शुरू की गई है। प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती प्रक्रिया जिलाधिकारी,
बेसिक शिक्षा अधिकारी और डायट प्राचार्यों के खींचतान में पूरी नहीं हो पा
रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक अब तक प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती
प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए, लेकिन अभी तक नहीं हो पाई है। मेरठ जैसे शहर
में 12 पद होने के बाद भी मात्र छह पद ही भरे जा सके हैं। लखीमपुर खीरी
में अभी भी 340 के करीब पद खाली हैं। सचिव बेसिक शिक्षा ने वीडियो
कांफ्रेंसिंग के दौरान बेसिक शिक्षा अधिकारियों से कहा है कि वह सूचना देते
समय पद खाली रहने का कारण स्पष्ट करें। यह जरूर बताएं कि पद खाली रहने के
पीछे किसकी लापरवाही है। इसके साथ ही सूचना न देने वाले जिलों के बेसिक
शिक्षा अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा है कि एससीईआरटी को निर्धारित
प्रारूप पर सूचना उपलब्ध करा दी जाए। सूचना न देने वालों के खिलाफ कड़ी
कार्रवाई की जाएगी।
- इन जिलों ने अभी नहीं दी सूचना
आगरा,
अलीगढ़, अंबेडकर नगर, अमेठी, बागपत, बलरामपुर, बांदा, बहराइच, बरेली,
बस्ती, बिजनौर, बदायूं, चित्रकूट, देवरिया, फैजाबाद, गाजियाबाद,
गौतमबुद्धनगर, गोंडा, हरदोई, जालौन, कन्नौज, कानपुर देहात, कुशीनगर,
महाराजगंज, महोबा, मैनपुरी, मथुरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, रायबरेली,
सहारनपुर, संभल, शाहजहांपुर, श्रावस्ती, सीतापुर, सिद्धार्थनगर, संतकबीर
नगर और वाराणसी।
खबर साभार : अमर उजाला
- कोर्ट में दाखिल करना है हलफनामा
- प्रशिक्षु शिक्षकों के 14811 पद अब भी खाली
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में अब भी 14811 पद खाली हैं। प्रशिक्षु शिक्षकों के अब तक 58014 पदों पर चयनित अभ्यर्थियों ने ही अब तक कार्यभार ग्रहण किया है। बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती की समीक्षा के दौरान यह तथ्य सामने आया है।
प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती के सिलसिले में बेसिक शिक्षा विभाग को छह जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र दाखिल करना है। लिहाजा सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) के प्राचार्यो के साथ प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान पाया गया कि अब तक 41 जिलों ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए जाने वाले शपथपत्र से संबंधित सूचनाएं राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को नहीं भेजी है। लिहाजा सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने इन 41 जिलों के बीएसए को निर्देश दिया है कि वे हर हाल में गुरुवार को दोपहर तीन बजे तक एससीईआरटी को यह सूचना उपलब्ध कराएं कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार जिले में कार्यभार ग्रहण करने वाले अभ्यर्थियों का विवरण वेबसाइट पर उपलब्ध कराया है या नहीं।
फर्जी अंकपत्रों के आधार पर आवेदन करने और नियुक्ति पाने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ उन्होंने कानूनी कार्रवाई की है या नहीं। यदि नहीं तो क्यों? सभी बीएसए से जिले में रिक्त रह गए पदों का कारण भी पूछा गया है। एससीईआरटी निदेशक ने भी इन 41 जिलों के बीएसए को पत्र लिखकर उनसे गुरुवार दोपहर तीन बजे तक निर्धारित प्रारूप पर सभी सूचनाएं मांगी हैं। 1वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान शिक्षामित्रों के दूसरे बैच के समायोजन की भी समीक्षा हुई जिसमें पता चला कि अब भी लगभग 15 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन होना बाकी है। समायोजित होने वाले शिक्षामित्रों की संख्या के सापेक्ष शिक्षकों के सृजित पद कम पड़ जाने की वजह से करीब 17 जिलों में समायोजन में दिक्कत महसूस की जा रही है।6कोर्ट में दाखिल करना है हलफनामा
साभार : जागरण |
प्रशिक्षु शिक्षकों के अभी भी 14 हजार पद खाली : जिलों को बताना होगा पद खाली रहने का कारण, अब तक 41 जिलों ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए जाने संबंधी सूचनाएँ नहीं उपलब्ध कराई
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
6:40 AM
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