शिक्षा मित्रों के मसले पर काट निकालने में जुटे अफसर : सुप्रीम कोर्ट में 27 जुलाई को सुनवाई के दौरान रखा जाएगा राज्य सरकार का पक्ष
लखनऊ
(ब्यूरो)। सुप्रीम कोर्ट से शिक्षा मित्रों को बिना टीईटी शिक्षक बनाए
जाने को अवैध करार देने के साथ प्रक्रिया रोकने संबंधी आदेश आने के दूसरे
दिन मंगलवार को बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी मथापच्ची में जुट गए। शिक्षा
अधिकारी अब इस कोशिश में हैं कि कैसे इसकी काट निकाली जाए, जिससे सुप्रीम
कोर्ट से राहत मिल सके। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने बेसिक शिक्षा
निदेशक डीबी शर्मा के साथ अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली के उस संशोधन पर चर्चा की
गई, जिसमें शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाने का प्रावधान किया गया था।
शिक्षा
का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद परिषदीय स्कूलों में शिक्षक बनने के
लिए टीईटी पास करना अनिवार्य कर दिया गया है। प्रदेश में 27 जुलाई 2011 को
उत्तर प्रदेश निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली जारी
करते हुए टीईटी का यह प्रावधान किया गया। इसके बाद भी शिक्षा मित्रों को
दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से दो वर्षीय बीटीसी का प्रशिक्षण देकर बिना टीईटी
शिक्षक बनाए जाने का निर्णय कर लिया गया।
प्रदेश
में अब तक 1,35,826 शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाया जा चुका है। सचिव
बेसिक शिक्षा ने मंगलवार को अधिकारियों के साथ बैठक में सुप्रीम कोर्ट के
आदेश पर चर्चा की। बेसिक शिक्षा निदेशक से जानकारी प्राप्त की गई कि शिक्षा
मित्रों को शिक्षक बनाने के लिए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा
नियमावली में क्या व्यवस्था की गई है। सुप्रीम कोर्ट में इसके आधार पर
कितना बचाव हो सकता है। इस संबंध में सचिव बेसिक शिक्षा कहते हैं कि
सुप्रीम कोर्ट का आदेश अभी नहीं मिला है, लेकिन आगे की प्रक्रिया रोक दी गई
है। सुप्रीम कोर्ट में 27 जुलाई को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार का पक्ष
रखा जाएगा।
शिक्षा मित्रों के मसले पर काट निकालने में जुटे अफसर : सुप्रीम कोर्ट में 27 जुलाई को सुनवाई के दौरान रखा जाएगा राज्य सरकार का पक्ष
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:07 AM
Rating:
No comments:
Post a Comment