बीच सत्र में शिक्षकों को सेवानिवृत्त करने पर रोक : राज्य सरकार को एक माह में जवाब देने का निर्देश
विधि
संवाददाता, इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मध्य सत्र में सेवानिवृत्त हो
रहे प्राइमरी स्कूलों के अध्यापकों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने याचियों
को सेवानिवृत करने के आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से एक माह में
जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने मुजफ्फरनगर के दुर्गा मंदिर कन्या जूनियर हाईस्कूल की अध्यापिका सुधा वर्मा के अलावा कई अन्य की याचिकाओं पर दिया है। संत कबीरनगर के जगदीश यादव, बुलन्दशहर के विश्वम्भर सिंह राघव, गाजियाबाद के ईश्वर सिंह ने भी याचिकाएं दाखिल कर सत्र का लाभ दिए जाने की मांग की। याचियों का कहना है कि पहले जुलाई से जून तक का शिक्षा सत्र होता था जिसकी वजह से सत्र के बीच में सेवानिवृत होने वाले अध्यापकों को 30 जून तक कार्य करने दिया जाता था। इस वर्ष सरकार ने शिक्षा सत्र में बदलाव करते हुए सत्र अप्रैल से मार्च कर दिया है। ऐसे में जून में सेवानिवृत हो रहे शिक्षक सत्र के मध्य में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। शिक्षा सत्र का लाभ देते हुए इन्हें मार्च 2016 तक कार्य करने दिया जाए।
शिक्षा नियमावली के अनुसार शिक्षक शिक्षा सत्र के अंत में ही सेवानिवृत होगा। ऐसी व्यवस्था छात्रों की शिक्षा को देखते हुए अपनाई गई है। बीच सत्र में शिक्षकों को सेवानिवृत होने से छात्रों की शिक्षा का नुकसान होगा। याचिका की अगली सुनवाई चार अगस्त को होगी।
खबर साभार : दैनिक जागरण
बीच सत्र में शिक्षकों को सेवानिवृत्त करने पर रोक : राज्य सरकार को एक माह में जवाब देने का निर्देश
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:14 AM
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