शिक्षक भर्ती : 15 हजार शिक्षक भर्ती में नव सृजित पदों को जोड़ने की मांग हुई तेज, पदों को बढ़ाने की जंग का अगला पड़ाव अब लखनऊ में
इलाहाबाद : प्राथमिक स्कूलों में 15 हजार शिक्षकों की भर्ती में नित-नए कीर्तिमान गढ़े जा रहे हैं। पहले प्रक्रिया शुरू कराने और फिर उसमें प्रवेश पाने की लंबी लड़ाई चली। अब यह जंग पदों को बढ़ाने में तब्दील हो गई है। यह मांग पहले अलग-अलग बैच के युवा कर रहे थे, लेकिन अब सब समवेत स्वर में उठा रहे हैं। इलाहाबाद में इस संबंध में प्रदर्शन भी हो चुका है। आंदोलन का अगला पड़ाव लखनऊ होने जा रहा है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 15 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया नौ दिसंबर 2014 से चल रही है। अब तक तीन मर्तबा आवेदन लिए गए और एक बार काउंसिलिंग हुई। हर बार नए-नए दावेदारों को मौका दिया जा रहा है। परिषद ने पहली बार बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी, उर्दू बीटीसी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों, दूसरी बार में केवल डीएड यानी विशेष शिक्षा वाले अभ्यर्थियों से और तीसरी बार हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में विशिष्ट बीटीसी 2004, 2007 व 2008 उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन लिया गया। चौथी बार हाईकोर्ट के फरमान पर बीएलएड धारकों को भर्ती में शामिल करने का मौका दिया गया। इसी अवधि को बढ़ाकर 15 जनवरी तक कर दिया गया है, ताकि इसमें बीटीसी 2012 बैच समेत अन्य छूटे हुए सभी अभ्यर्थियों को भी मौका मिल सके।
परिषद में तीसरी बार जब आवेदन लेने की प्रक्रिया जब पूरी हुई तब तक करीब 45 हजार आवेदन आ चुके थे। यह संख्या और बढ़ने के आसार हैं। अभ्यर्थियों की धड़कनें तेज हैं, उनका कहना है कि जिस तरह से नए-नए साथियों को मौका दिया जा रहा है उसके सापेक्ष पुराने अभ्यर्थी हाशिए पर चले जाएंगे। परिषद ने नए प्राथमिक स्कूलों के लिए पदों का सृजन किया था। उसमें 19948 पद भरे जाने हैं। उनमें से 3500 पद उर्दू शिक्षकों से भरने की घोषणा हुई है बाकी पदों यानी 16448 पदों को 15 हजार शिक्षक भर्ती में जोड़ दिया जाए, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को मौका मिल जाए और स्कूलों में शिक्षकों की कमी भी पूरी हो जाएगी। अब तक इस संबंध में कोई निर्देश नहीं हुआ है। अभ्यर्थियों ने शिक्षा निदेशालय में इसके लिए धरना दिया था। अब 12 जनवरी को लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान पर फिर धरना देंगे, ताकि पदों को बढ़ाकर सबको मौका दिया जा सके।
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