शिक्षक बनने की कतार में आए और याची, याची से प्रशिक्षु शिक्षक बने 839 की तदर्थ नियुक्ति के बाद मांग तेज
इलाहाबाद : विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद भी बेसिक शिक्षा परिषद को नियुक्ति न होने का उलाहना सुनना पड़ रहा है। पिछले दिनों शासन के निर्देश पर याची से प्रशिक्षु शिक्षक बने 839 की तदर्थ नियुक्ति के बाद मांग तेज हो गई है।
युवाओं का कहना है कि 24 फरवरी 2016 को शीर्ष कोर्ट ने प्रदेश सरकार से अन्य याचियों का भी संज्ञान लेने को कहा था। सरकार अब उनकी भी नियुक्ति करें। कोर्ट के आदेश का अनुपालन करने में आचार संहिता आड़े नहीं आएगी।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक के रूप में नियुक्ति पाने के लिए तमाम युवाओं ने न्यायालय में याचिका दाखिल कर रखी थी। सात दिसंबर 2015 में शीर्ष कोर्ट ने निर्देश दिया था कि यदि याचिका करने वाले युवा शिक्षक बनने की अर्हता रखते हैं तो उन्हें तैनाती दी जाए। कोर्ट में उस समय याचिका करने वालों की संख्या 1100 बताई गई थी। इसके अनुपालन में परिषद ने 862 युवाओं को तदर्थ शिक्षक के रूप में तैनाती दे दी थी, क्योंकि तब तक इतने ही आवेदन प्राप्त हो सके थे।
इन्हें प्रशिक्षु शिक्षक चयन 2011 के रूप में नियुक्ति मिली थी। उनका प्रशिक्षण पूरा होने के बाद परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने इम्तिहान कराया और उसमें 839 प्रशिक्षु शिक्षक सफल हुए हैं। शासन ने तदर्थ शिक्षक के रूप में इन्हें नियुक्त करने का आदेश दिया है। अब अन्य याची भी नियुक्ति पाने के लिए आगे आए हैं।
याची संजीव मिश्र की अगुवाई में गुरुवार को शिक्षा निदेशालय में बड़ी संख्या में युवाओं ने प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि 24 फरवरी को दिए गए शीर्ष कोर्ट के निर्देश का सरकार अनुपालन करे। दिन भर यहां गहमागहमी बनी रही। युवाओं ने परिषद को ज्ञापन भी सौंपा है और यह आंदोलन शुक्रवार को भी जारी रहेगा। इसमें प्रदेश भर से युवा शिरकत करने पहुंचे हैं। उनका कहना है कि सरकार को अब टालमटोल नहीं करना चाहिए।
No comments:
Post a Comment