प्रदेश के 2300 स्पेशल टीचरों की होगी दोहरी जांच, सुप्रीम कोर्ट ने स्क्रीनिंग कमेटी बनाकर जांच करने के दिए थे आदेश

प्रदेश के 2300 स्पेशल टीचरों की होगी दोहरी जांच, सुप्रीम कोर्ट ने स्क्रीनिंग कमेटी बनाकर जांच करने के दिए थे आदेश 

17 जुलाई 2025
लखनऊ । प्रदेश के 2300 स्पेशल टीचरों की दो स्तरीय जांच होगी। इसके तहत पहले चरण में स्पेशल टीचरों की जिलाधिकारी एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी की सदस्यता वाली टीम प्रत्येक स्पेशल टीचर की शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण सर्टिफिकेटों की जांच करेंगी। साथ ही उनकी नियुक्ति, योग्यता, डिग्री, व दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने की दक्षता भी यह टीम जांच करेगी। दूसरे चरण में राज्य स्तर पर सभी का सत्यापन बेसिक शिक्षा विभाग करेगा और विशेष अध्यापक पात्रता परीक्षा भी लेगा।

पिछली सरकारों के कार्यकाल में बड़ी संख्या में अयोग्य स्पेशल टीचरों की भर्ती किए जाने की शिकायतों की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने स्क्रीनिंग कमेटी बनाकर जांच करने के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने पूरे प्रकरण पर पर्दा डालने की कोशिश की थी।  इसके बाद बनी स्क्रीनिंग कमेटी ने दो दिन पूर्व रिपोर्ट दाखिल कर दी है।

कमेटी की संस्तुति

दूसरे चरण की स्क्रीनिंग में एक वर्ष के भीतर स्पेशल टीचरों की दक्षता के लिए एक वर्ष में दो बार विशेष अध्यापक पात्रता परीक्षा का आयोजन एनसीटीई करेगी। स्पेशल टीचर की सेवा अवधि को देखते हुए उन्हें विशेष अध्यापक पात्रता परीक्षा में प्रतिभाग किए जाने के लिए 60 वर्ष तक की उम्र की छूट दी गई है जो की शायद प्रदेश ही नहीं देश में पहली बार होगा।




सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार शासन ने बनाई कमेटी, नियुक्त किए गए विशेष शिक्षकों की दक्षता की करेगी जांच 

02 जुलाई 2025
लखनऊ । दिव्यांग बच्चों की शिक्षा में अयोग्य विशेष अध्यापकों के सिंडिकेट के टूटने की उम्मीदें जगी हैं। शासन ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार नई उच्च स्तरीय समिति गठित कर दी है। इससे अब विशेष शिक्षकों की नियुक्ति में हुई गड़बड़ी के खुलासे के आसार हैं।


दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश भर में कार्यरत करीब 2300 विशेष अध्यापकों की डिग्री, दक्षता एवं योग्यता की जांच के लिए राज्य दिव्यांगजन आयुक्त की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय स्क्रीनिंग समिति बनाने के निर्देश दिए थे, परन्तु बेसिक शिक्षा विभाग ने इसे ठन्डे बस्ते में डालने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विपरीत बेसिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में अपने चहेते चार अधिकारियों की समिति बना दी थी।

इस पूरे प्रकरण  पर शासन ने इसे संज्ञान में लिया और अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार की ओर से तीन सदस्यीय स्क्रीनिंग समिति का गठन कर दिया गया है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ही कमेटी बनाई गई है, जिसमें राज्य दिव्यांगजन आयुक्त प्रो. हिमांशु शेखर झा, सचिव बेसिक शिक्षा तथा भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) के एक विशेषज्ञ को सदस्य बनाया गया है। यह समिति शिक्षकों की जांच करेगी।


शासन ने तीन सदस्यीय कमेटी बना दी है जल्द ही कमेटी अपना कार्य शुरू करेगी। _ प्रो. हिमांशु शेखर झा, राज्य दिव्यांगजन आयुक्त, उत्तर प्रदेश
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