पढ़ाई नहीं, खिचड़ी पर है बच्चों का ध्यान : मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री ने मिड-डे मील पर खड़े किए सवाल
वाराणसी। मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री प्रो.रामशंकर कठेरिया ने मिड-डे मील योजना पर सवालिया निशान लगाए हैं। उन्होंने कहा कि बच्चे स्कूलों में पढ़ने के लिए नहीं, बल्कि खीर और खिचड़ी खाने के लिए जाते हैं।
बीएचयू के के के. एन. उडुप्पा हॉल में कम्युनल हॉरमोनी पर सोमवार को आयोजित इंटरनैशनल सेमिनार में प्रो.कठेरिया बतौर चीफ गेस्ट शामिल हुए। उन्होंने कहा कि मिड-डे मील के चलते बच्चे बैग में किताब और कॉपी रखना भूल गए और उसकी जगह टिफिन और बर्तनों ने ले ली। उनका पूरा ध्यान भी पढ़ाई की बजाए खाने पर ही लगा रहता है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश में 32 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिनके पैरों में चप्पल नहीं है। गरीबी और जनजातीय समस्याओं को देश के विकास के लिए सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए उन्होंने कहा कि ज्यादा लोगों के शिक्षित होने पर ही इस समस्या से निबटा जा सकता है।
बीएचयू के के के. एन. उडुप्पा हॉल में कम्युनल हॉरमोनी पर सोमवार को आयोजित इंटरनैशनल सेमिनार में प्रो.कठेरिया बतौर चीफ गेस्ट शामिल हुए। उन्होंने कहा कि मिड-डे मील के चलते बच्चे बैग में किताब और कॉपी रखना भूल गए और उसकी जगह टिफिन और बर्तनों ने ले ली। उनका पूरा ध्यान भी पढ़ाई की बजाए खाने पर ही लगा रहता है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश में 32 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिनके पैरों में चप्पल नहीं है। गरीबी और जनजातीय समस्याओं को देश के विकास के लिए सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए उन्होंने कहा कि ज्यादा लोगों के शिक्षित होने पर ही इस समस्या से निबटा जा सकता है।
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Reviewed by Brijesh Shrivastava
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8:30 AM
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