पहले से शिक्षा मित्रों की नौकरी पर लटकती रही तलवार, शिक्षामित्रों के संगठन अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में

  • पहले से शिक्षा मित्रों की नौकरी पर लटकती रही तलवार

आरटीई(शिक्षा का अधिकार अधिनियम) लागू होने के बाद से ही शिक्षा मित्रों पर लगातार तलवार लटकती रही। आरटीई में पूर्णकालिक शिक्षक का प्रावधान है। ऐसे में शिक्षा मित्रों को हटाए जाने की बात भी उठी थी। प्रदेश में भारी संख्या में शिक्षकों की कमी को देखते हुए यह तय हुआ कि इन्हें ही प्रशिक्षण देकर शिक्षक बना दिया जाए। पांच साल बाद अब शिक्षा मित्र नियमित हुए तो अब सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी। इस बीच इनके भविष्य को लेकर सवाल खड़े हुए। प्रदेश में कुल 1,72,000 शिक्षा मित्र हैं।

शिक्षा मित्रों का समायोजन पुराने शासनादेश के तहत किया गया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने टीईटी में छूट का अधिकार प्रदेश सरकार को दिया था। हम सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे। -गाजी इमाम आला, प्रदेश अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ

यह है मामला
यूपी में 2009 में नियम में बदलाव कर 12वां संशोधन किया गया। इसके तहत टीईटी की मेरिट लिस्ट के आधार पर टीचरों की भर्ती का नियम तय किया गया। इसके बाद टीईटी के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए और भर्ती के लिए पेपर हुए। इसी बीच 2011 में यूपी में नई सरकार ने नियम में 15 वां संशोधन किया और नए नियम के तहत कहा गया कि क्वालिटी मार्क्स के आधार पर टीचरों की भर्ती होगी। इसके तहत एकेडमिक क्वालिफिकेशन के मार्क्स को तरजीह दी जाएगी। इसके बाद इस मामले में विवाद हुआ।
साभार : नवभारत 



Enter Your E-MAIL for Free Updates :   


पहले से शिक्षा मित्रों की नौकरी पर लटकती रही तलवार, शिक्षामित्रों के संगठन अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 8:00 AM Rating: 5

No comments:

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.