नौकरी बचाने को शिक्षामित्र अब छेड़ेंगे कानूनी जंग : आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन ने बनाई रणनीति
- शिक्षामित्र सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से रखेंगे पक्ष
इलाहाबाद
(ब्यूरो)। सुप्रीम कोर्ट की ओर से शिक्षामित्रों के समायोजन पर रोक लगाए
जाने के बाद शुक्रवार को शिक्षक भवन साउथ मलाका में आदर्श शिक्षामित्र
वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक में विचार विमर्श किया गया। संघ केप्रदेश अध्यक्ष
जितेन्द्र शाही ने कहा कि हम लोग प्रदेश के 1.70 लाख शिक्षामित्रों के
भविष्य की लड़ाई कोर्ट में मजबूती के साथ लड़ेंगे। 27 जुलाई को आगामी
सुनवाई में शिक्षामित्रों का पक्ष मतबूती से रखा जाएगा। बैठक का संचालन
जिलाध्यक्ष अश्वनी त्रिपाठी ने किया। बैठक में प्रदेश महामंत्री विश्वनाथ
कुशवाहा, बनवारी लाल गौतम सहित बड़ी संख्या में शिक्षामित्र मौजूद रहे।
साभार : अमर उजाला |
इलाहाबाद : वर्षो के संघर्ष से नौकरी पक्की हो गई। हाथ में सहायक अध्यापक पद का नियुक्तिपत्र आते ही दुनिया बदल गई। अधिकतर को अपनी कामयाबी पर विश्वास ही नहीं हो रहा था। खुशी का सिलसिला थमा भी नहीं था कि सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश ने सबको मायूस कर दिया। यहां बात हो रही है शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक पद पर समायोजित होने वाले शिक्षकों की। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सबकी नौकरी पर खतरा सा मंडराने लगा है। नौकरी बचाने के लिए अब कानूनी जंग की तैयारी चल रही है। सरकार पीछे न हटे इसके लिए शुक्रवार का आयोजित आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांतीय सम्मेलन में रणनीति तैयार की गई।
परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर करने एवं पठन-पाठन की व्यवस्था में सुधार करने के उद्देश्य से सन् 1999-2000 से शिक्षामित्रों की भर्ती शुरू हुई। प्रदेशभर में 1.72 लाख शिक्षामित्रों की नियुक्ति हुई। शिक्षामित्रों ने स्थाई करने की मांग को लेकर आंदोलन चलाया। प्रदेश सरकार ने जुलाई 2011 में शिक्षामित्रों को दो साल का दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से बीटीसी प्रशिक्षण दिलाकर सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की। अगस्त 2014 को प्रथम चरण में प्रशिक्षण प्राप्त 62 हजार शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन हुआ। मंडल में इलाहाबाद के 1445, फतेहपुर के 945, कौशांबी के 564 और प्रतापगढ़ के 1100 के लगभग शिक्षामित्र समायोजित हुए। द्वितीय चरण में प्रदेश भर में सत्तर हजार शिक्षामित्रों का समायोजन मई 2015 में हुआ। तृतीय चरण में 22 हजार के लगभग शिक्षामित्र प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने छह जुलाई को अपने आदेश में टीईटी उत्तीर्ण हुए बिना समायोजित हुए शिक्षामित्रों की नियुक्ति अवैध करार दे दिया। इससे समायोजित शिक्षामित्रों का भविष्य अधर में लटक गया है।
शिक्षक भवन में आयोजित एसोसिएशन ककेप्रांतीय सम्मेलन में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने कहा कि शिक्षामित्रों की नौकरी बचाने के लिए प्रत्येक स्तर पर लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि 27 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर पुन: सुनवाई होनी है। इसमें हम मजबूती से अपना पक्ष रखेंगे। राज्य सरकार मामले में उचित कार्रवाई करे उसके लिए मुख्यमंत्री पर दबाव बनाया जाएगा। संचालन जिला अध्यक्ष अश्वनी त्रिपाठी ने किया। इस दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष बनवारी लाल गौतम, सोम प्रकाश, शारदा प्रसाद शुक्ल, राजेश गौतम, अरुण, विजय सिंह गौर आदि मौजूद थे।
- मानव संसाधन विकास मंत्री को भेजा पत्र
इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश प्राथमिक
शिक्षामित्र संघ के बैनर तले शुक्रवार को सिविल लाइंस के सुभाष चौराहे पर
प्रदर्शन किया गया। नेतृत्व कर रहे जिलाध्यक्ष वसीम अहमद ने कहा कि
यूपीटीईटी वर्ष 2011 में व्यापक स्तर पर अनियमितता हुई थी। ऐसे में उसे
शिक्षक भर्ती का आधार कैसे बनाया जा सकता है। प्रदर्शनकारियों ने मानव
संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी, मुख्यमंत्री एवं निदेशक एनसीटीई को पत्र
लिखकर उचित कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शन में सुरेंद्र पांडेय, जनार्दन
पांडेय, मुकेश पटेल आदि मौजूद रहे।
खबर साभार : दैनिक जागरण
नौकरी बचाने को शिक्षामित्र अब छेड़ेंगे कानूनी जंग : आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन ने बनाई रणनीति
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:30 AM
Rating:
No comments:
Post a Comment