निगरानी : प्रदेश भर के स्कूलों पर लखनऊ से ही रखी जाएगी नजर, शिक्षकों के कार्यों का लेखा जोखा भी रहेगा, बेसिक स्कूलों पर विद्या समीक्षा केंद्र की नजर, शिक्षकों और अधिकारियों को हर माह 1.2 लाख कॉल की जा रहीं

निगरानी : प्रदेश भर के स्कूलों पर लखनऊ से ही रखी जाएगी नजर, शिक्षकों के कार्यों का लेखा जोखा भी रहेगा

बेसिक स्कूलों पर विद्या समीक्षा केंद्र की नजरशिक्षकों और अधिकारियों को हर माह 1.2 लाख कॉल की जा रहीं

20 से अधिक डैशबोर्ड वाले डाटा विजुअलाइजेशन टूल भी केंद्र में


लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग ने अपनी सारी योजनाओं व कार्यक्रमों के साथ-साथ सभी स्कूलों पर नजर रखने के लिए लखनऊ में 'विद्या समीक्षा केन्द्र' की स्थापना की है। इससे स्कूलों के शिक्षक से लेकर छात्रों तक पर नजर रखी जाएगी।


 बीते जनवरी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस विद्या समीक्षा केन्द्र (वीएसके) की आधारशिला रखी थी, जो अब पूरी तरह से तैयार है और काम भी करने लगा है। इस केन्द्र में निपुण भारत मानिटरिंग सेंटर (एनबीएमसी) भी है, जिसमें 20 से अधिक डेशबोर्ड वाले डाटा विजुअलाइजेशन टूल शामिल हैं, जो शिक्षक गाइड, सीखने की सामग्री, मध्यान्ह भोजन, शिक्षक और छात्र उपस्थिति के उपयोग सहित कक्षा संकेतकों में वास्तविक समय की प्रगति को दिखाते हैं। 


एनबीएमसी के डैशबोर्ड को बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए), से लेकर ब्लाक शिक्षा अधिकारी (बीईओ), राज्य संसाधन समूह (एसआरजी) तथा शैक्षिक संसाधन व्यक्ति (एआरपी) डैशबोर्ड पर प्रदर्शित हो रहे सभी डाटा को देख सकते हैं।


यही नहीं प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (की परफार्मेन्स इंडिकेटर) प्रदेश स्तर पर तथा बीएसए जिला स्तर और बीईओ ब्लाक स्तर पर नजर रखकर जरूरी सुधार के लिए आदेश- निर्देश दे सकते हैं। 60 सीटर कॉल सेंटर: विद्या समीक्षा केन्द्र में 60 सीटर कॉल सेंटर भी बना है जो नियमित रूप से प्रदेश स्तर के परिणामों को ट्रैक करता है।


 फिलहाल, तय समय के लक्ष्य को हासिल करने के लिए उनकी प्रगति के आधार पर शैक्षणिक एवं प्रशासनिक अधिकारियों को हर महीने औसतन 1.2 लाख कॉल किए जाते हैं ताकि योजना हो या कार्यक्रम या फिर स्कूल वर्क सभी तय समय के भीतर पूरा हो सकें।



Vidya Samiksha Kendra: बेसिक स्कूलों की योजनाओं, कार्यक्रमों व हर गतिविधियों पर नजर रख रहा है ‘विद्या समीक्षा केन्द्र'



बेसिक शिक्षा विभाग ने अपनी सारी योजनाओं व कार्यक्रमों के साथ-साथ सभी स्कूलों पर नजर रखने के लिए लखनऊ में विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना की है। यह केन्द्र पूरी तरह से हाइटेक है, जिससे स्कूलों के शिक्षक से लेकर छात्रों तक पर नजर रखी जाएगी। बीते जनवरी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस विद्या समीक्षा केन्द्र (वीएसके) की आधारशिला रखी थी, जो अब पूरी तरह से तैयार है और काम भी करने लगा है।


इस केन्द्र में निपुण भारत मानिटरिंग सेंटर (एनबीएमसी) भी है, जिसमें  20 से अधिक डेशबोर्ड वाले डाटा विजुअलाइजेशन टूल  शामिल हैं, जो शिक्षक गाइड, सीखने की सामग्री, मध्यान्ह भोजन, शिक्षक और छात्र उपस्थिति के उपयोग सहित कक्षा संकेतकों में वास्तविक समय की प्रगति को दिखाते हैं। एनबीएमसी के डैशबोर्ड को बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए), से लेकर ब्लाक शिक्षा अधिकारी (बीईओ), राज्य संसाधन समूह (एसआरजी) तथा शैक्षिक संसाधन व्यक्ति (एआरपी) डैशबोर्ड पर प्रदर्शित हो रहे सभी डाटा को देख सकते हैं।


यही नहीं प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (की परफार्मेन्स इंडिकेटर) प्रदेश स्तर पर तथा बीएसए जिला स्तर और बीईओ ब्लाक स्तर पर नजर रखकर जरूरी सुधार के लिए आदेश- निर्देश दे सकते हैं।


सूचनाओं को ट्रैक करने के लिए है 60 सीटर कॉल सेंटर

विद्या समीक्षा केन्द्र में 60 सीटर कॉल सेंटर भी बना है जो नियमित रूप से एनबीएमसी के माध्यम से प्रदेश स्तर के परिणामों को ट्रैक करता है और फील्ड कैडर को सूचनाएं प्राप्त करने में मदद करता है। फिलहाल, तय समय के लक्ष्य को हासिल करने के लिए उनकी प्रगति के आधार पर शैक्षणिक एवं प्रशासनिक अधिकारियों को हर महीने औसतन 1.2 लाख कॉल किए जाते हैं ताकि योजना हो या कार्यक्रम या फिर स्कूल वर्क सभी तय समय के भीतर पूरा हो सकें।


कार्यों के मूल्यांकन में भी होता है डैशबोर्ड का इस्तेमाल

बच्चों के सीखने के परिणामों को ट्रैक करने के लिए विभाग के प्रदेश स्तरीय मुख्यालय की तरफ से अलग-अलग अंतराल पर कई मूल्यांकन आयोजित किये जाते हैं। इस मूल्यांकन के परिणामों को भी ट्रैक करने के लिए डैशबोर्ड का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही पाठ्य पुस्तक वितरण से लेकर कक्षा परिवर्तन एवं स्कूलों के मौजूदा ढांचों की जरूरतों को भी इसका प्रयोग किया जाता है।

निगरानी : प्रदेश भर के स्कूलों पर लखनऊ से ही रखी जाएगी नजर, शिक्षकों के कार्यों का लेखा जोखा भी रहेगा, बेसिक स्कूलों पर विद्या समीक्षा केंद्र की नजर, शिक्षकों और अधिकारियों को हर माह 1.2 लाख कॉल की जा रहीं Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 6:35 AM Rating: 5

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