माह अक्‍टूबर 2023 मे प्रस्‍तावित विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्‍तक अभियान तथा संचारी रोगो एवं दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण एवं कार्यवाही के संबंध में

स्कूलों के छात्रों के स्वास्थ्य पर नजर रखेंगे प्रधानाध्यापक


लखनऊ : परिषदीय स्कूलों के छात्रों के स्वास्थ्य पर प्रधानाध्यापक नजर रखेंगे। संचारी रोग नियंत्रण अभियान में इन्हें नोडल अधिकारी बनाया गया है। अगर विद्यालय में अधिक संख्या में विद्यार्थियों को डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया आदि के लक्षण अगर हैं, तो पीएचसी से तत्काल डाक्टर को स्कूल बुलाकर लाएंगे।

प्रदेश के कुल 1.36 लाख परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले 1.91 करोड़ विद्यार्थियों को विभिन्न रोगों से बचाने के लिए स्कूलों में जागरुकता अभियान भी चलाया जाएगा। अभिभावकों को बताया जाएगा कि साफ- सफाई से वह रोगों से बचाव कर सकते हैं। विद्यालयों में प्रतियोगिताएं भी आयोजित कराई जाएंगी।


संचारी रोगों से बचाव के लिए प्रत्येक स्कूल में एक अध्यापक को बनाया जायेगा नोडल  

यूपी: अब फुल पैंट-शर्ट पहनकर आएंगे प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों के बच्चे, सरकार ने जारी किए निर्देश
 

बच्चों को संचारी रोगों से बचाव के लिए योगी सरकार ने निर्देश दिए हैं कि परिषदीय विद्यालयों के छात्रों को फुल पैंट शर्ट में आने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। विद्यालय प्रांगण में पानी का जमाव न होने दिया जाए। मच्छरों से संबंधित फागिंग कराई जाए। साथ ही नोडल अध्यापक के माध्यम से छात्रों को डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक किया जाए। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के निर्देश पर बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव की ओर से सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर कहा गया है कि तीन अक्टूबर से शुरू हो रहे संचारी रोग नियंत्रण अभियान में बेसिक शिक्षा विभाग भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाए। परिषदीय स्कूलों व निजी स्कूलों में संचारी रोगों के प्रति जागरूकता को लेकर गतिविधियां आयोजित कराई जाएं। पत्र में निर्देशों का कड़ाई से पालन किए जाने को भी कहा गया है। 


विद्यालय में उपलब्ध कराएं चिकित्सीय परीक्षण और उपचार 

पत्र में कहा गया है कि परिषदीय विद्यालयों के छात्रों को निर्देश दिए जाएं कि वह विद्यालय फुल पैंट शर्ट पहनकर आएं, जिससे कि मच्छरों से फैलने वाली बीमारी जैसे डेंगू, मलेरिया इत्यादि से बचा जा सके। साथ ही ये भी निर्देश दिए गए हैं कि यदि विद्यालय में अत्यधिक संख्या में छात्र-छात्राएं बुखार से पीड़ित हों तो तत्काल पीएचसी को सूचित करते हुए डॉक्टर से चिकित्सीय परीक्षण एवं समुचित उपचार सुनिश्चित कराया जाए। 


विद्यालय और आसपास न हो जलभराव 

संचारी रोग खासकर मलेरिया, डेंगू इत्यादि के नियंत्रण व रोकथाम के लिए आवश्यक है कि परिषदीय विद्यालयों के प्रांगण के साथ-साथ उसके आसपास की जगहों पर साफ-सफाई की पूर्ण व्यवस्था की जाए। चूंकि डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां जलभराव के कारण होती हैं, इसलिए विद्यालय प्रांगण व आसपास कहीं भी जलभराव न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। विद्यालय में गमलों, टायरों, बोलतों आदि में लगाए गए पौधों में भी पानी जमा न हो यह सुनिश्चित किया जाए। स्थानीय निकाय के पदाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर विद्यालय में मच्छरों से संबंधित फागिंग कराई जाए।  


प्रत्येक स्कूल में हो नोडल अध्यापक 

प्रत्येक स्कूल में एक स्वास्थ्य नोडल अध्यापक तैनात किया जाए जो विद्यार्थियों को डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया इत्यादि से बचाव के लिए जागरूक करे। स्वास्थ्य नोडल अध्यापक समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर बीमारियों से बचाव के उपाय भी बताए। साथ ही विभिन्न कक्षाओं में शिक्षक वाट्सएप ग्रुप बनाकर अभिभावकों को उससे जोड़ें और समय-समय पर उन्हें जागरूक करने के लिए वीडियो भेजें। आनलाइन मीटिंग के माध्यम से भी उन्हें सतर्क करें।


फुल पैंट शर्ट पहनकर स्कूल आएं बच्चे, संचारी रोगों से बचाव के लिए दिए गए निर्देश, तीन अक्तूबर से शुरू हो रहा संचारी रोग नियंत्रण अभियान


लखनऊ। संचारी रोगों से बचाव के लिए स्कूली बच्चों को फुल पैंट-शर्ट में स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित किया जाए ताकि मच्छरों से फैलने वाली बीमारी जैसे डेंगू, मलेरिया आदि से उन्हें बचा जा सके। विद्यालय परिसर में पानी का जमाव न होने पाए, फागिंग भी कराई जाए। साथ ही हर स्कूल में एक नोडल अध्यापक बनाकर उनके माध्यम से छात्रों को डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक किया जाए।

बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को यह निर्देश जारी किया है। उन्होंने स्कूलों में तीन से 31 अक्टूबर के बीच संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान के तहत विभिन्न आयोजन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि परिषदीय स्कूलों में संचारी रोगों के प्रति जागरूकता को लेकर गतिविधियां आयोजित की जाएं। उन्होंने कहा है कि यदि विद्यालय में ज्यादा छात्र-छात्राएं बुखार से पीड़ित हों तो तत्काल पीएचसी को सूचित कर उपचार कराया जाए।




माह अक्‍टूबर 2023 में प्रस्‍तावित विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्‍तक अभियान तथा संचारी रोगों व दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण/कार्यवाही किये जाने के सम्‍बन्‍ध में।



संचारी रोगों से बचाव के लिए अब प्रत्येक स्कूल में एक अध्यापक को बनाया जायेगा नोडल  


लखनऊ : संचारी रोगों से बचाव के लिए अब प्रत्येक स्कूल में एक स्वास्थ्य नोडल अध्यापक होगा। यह अध्यापक शिक्षक विद्यार्थियों को डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया इत्यादि से बचाव के लिए जागरूक करेगा।


स्वास्थ्य नोडल अध्यापक समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर बीमारियों से बचाव के उपाय भी बताएगा। इतना ही नहीं विभिन्न कक्षाओं में शिक्षक वाट्सएप ग्रुप बनाकर अभिभावकों को उससे जोड़ेंगे और समय-समय पर उन्हें जागरूक करने के लिए वीडियो भेजेंगे। आनलाइन मीटिंग के माध्यम से भी उन्हें सतर्क करेंगे। किसी स्कूल में कई छात्र बुखार से पीड़ित हैं तो स्वास्थ्य नोडल अध्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से डाक्टर को बुलाकर उनका उपचार कराना सुनिश्चित करेगा ।


बेसिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव की ओर से सभी जिलों के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि तीन अक्टूबर से शुरू हो रहे संचारी रोग नियंत्रण अभियान में बेसिक शिक्षा विभाग भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाए। परिषदीय स्कूलों व निजी स्कूलों में गतिविधियां आयोजित हों इसे सुनिश्चित किया जाए। समय-समय पर स्कूलों की शिक्षाधिकारी जांच भी करें। विद्यार्थी फुल पैंट व शर्ट पहनकर ही स्कूल आएं।


माह अक्‍टूबर 2023 मे प्रस्‍तावित विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्‍तक अभियान तथा संचारी रोगो एवं दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण एवं कार्यवाही के संबंध में



माह अक्‍टूबर 2023 मे प्रस्‍तावित विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्‍तक अभियान तथा संचारी रोगो एवं दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण एवं कार्यवाही के संबंध में Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 3:41 AM Rating: 5

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