15 लाख अभ्यर्थियों को सात साल से प्राथमिक शिक्षक भर्ती का इंतजार, शिक्षा सेवा चयन आयोग को अधियाचन तो दूर रिक्त पदों का डेटा भी उपलब्ध नहीं करा सका बेसिक शिक्षा विभाग
15 लाख अभ्यर्थियों को सात साल से प्राथमिक शिक्षक भर्ती का इंतजार, शिक्षा सेवा चयन आयोग को अधियाचन तो दूर रिक्त पदों का डेटा भी उपलब्ध नहीं करा सका बेसिक शिक्षा विभाग
68,500 शिक्षक भर्ती में रिक्त रह गए 27,713 पदों भर्ती प्रक्रिया अटकी
प्रयागराज। परिषदीय विद्यालयों में सात साल से शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं होने से करीब 15 लाख डीएलएड, बीटीसी व सीटीईटी अभ्यर्थी नौकरी के लिए भटक रहे हैं। परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक भर्ती के लिए वर्ष 2018 में दो विज्ञापन जारी किए गए थे। पहला विज्ञापन 68,500 पदों और दूसरा विज्ञापन 69 हजार पदों पर भर्ती के लिए आया था। 68,500 - शिक्षक भर्ती में 27,713 पद रिक्त रह गए थे।
न्यायालय ने तीन माह के भीतर नया विज्ञापन जारी कर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था।
डीएलएड मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष विशु यादव का कहना है कि न्यायालय के आदेश को सात माह बीत चुके हैं लेकिन नई भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की गई। प्रतिवर्ष 2.10 लाख अभ्यर्थी कोर्स करते हैं और इसके बाद नौकरी के लिए भटकते हैं।
डीएलएड समेत उत्तर परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक शिक्षक भर्ती की जिम्मेदारी अब उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के पास है। आयोग की अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पांडेय तीन बार बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा निदेशालय के अफसरों के साथ बैठक कर नई भर्ती शुरू करने के लिए रिक्त पदों का अधियाचन उपलब्ध कराने को कह चुकी हैं। अधियाचन नहीं मिलने पर भर्ती अटकी हुई है। इस बारे में शासन को पत्र भेजकर शिकायत भी दर्ज कराई जा चुकी है। सूत्रों का कहना है कि अधियाचन तो दूर, बेसिक शिक्षा परिषद ने रिक्त पदों का डाटा तक उपलब्ध नहीं कराया है। जब तक अधियाचन नहीं मिला, तब तक नई भर्ती के लिए विज्ञापन भी जारी नहीं किया सकता।
68500 में रिक्त 27,713 पदों पर सात माह बाद भी भर्ती शुरू नहीं
● हाईकोर्ट ने अगस्त में नए सिरे से विज्ञापन निकालकर दो माह में भर्ती करने के दिए थे आदेश
● बेसिक शिक्षा विभाग ने अभी तक शुरू नहीं की प्रक्रिया, नवगठित आयोग को करनी है भर्ती
प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में 1.20 लाख पद खाली
प्रयागराज : परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में रिक्त 27713 पदों पर भर्ती सात महीने बाद भी शुरू नहीं हो सकी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अगस्त 2024 के अंत में बेसिक शिक्षा विभाग को दो महीने में नए सिरे से भर्ती शुरू करने के आदेश दिए थे। यह भर्ती नवगठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को करनी है पर बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने भर्ती के लिए आयोग को रिक्त पदों की सूचना (अधियाचन) नहीं भेजी है। विभाग के अफसर प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात मानक के अनुसार बता रहे हैं।
सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2018 के न्यूनतम अंक को सामान्य व आरक्षित वर्ग के लिए क्रमशः 45 व 40 बरकरार रखने के एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दायर अपीलों को निस्तारित करते हुए हाईकोर्ट ने अवशेष 27713 पदों को भरने के लिए दो महीने में कदम उठाने के आदेश दिए थे। इस कटऑफ के आधार पर 41,556 अभ्यर्थियों का चयन हो सका था। कोर्ट ने इस मामले में अपील करने वाले अभ्यर्थियों को अधिकतम उम्र सीमा में छूट देने पर भी विचार करने का आदेश दिया था।
इस मामले में कुछ अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मेरिट गिराकर रिक्त पद भरने की गुहार लगाई थी। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने छह दिसंबर को मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डबल बेंच के आदेश में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया था। इसके बाद माना जा रहा था कि नया विज्ञापन जारी कर रिक्त 27,713 पदों पर भर्ती की जाएगी। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के पौने आठ महीने और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साढ़े चार महीने बाद भी चयन प्रक्रिया को लेकर कोई सरगर्मी नहीं है। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी का कहना है कि परिषदीय स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात मानक के अनुसार पूर्ण है इसलिए फिलहाल नई भर्ती की कोई आवश्यकता नहीं है।
प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में 1.20 लाख पद खाली
परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में इस समय शिक्षकों के 1.20 लाख से अधिक पद खाली हैं। विधानसभा के फरवरी सत्र में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने एक सवाल में जवाब दिया था कि प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के स्वीकृत कुल 417886 पदों के सापेक्ष 79296 रिक्त हैं। इनमें 57405 पद सीधी भर्ती के और 21891 पदोन्नति के हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्वीकृत 162198 पदों के सापेक्ष 41338 पद रिक्त हैं और ये सभी पद पदोन्नति के हैं। मंत्री का कहना है कि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षामित्रों और उच्च प्राथमिक में अनुदेशकों को जोड़ने पर छात्र-शिक्षक अनुपात क्रमश: 22:1 और 29:1 है जो मानक के अनुसार पूर्ण है।
15 लाख अभ्यर्थियों को सात साल से प्राथमिक शिक्षक भर्ती का इंतजार, शिक्षा सेवा चयन आयोग को अधियाचन तो दूर रिक्त पदों का डेटा भी उपलब्ध नहीं करा सका बेसिक शिक्षा विभाग
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
on
5:24 AM
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