मिड-डे मील में बच्चों को आज से दूध भी : अलग से बजट की कोई व्यवस्था नहीं
लखनऊ। प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को बुधवार से मिड-डे मील में दूध भी दिया जाएगा। यह हर बुधवार को दिया जाएगा। प्रत्येक बच्चे को 200 मिलीलीटर दूध दिया जाएगा। हालांकि, बच्चों को दूध देने के लिए अलग से बजट की कोई व्यवस्था नहीं की गई है, इसके चलते सभी स्कूलों में दूध बंट पाने की आशंका जताई जा रही है। मध्याह्न भोजन प्राधिकरण की निदेशक श्रद्धा मिश्रा ने इसके लिए जिला स्तर पर रखे गए समन्वयकों की सोमवार और मंगलवार को बैठक की। उन्होंने समन्वयकों को निर्देश दिया है कि राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप प्राइमरी में पढ़ने वाले बच्चों को प्रत्येक बुधवार को अनिवार्य रूप से दूध दिया जाएगा। दूध का पैसा निकालने के लिए पूर्व में निर्धारित खाने का मेन्यू संशोधित कर दिया गया है।
खबर साभार : अमर उजाला
स्कूलों में हर बुधवार मिलेगा दूध
पाउडर वाला दूध भी कर सकते हैं इस्तेमाल : कुछ जिला समन्वयकों ने बताया कि कई स्थानों पर तरल दूध मिलने में समस्या आ रही है। इस पर बैठक में बताया गया कि जहां तरल दूध की आपूर्ति में दिक्कत हो, वहां पराग द्वारा पॉलीपैक में पाउडर के उपलब्ध दूध का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
पराग ने भी किया संपर्क : बैठक में मौजूद मुरादाबाद, मेरठ, इलाहाबाद, वाराणसी, बरेली आदि जिलों के समन्वयकों ने बताया कि उनके जिले में पराग के महाप्रबंधकों ने जिलाधिकारी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के साथ बैठक करके योजना के लिए दूध की आपूर्ति करने कच्ी इच्छा जताई है। कुछ जिलों में पराग के महप्रबंधकों ने इस सिलसिले में मध्याह्न् भोजन प्राधिकरण से भी संपर्क किया है।
अक्षयपात्र फाउंडेशन ने खड़े किये हाथ : राजधानी में परिषदीय स्कूलों में बच्चों को मिड-डे मील मुहैया कराने की जिम्मेदारी निभाने वाले अक्षयपात्र फाउंडेशन ने शासन को पत्र लिखकर बच्चों को दूध मुहैया कराने में असमर्थता जतायी है। यह कहते हुए कि उसके पास दूध की आपूर्ति के लिए दानकर्ता नहीं हैं। इस बाबत पूछने पर मध्याह्न् भोजन प्राधिकरण की निदेशक श्रद्धा मिश्र ने बताया कि अक्षयपात्र फाउंडेशन ने दूध वितरण में अपनी असमर्थता जरूर जाहिर की है लेकिन उनसे कहा गया है कि सरकार की इस योजना को लागू करने के लिए समस्या का समाधान ढूंढें।
स्कूलों में हर बुधवार मिलेगा दूध
लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित 1.69 लाख स्कूलों के
लगभग 1.9 करोड़ बच्चों को 15 जुलाई से हर हफ्ते बुधवार को मध्याह्न् भोजन
योजना के तहत मिड-डे मील के अलावा 200 मिलीलीटर दूध मिलने लगेगा। दुग्ध
वितरण योजना के सुचारु संचालन के मकसद से सोमवार और मंगलवार को मध्याह्न्
भोजन योजना के जिला समन्वयकों की बैठक मध्याह्न् भोजन प्राधिकरण में हुई।
छुट्टी हुई तो अगले दिन मिलेगा दूध : बैठक में जिला समन्वयकों को बताया
गया कि बुधवार को स्कूल में छुट्टी होने पर अगले कार्यदिवस में बच्चों को
दूध उपलब्ध कराया जाएगा और उसे मध्याह्न् भोजन के रजिस्टर में दर्ज किया
जाएगा।
पाउडर वाला दूध भी कर सकते हैं इस्तेमाल : कुछ जिला समन्वयकों ने बताया कि कई स्थानों पर तरल दूध मिलने में समस्या आ रही है। इस पर बैठक में बताया गया कि जहां तरल दूध की आपूर्ति में दिक्कत हो, वहां पराग द्वारा पॉलीपैक में पाउडर के उपलब्ध दूध का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
पराग ने भी किया संपर्क : बैठक में मौजूद मुरादाबाद, मेरठ, इलाहाबाद, वाराणसी, बरेली आदि जिलों के समन्वयकों ने बताया कि उनके जिले में पराग के महाप्रबंधकों ने जिलाधिकारी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के साथ बैठक करके योजना के लिए दूध की आपूर्ति करने कच्ी इच्छा जताई है। कुछ जिलों में पराग के महप्रबंधकों ने इस सिलसिले में मध्याह्न् भोजन प्राधिकरण से भी संपर्क किया है।
अक्षयपात्र फाउंडेशन ने खड़े किये हाथ : राजधानी में परिषदीय स्कूलों में बच्चों को मिड-डे मील मुहैया कराने की जिम्मेदारी निभाने वाले अक्षयपात्र फाउंडेशन ने शासन को पत्र लिखकर बच्चों को दूध मुहैया कराने में असमर्थता जतायी है। यह कहते हुए कि उसके पास दूध की आपूर्ति के लिए दानकर्ता नहीं हैं। इस बाबत पूछने पर मध्याह्न् भोजन प्राधिकरण की निदेशक श्रद्धा मिश्र ने बताया कि अक्षयपात्र फाउंडेशन ने दूध वितरण में अपनी असमर्थता जरूर जाहिर की है लेकिन उनसे कहा गया है कि सरकार की इस योजना को लागू करने के लिए समस्या का समाधान ढूंढें।
स्कूलों में यूनीफार्म वितरण बीस से
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : चालू
शैक्षिक सत्र में परिषदीय स्कूलों में बच्चों को सरकार की ओर से मुफ्त में
दी जाने वाली दो सेट यूनीफार्म 20 जुलाई से बंटना शुरू होगी। वितरण का
कार्य विद्यालय प्रबंध समिति (एसएमसी) के जरिये किया जाएगा और 30 अगस्त तक
सभी बच्चों को यूनीफार्म बांटने का काम पूरा करना होगा। इस बारे में बेसिक
शिक्षा विभाग ने मंगलवार को शासनादेश जारी कर दिया है। यूनीफार्म खरीदने के
लिए विद्यालय प्रबंध समिति बैठक कर एसएमसी अध्यक्ष की अध्यक्षता में चार
सदस्यीय क्रय समिति बनाएगी। क्रय समिति विद्यालय की उपस्थिति पंजिका के
आधार पर बच्चों की संख्या तय करेगी और उसी आधार पर यूनीफार्म खरीदी जाएगी।
बीस हजार रुपये या उससे अधिक अनुमानित व्यय होने पर कोटेशन और एक लाख रुपये
या उससे ज्यादा खर्च होने पर टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से यूनीफार्म
खरीदी जाएगी।
अनियमितता मिली तो होगी रिकवरी : निरीक्षण के दौरान
नमूना न मिलने या नमूने के अभाव में भुगतान किए जाने की स्थित में संबंधित
प्रधानाध्यापक और एसएमसी अध्यक्ष के खिलाफ एफआइआर दर्ज करा भुगतान की
धनराशि की पूर्ण रिकवरी की कार्रवाई खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा की जाएगी।
खबर साभार : दैनिक जागरण
मिड-डे मील में बच्चों को आज से दूध भी : अलग से बजट की कोई व्यवस्था नहीं
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:20 AM
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