जनपदों में ग्रामीण क्षेत्र में अवस्थित विद्यालय, जो नगर विकास विभाग, उ०प्र० शासन की अधिसूचना के कारण विस्तारित नगरीय सीमा में सम्मिलित हुए हैं, के संबंध में।
नगर संवर्ग में 43 साल से चल रही शिक्षकों की कमी अब होगी दूर
शासन ने विस्तारित नगर सीमा के ग्रामीण विद्यालयों को नगरीय संवर्ग में शामिल करने की दी हरी झंडी
इन विद्यालयों के सरप्लस शिक्षक किए जा सकेंगे समायोजित
लखनऊ। प्रदेश के नगर संवर्ग में लगभग 43 साल से चल रही शिक्षकों की कमी अब खत्म होगी। शासन ने नगर निगम सीमा विस्तार में आए विद्यालयों को ग्रामीण से नगर संवर्ग में शामिल करने की अनुमति दे दी है। बेसिक शिक्षा विभाग यहां पर सरप्लस शिक्षकों का समायोजन करेगा।
बेसिक शिक्षा विभाग के उप सचिव आनंद कुमार सिंह की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि शासन ने नगर विकास विभाग की विस्तारित सीमा में आने वाले ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों को नगरीय संवर्ग में शामिल करने की अनुमति दे दी है। बेसिक शिक्षा विभाग इसके अनुसार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करे।
प्रदेश में 1981 में तैयार नियमावली में शहरी स्कूलों को नगर संवर्ग में और अन्य को ग्रामीण संवर्ग में शामिल किया। उसके बाद से कतिपय कारणों से नगर संवर्ग में न तो भर्ती हुई न समायोजन, जबकि लगातार शिक्षक यहां से सेवानिवृत्त होते गए। इसका असर शहरी क्षेत्र के स्कूलों पर पड़ा। अमर उजाला ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। इसके बाद विभाग ने इसके लिए कवायद शुरू की।
पिछले दिनों बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जिलों से सूचना लेकर विस्तृत प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया था। इसे अब शासन ने हरी झंडी दे दी है। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अब विस्तारित नगरीय सीमा में शामिल ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में सरप्लस शिक्षकों का समायोजन नगर क्षेत्र के उन विद्यालयों में स्वेच्छा से किया जाएगा, जहां शिक्षक कम हैं। इससे शिक्षक-छात्र अनुपात बेहतर होगा। बेसिक शिक्षा विभाग जल्द ही इसके लिए नियमावली बनाकर आवश्यक प्रक्रिया पूरी करेगा।
इन जिलों के 1812 विद्यालय होंगे शामिल
लखनऊ, बाराबंकी, अंबेडकरनगर, बहराइच, अयोध्या, श्रावस्ती, गोंडा, वाराणसी, आजमगढ़, आगरा, शामली, हापुड़, जौनपुर, जालौन, प्रतापगढ़, ललितपुर, कुशीनगर, अमरोहा, शाहजहांपुर, हमीरपुर, फतेहपुर, मऊ, मुजफ्फरनगर, रामपुर, कन्नौज, मैनपुरी, महोबा, प्रयागराज, बदायूं, चित्रकूट, अलीगढ़, एटा, बुलंदशहर, बस्ती, बरेली, हरदोई, गोरखपुर, देवरिया, हाथरस, बांदा, भदोही, गाजियाबाद, उन्नाव व मथुरा
जनपदों में ग्रामीण क्षेत्र में अवस्थित विद्यालय, जो नगर विकास विभाग, उ०प्र० शासन की अधिसूचना के कारण विस्तारित नगरीय सीमा में सम्मिलित हुए हैं, के संबंध में।
नगरीय संवर्ग में शामिल हुए 1812 परिषदीय विद्यालय, स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों और शिक्षामित्रों के समायोजन की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी
लखनऊ : प्रदेश के उन्नाव, औरैया, बांदा, चित्रकूट, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, हमीरपुर, जालौन, कन्नौज, महोबा समेत 46 जिलों में नगरीय सीमा का विस्तार होने से ग्रामीण संवर्ग के 1812 परिषदीय विद्यालय को नगरीय सीमा में शामिल कर लिया गया है। इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों और शिक्षामित्रों के समायोजन की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। शासन ने बुधवार को इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है।
बेसिक शिक्षा विभाग ने इन विद्यालयों को नगरीय संवर्ग में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था, जिसे स्वीकृति मिल गई है। यह वे विद्यालय हैं जो पहले ग्रामीण क्षेत्र में थे, लेकिन शहरी सीमा के विस्तार के कारण अब नगर क्षेत्र का हिस्सा बन चुके हैं। इन 1812 विद्यालयों में वर्तमान में 692 प्रधानाध्यापक, 5324 सहायक अध्यापक, 1893 शिक्षामित्र, 568 अनुदेशक कार्यरत हैं। इनमें से कई स्कूलों में वर्षों से नई नियुक्तियां नहीं हुईं और कई शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
जनपदों में ग्रामीण क्षेत्र में अवस्थित विद्यालय, जो नगर विकास विभाग, उ०प्र० शासन की अधिसूचना के कारण विस्तारित नगरीय सीमा में सम्मिलित हुए हैं, के संबंध में।
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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5:41 AM
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