नियुक्ति को लेकर बीटीसी संघर्ष मोर्चा आंदोलन की राह पर, लापरवाही से सात माह में भी नहीं पूरी हो सकी भर्ती प्रक्रिया, परेशान अभ्यर्थी लगा रहे चक्कर
- नियुक्ति को लेकर बीटीसी संघर्ष मोर्चा आंदोलन की राह पर
- हजारों परेशान अभ्यर्थी लगा रहे शासन व सचिव परिषद के कार्यालय का चक्कर
- काउंसलिंग व ज्वाइनिंग की तिथि घोषित न होने से बढ़ रहा आक्रोश
- अफसरों की लापरवाही से सात माह में भी नहीं पूरी हो सकी भर्ती प्रक्रिया
जूनियर हाईस्कूल में गणित और विज्ञान के 29334 शिक्षकों की भर्ती के लिए फिर से आनलाइन आवेदन लिये जाने की तैयारियां है। यह आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद बीटीसी-2011 के 15 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरूहोने की संभावना है जबकि यह भर्ती प्रक्रिया सात माह से चल रही है लेकिन अभी तक पूरी नहीं हो पायी है। इससे हजारों अभ्यर्थीपरेशान होकर शासन और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के कार्यालय का चक्कर लगा रहे है लेकिन उनको अभी भर्ती के काउंसलिंग और नियुक्ति की तिथि के बारे में कोईजानकारी नहीं है। इससे अभ्यर्थियों में आक्रोश है। यह लोग सचिव शासन और बेसिक शिक्षा मंत्री के घेराव की तैयारियों में जोरशोर से लगे हुए है।
बीटीसी-2011 की भर्ती प्रक्रिया दिसम्बर 2014 से शुरू हो गयी थी लेकिन प्रक्रिया इतनी शिथिल रही कि सात माह बीत जाने के बाद भी अभी तक अभ्यर्थियों की काउंसलिंग शुरूनहंी हुई है। अभ्यर्थियों से दो बार आनलाइन आवदेन लिया गया और संशोधन हुए। इस बार फिर से अण्डर ऐज वाले अभ्यर्थियों से आनलाइन आवेदन लिये जाने की तैयारियां है।यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद काउंसलिंग और ज्वाइनिंग की संभावना है लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि अभी तक शासन और बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि 15 हजार पदों की चल रही भर्ती के लिए अभ्यर्थियों की काउंसलिंग कब से शुरूहोगी और नियुक्ति पत्र कब तक दिया जायेगा।
बीटीसी संघर्ष मोर्चाके प्रदेश अध्यक्ष योगेश पाण्डेय का कहना है कि इंतजार बहुत हो गया है।अब काउंसलिंग और नियुक्ति पत्र दिये जाने के लिए व्यापक स्तर पर संघर्षशुरू होगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी ।उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों की शीघ्र बैठक होने जा रही है उसमें प्रदेश स्तरीय आंदोलन लखनऊसे शुरूकिये जाने की तैयारियां चल रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा सचिव जिम्मेदार होंगे। श्री पाण्डेय ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बीटीसी और बीएड व टीईटी पास अभ्यर्थियों को नौकरी देने के बजाय लाखों संविदा कर्मीशिक्षामित्रों को स्थायी कर दिया है। इससे प्रदेश में बेसिक शिक्षा का स्तर और गिरेगा।इस मामले को लेकर कोई गंभीर नहीं है जबकि प्रदेश सरकार बेसिक शिक्षा का स्तर गिराकर सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करने में मश्त है लेकिन आगामी विधान सभा चुनाव में बड़ी संख्या में लोग उसका जमकर विरोध करेंगे।
खबर साभार : सहारा |
नियुक्ति को लेकर बीटीसी संघर्ष मोर्चा आंदोलन की राह पर, लापरवाही से सात माह में भी नहीं पूरी हो सकी भर्ती प्रक्रिया, परेशान अभ्यर्थी लगा रहे चक्कर
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
8:06 AM
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