मिड-डे मील न दिया तो देना होगा खाद्य सुरक्षा भत्ता : बच्चों को आवंटित अनाज और परिवर्तन लागत के आधार पर तय होगा भत्ता
लखनऊ। स्कूलों में बच्चों को मिड-डे मील न मुहैया कराकर अनाज और
परिवर्तन लागत की धनराशि हड़पने वालों का मंसूबा अब कामयाब नहीं होगा।
मिड-डे मील न दिये जाने पर स्कूलों में अब बच्चों को खाद्य सुरक्षा भत्ता
देना होगा। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत
मध्याह्न् भोजन नियमावली को अधिसूचित करते हुए यह नयी व्यवस्था लागू की है
और राज्यों को इसका अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है।
नियमावली में कहा
गया है कि यदि अनाज, खाना पकाने की धनराशि (परिवर्तन लागत), ईंधन उपलब्ध न
होने या रसोईया-सह-हेल्पर के अनुपस्थित रहने या किसी और कारण से किसी भी
स्कूल में मिड-डे मील नहीं उपलब्ध कराया जाता है तो राज्य सरकार हर बच्चे
को अगले महीने की 15 तारीख तक खाद्य सुरक्षा भत्ता उपलब्ध कराएगी। भत्ता की
गणना बालक/बालिका की पात्रता के अनुसार अनाज की मात्र और राज्य में उस समय
प्रभावी खाना पकाने की लागत के आधार पर की जाएगी। लगातार तीन दिन या महीने
में पांच दिन मिड-डे मील न दिए जाने पर संबंधित एजेंसी पर कार्रवाई की
जाए। केंद्रीकृत पाकशाला द्वारा भोजन की आपूर्ति न करने पर राज्य सरकार
केंद्रीकृत पाकशाला से खाद्य सुरक्षा भत्ता वसूलेगी। प्रमुख सचिव डिंपल
वर्मा ने कहा कि मिड-डे मील न मिलने पर उसके एवज में बच्चों को खाद्य
सुरक्षा भत्ता दिये जाने के तौर-तरीकों पर मध्याह्न् भोजन प्राधिकरण के साथ
विचार विमर्श किया जाएगा।
मध्याह्न् भोजन की मौजूदा व्यवस्था:-
कक्षा एक से पांच
अनाज आवंटन-100 ग्राम गेहूं/चावल प्रति बच्चा प्रतिदिन
परिवर्तन लागत-3.76 रुपये प्रति बच्चा प्रतिदिन
कक्षा छह से आठ
कक्षा एक से पांच
अनाज आवंटन-100 ग्राम गेहूं/चावल प्रति बच्चा प्रतिदिन
परिवर्तन लागत-3.76 रुपये प्रति बच्चा प्रतिदिन
कक्षा छह से आठ
अनाज आवंटन-150 ग्राम गेहूं/चावल प्रति
बच्चा प्रतिदिन
परिवर्तन लागत-5.64 रुपये प्रति बच्चा प्रतिदिन
परिवर्तन लागत-5.64 रुपये प्रति बच्चा प्रतिदिन
मिड-डे मील न दिया तो देना होगा खाद्य सुरक्षा भत्ता : बच्चों को आवंटित अनाज और परिवर्तन लागत के आधार पर तय होगा भत्ता
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
8:00 AM
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