नए सिरे से होगी उर्दू शिक्षकों के 1939 पदों पर भर्ती : बेसिक शिक्षा विभाग राह तलाशने में जुटा, दुबारा जारी विज्ञापन को रद्द करते हुए पहले में हुए आवेदन के आधार पर ही भर्ती का विचार

  • नए सिरे से होगी 1939 उर्दू शिक्षकों की भर्ती 
  • 2013 में लिए गए आवेदन पर ही होंगी भर्तियां,
  •  दोबारा जारी विज्ञापन होगा रद्द 

लखनऊ। प्राइमरी स्कूलों में उर्दू शिक्षकों के खाली 1939 पदों को भरने के विकल्पों पर नए सिरे से विचार शुरू हो गया है। मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में इन पदों को भरने के लिए विकल्पों पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में सुझाव दिया गया कि रिक्त पदों को भरने के लिए दुबारा जारी विज्ञापन को रद्द करते हुए पहले में हुए आवेदन के आधार पर ही भर्तियां की जाएं। मुख्य सचिव ने सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता से इसके आधार पर जल्द प्रस्ताव बनाकर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
बेसिक शिक्षा विभाग ने प्राइमरी स्कूलों में 4280 शिक्षक पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकालते हुए 9 जुलाई से 20 अगस्त 2013 तक आवेदन लिए थे। इसमें मोअल्लिम और उर्दू बीटीसी वालों को पात्र माना गया तथा अदीब कामिल को स्नातक व अदीब माहिर को इंटर के समकक्ष माना गया। वहीं अदीब को हाईस्कूल के बराबर नहीं मानते काउंसलिंग में शामिल नहीं होने दिया गया। इस बीच तीन चरणों की काउंसलिंग प्रक्रिया में 2341 शिक्षकों के पदों को भर लिया गया। अदीब वालों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो फैसला उनके पक्ष में आया। 
फिर बेसिक शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट के फैसले के आधार पर संशोधित शासनादेश जारी करते हुए अदीब वालों से ऑनलाइन आवेदन मांग लिए। इसमें करीब 23,765 आवेदन आए। इसके विरोध में यूपी बोर्ड से हाईस्कूल करने वाले हाईकोर्ट चले गए और तर्क दिया कि पहले की भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हुई और नए सिरे से आवेदन ले लिए गए। हाईकोर्ट ने इसके आधार पर दूसरे विज्ञापन को रद्द करने का आदेश दे दिया। अब यह विचार किया जा रहा है कि उर्दू शिक्षकों के रिक्त 1939 पदों को पहले में दिए गए विज्ञापन के आधार पर भर लिया जाए, लेकिन इसमें अदीब के साथ यूपी मदरसा बोर्ड से मुंसी व मौलवी करने वालों को भी हाईस्कूल के समकक्ष मानते हुए भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने का मौका दिया जाए।
साभार : अमर उजाला 

लखनऊ : सरकार परिषदीय स्कूलों में उर्दू शिक्षकों के रिक्त 1939 पदों पर भर्ती करना चाहती है। बुधवार को इस सिलसिले में मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद बेसिक शिक्षा विभाग उर्दू शिक्षकों की भर्ती की राह तलाशने में जुट गया है।

मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों की मांग पर बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों में उर्दू शिक्षकों के 4280 पदों पर भर्ती के लिए 20 अगस्त से सात सितंबर 2013 तक आवेदन मांगे गए थे। इसके तहत 2341 पदों पर भर्ती की गई।

भर्ती के लिए प्रकाशित विज्ञापन में अदीब, फाजिल, मौलवी और मुंशी की उपाधियों को शामिल नहीं किया गया था। इन उपाधियों को भर्ती प्रक्रिया में न शामिल करने के खिलाफ कुछ अभ्यर्थी हाई कोर्ट चले गए। कोर्ट ने अपने आदेश में इन उपाधियों को शामिल करते हुए मुख्य सचिव को भर्ती प्रक्रिया तय करने का निर्देश दिया था। लिहाजा इन उपाधियों को शामिल करते हुए शेष पदों पर भर्ती के लिए नया विज्ञापन प्रकाशित कर 21 फरवरी से 19 मार्च 2014 तक आवेदन मांगे गए।

आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने नये विज्ञापन के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। यह कहते हुए कि जब पुरानी भर्ती में आरक्षित वर्ग के पद नहीं भरे गए तो नई भर्ती कैसे शुरू कर दी। इस पर अदालत ने नयी भर्ती के विज्ञापन को स्थगित कर दिया। तब से यह भर्ती रुकी हुई है। सरकार उर्दू शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती करना चाहती है। लिहाजा अब बेसिक शिक्षा विभाग स्थगित किये गए विज्ञापन को निरस्त कर भर्ती की राह तलाशने में जुट गया है।
खबर साभार : दैनिक जागरण

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नए सिरे से होगी उर्दू शिक्षकों के 1939 पदों पर भर्ती : बेसिक शिक्षा विभाग राह तलाशने में जुटा, दुबारा जारी विज्ञापन को रद्द करते हुए पहले में हुए आवेदन के आधार पर ही भर्ती का विचार Reviewed by Brijesh Shrivastava on 6:30 AM Rating: 5

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