92 हजार शिक्षामित्रों के समायोजन पर संकट : पद रिक्त न होने से कैसे और किस प्रकार से पदोन्नति होगी उसको लेकर बीएसए हैं परेशान, विभाग साढ़े हुये है चुप्पी
- 92 हजार शिक्षामित्रों के समायोजन पर संकट
- चार दर्जन से अधिक जिलों में अभी तक शिक्षकों के पद रिक्त नहीं
- न तो रिक्त हुए है न ही उनके प्रमोशन होना शुरू
- शिक्षामित्रों को कैसे 30 अप्रैल को नियुक्ति पत्र दिया जायेगा
- 14 हजार परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक 30 जून को रिटायर होंगे
- सचिव ने शिक्षकों के प्रमोशन होने का इंतजार करने की दी सलाह
- विभाग ने आनन-फानन में शिक्षण अनुभव चार वर्ष और बाद में तीन वर्ष किया
शिक्षामित्रों के दूसरे बैच के करीब 92 हजार अभ्यर्थियों के स्थायी किये जाने पर (सहायक अध्यापक) संकट के बादल मंडराना शुरू हो गया हैक्योंकि प्रदेश के चार दर्जन से अधिक जिलों में अभी तक शिक्षकों के पद न तो रिक्त हुए है न ही उनके प्रमोशन होना शुरू हुआ है। ऐसे में करीब 92 हजार शिक्षामित्रों को कैसे 30 अप्रैल को नियुक्ति पत्र दिया जायेगा जबकि प्रदेश के 14 हजार परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक 30 जून को रिटायर होंगे। उसके बाद पदोन्नति होने के बाद ही परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के पद रिक्त होंगे तभी शिक्षामित्रों को नियुक्ति पत्र देकर स्थायी किया जा सकता है। उधर, बड़ी संख्या में परेशान शिक्षामित्र सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा से मंगलवार को मिले और शीघ्र सभी जिलों में पदोन्नति करवाकर शिक्षामित्रों के समायोजन की मांग किया है। सचिव ने आश्वासन दिया हैकि वह लोग परेशान न हो बल्कि शिक्षकों के प्रमोशन होने का इंतजार करें।
प्रदेश सरकार ने द्वितीय सेमेस्टर के करीब 92 हजार शिक्षामित्रों को
स्थायी करने की प्रक्रिया तेजी के साथ शुरूकर दिया है। इसके लिए 30 जून को
रिटायर होने वाले शिक्षकों के पदों के बाद होने वाले प्रमोशन और अन्य
प्रमोशन को भी पहले ही करने की तैयारियां शुरू कर दी गयी है। परिषदीय
विद्यालयों के शिक्षकों को जो प्रमोशन तैनाती के चार या पांच वर्षबाद
मिलता था उसको प्रदेश सरकार और परिषदीय शिक्षा विभाग ने आनन-फानन में चार
वर्ष और बाद में तीन वर्ष कर दिया है। इससे बड़ी संख्या में परिषदीय
विद्यालयों के शिक्षकों की पदोन्नति हो जायेगी तो ऐसे में सहायक अध्यापकों
के पद रिक्त हो जायेगे तो शिक्षामित्रों की ज्वाइनिंग सहायक अध्यापक के पद
पर करायी जा सकती है।
शासन के दबाव में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद एच एल गुप्ता और बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने आनन-फानन में सहायक अध्यापकों के प्रमोशन का आदेश जारी कर दिया है लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि जिलों में अभी तक पद रिक्त न होने से किन शिक्षकों का कैसे और किस प्रकार से पदोन्नति होगी उसको लेकर बीएसए परेशान है। इलाहाबाद, लखनऊ, सीतापुर, मऊ सहित अन्य ऐसे चार दर्जन जिले है जहां पर पदोन्नति की अभी करीब तीन माह तक संभावना नजर नहीं आ रही है।
ऐसे में अगर प्रदेश सरकार के दबाव में शिक्षामित्रों को परिषदीय विद्यालयों के सहायक अध्यापक का नियुक्ति पत्र दे भी दिया जाता है तो वह कहां पर शिक्षण करेंगे और उनको वेतन कौन देगा। उधर, इस बारे में बेसिक शिक्षा विभाग का कोई भी वरिष्ठ अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
शासन के दबाव में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद एच एल गुप्ता और बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने आनन-फानन में सहायक अध्यापकों के प्रमोशन का आदेश जारी कर दिया है लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि जिलों में अभी तक पद रिक्त न होने से किन शिक्षकों का कैसे और किस प्रकार से पदोन्नति होगी उसको लेकर बीएसए परेशान है। इलाहाबाद, लखनऊ, सीतापुर, मऊ सहित अन्य ऐसे चार दर्जन जिले है जहां पर पदोन्नति की अभी करीब तीन माह तक संभावना नजर नहीं आ रही है।
ऐसे में अगर प्रदेश सरकार के दबाव में शिक्षामित्रों को परिषदीय विद्यालयों के सहायक अध्यापक का नियुक्ति पत्र दे भी दिया जाता है तो वह कहां पर शिक्षण करेंगे और उनको वेतन कौन देगा। उधर, इस बारे में बेसिक शिक्षा विभाग का कोई भी वरिष्ठ अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
खबर साभार : सहारा
92 हजार शिक्षामित्रों के समायोजन पर संकट : पद रिक्त न होने से कैसे और किस प्रकार से पदोन्नति होगी उसको लेकर बीएसए हैं परेशान, विभाग साढ़े हुये है चुप्पी
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:10 AM
Rating:
No comments:
Post a Comment