परीक्षा नियामक प्राधिकारी द्वारा शासन को भेजे गए प्रस्ताव पर पेच फंसा : असहमत शासन चाहता है कि केंद्रीयकृत व्यवस्था के तहत दाखिले की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए
बीटीसी 2014 में दाखिले को के लिए सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी द्वारा
शासन को भेजे गए प्रस्ताव पर पेच फंस गया है। शासन इस प्रस्ताव से सहमत
नहीं है और नए सिरे भेजने को कहा है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय
ने बीटीसी 2014-15 में कॉलेज प्रबंधकों को विज्ञापन निकाल कर नामांकन के
लिए अधिकृत करने का प्रस्ताव भेजा था लेकिन शासन को इस पर आपत्ति है। शासन
चाहता है कि केंद्रीयकृत व्यवस्था के तहत दाखिले की प्रक्रिया सुनिश्चित की
जाए। ऐसे में शासन ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी फिर से प्रस्ताव
तैयार कर भेजने का निर्देश दिया है।
शासन ने पूरे एक साल पीछे चल रही
बीटीसी-2014 की प्रवेश प्रक्रिया को गंभीरता से लेते हुए नये सिरे से
प्रस्ताव मांगा है। कहा है कि दाखिले की प्रक्रिया जून में पूरी कर जुलाई
से सत्र शुरू करें। हालांकि बीटीसी कॉलेजों को अभ्यर्थियों का आवंटन पुरानी
पद्धति के आधार पर होगा या नई, यह अभी तय नहीं हो पाया है। बीटीसी-2013 तक
निजी कॉलेजों को अभ्यर्थियों का आवंटन राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं
प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने किया है। बीटीसी सत्र शुरू होने के बाद भी
निजी कॉलेजों को बीटीसी पाठ्यक्रम की संबद्धता जारी किए जाने की वजह से
एससीईआरटी को कॉलेजों को अभ्यर्थियों के आवंटन में दिक्कत आती थी। इसे लेकर
कॉलेजों की ओर से हाईकोर्ट में याचिकाएं भी दाखिल हुई थीं। इसलिए
एससीईआरटी ने बीटीसी-2014 के दाखिले में नयी प्रक्रिया अपनाने का प्रस्ताव
भेजा था जिसमें कॉलेजों को अपने स्तर से विज्ञापन प्रकाशित कर अभ्यर्थियों
को दाखिले देने की मंजूरी मांगी गई थी लेकिन शासन इससे सहमत नहीं है
खबर साभार : दैनिक जागरण
परीक्षा नियामक प्राधिकारी द्वारा शासन को भेजे गए प्रस्ताव पर पेच फंसा : असहमत शासन चाहता है कि केंद्रीयकृत व्यवस्था के तहत दाखिले की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
6:25 AM
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