दिल्ली में अब शिक्षकों के लिए बीएलओ डय़ूटी अनिवार्य नहीं : यह शिक्षकों के ऊपर होगा कि वह यह डय़ूटी करना चाहते हैं या नहीं
इलेक्शन डय़ूटी(बीएलओ ड्यूटी) को लेकर शिक्षा निदेशक की मुख्य चुनाव अधिकारी से बात हुई है, जिसके बाद बताया गया कि शिक्षकों के लिए अब बीएलओ की डय़ूटी करना अनिवार्य नहीं होगा। यह शिक्षकों के ऊपर होगा कि वह यह डय़ूटी करना चाहते हैं या नहीं।
- शिक्षा निदेशालय के खिलाफ स्कूली शिक्षकों ने स्थगित किया धरना
- जीएसटीए के साथ हुई प्रधान शिक्षा सचिव व शिक्षा निदेशक के साथ बैठक
नई दिल्ली। शिक्षा निदेशालय के स्कूलों के शिक्षकों के लिए राहतभरी खबर है, अब उन्हें चुनाव डय़ूटी करना अनिवार्य नहीं होगा। अब यह शिक्षकों के ऊपर होगा कि वह इलेक्शन डय़ूटी करना चाहते हैं या नहीं। गवम्रेट स्कूल टीर्चस एसोसिएशन (जीएसटीए) ने शिक्षा निदेशालय के खिलाफ आगामी 27 अप्रैल को किए जा रहे धरना प्रदर्शन को स्थगित कर दिया है। दरअसल शिक्षा निदेशालय ने एसोसिएशन की कई लंबित मांगों को पूरा करने की सहमति दे दी है। एसोसिएशन के अध्यक्ष सीपी सिंह, महासचिव अजयवीर यादव व वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजवीर छिकारा ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।
सिंह ने बताया कि इलेक्शन डय़ूटी को लेकर शिक्षा निदेशक की मुख्य चुनाव अधिकारी से बात हुई है, जिसके बाद बताया गया कि शिक्षकों के लिए अब बीएलओ की डय़ूटी करना अनिवार्य नहीं होगा। यह शिक्षकों के ऊपर होगा कि वह यह डय़ूटी करना चाहते हैं या नहीं। बीते शुक्रवार को प्रधान शिक्षा सचिव व शिक्षा निदेशक ने शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल से मांगों को लेकर बातचीत की। बैठक में सभी मांगों को लेकर र्चचा हुई। वेतन विसंगति की मांग को छोड़कर अन्य सभी मांगों पर सहमति बनी। जैसे जून महीने में सभी शिक्षकों को टीए मिलेगा, मेडिकल सुविधाओं का सरलीकरण किया जाएगा। जीपीएफ ऑनलाइन किया जाएगा। इम्प्लाई चार्टर बनाया जाएगा। वर्षो से लंबित प्रमोशन इस वर्ष के आखिरी तक पूरे कर दिए जाएंगे। बीएलओ डय़ूटी की अनिवार्यता खत्म की जाएगी। जून महीने के अंत तक सभी 12 हजार शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। सीसीएल में पक्षपात खत्म कर वैकल्पिक टीचर की व्यवस्था की जाएगी। जीएसटीए की वेबसाइट को निदेशालय से जोड़ा जाएगा। इन मांगों को लेकर लिखित में आश्वासन दिया गया। इसके बाद दोबारा कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई, जिसमें सर्वसम्मति से अनिश्चिकालीन धरना को स्थगित करने का फैसला लिया गया। वेतन विसंगति के मुद्दे पर निदेशालय ने असमर्थता जताई है, लेकिन स्टेपिंग अप प्रक्रिया के तहत लाभ पहुंचाने का भी आश्वासन दिया गया है।
सिंह ने बताया कि इलेक्शन डय़ूटी को लेकर शिक्षा निदेशक की मुख्य चुनाव अधिकारी से बात हुई है, जिसके बाद बताया गया कि शिक्षकों के लिए अब बीएलओ की डय़ूटी करना अनिवार्य नहीं होगा। यह शिक्षकों के ऊपर होगा कि वह यह डय़ूटी करना चाहते हैं या नहीं। बीते शुक्रवार को प्रधान शिक्षा सचिव व शिक्षा निदेशक ने शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल से मांगों को लेकर बातचीत की। बैठक में सभी मांगों को लेकर र्चचा हुई। वेतन विसंगति की मांग को छोड़कर अन्य सभी मांगों पर सहमति बनी। जैसे जून महीने में सभी शिक्षकों को टीए मिलेगा, मेडिकल सुविधाओं का सरलीकरण किया जाएगा। जीपीएफ ऑनलाइन किया जाएगा। इम्प्लाई चार्टर बनाया जाएगा। वर्षो से लंबित प्रमोशन इस वर्ष के आखिरी तक पूरे कर दिए जाएंगे। बीएलओ डय़ूटी की अनिवार्यता खत्म की जाएगी। जून महीने के अंत तक सभी 12 हजार शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। सीसीएल में पक्षपात खत्म कर वैकल्पिक टीचर की व्यवस्था की जाएगी। जीएसटीए की वेबसाइट को निदेशालय से जोड़ा जाएगा। इन मांगों को लेकर लिखित में आश्वासन दिया गया। इसके बाद दोबारा कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई, जिसमें सर्वसम्मति से अनिश्चिकालीन धरना को स्थगित करने का फैसला लिया गया। वेतन विसंगति के मुद्दे पर निदेशालय ने असमर्थता जताई है, लेकिन स्टेपिंग अप प्रक्रिया के तहत लाभ पहुंचाने का भी आश्वासन दिया गया है।
दिल्ली में अब शिक्षकों के लिए बीएलओ डय़ूटी अनिवार्य नहीं : यह शिक्षकों के ऊपर होगा कि वह यह डय़ूटी करना चाहते हैं या नहीं
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
10:47 AM
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