यूपी में अब बच्चों के कुपोषण की वेब आधारित निगरानी : सरकार की मंशा कम वजन के आधार पर बच्चों में कुपोषण की समस्या से निपटना
प्रदेश में अब बच्चों के कुपोषण की वेब आधारित निगरानी (वेब बेस्ड ट्रैकिंग) होगी। राज्य सरकार ने पोषण मिशन कार्यक्रम के तहत एक ‘न्यूट्रिशन सर्विलेन्स वेबसाइट’ शुरू करने का फैसला किया है। इससे कुपोषित बच्चों की निगरानी की जायेगी। इसके पीछे सरकार की मंशा कम वजन के आधार पर बच्चों में कुपोषण की समस्या से निपटना है।
मुख्य सचिव आलोक रंजन ने बुधवार को इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों और मुख्य विकास अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिये हैं।प्रदेश में मौजूदा समय में कम वजन के आधार के पर कुपोषित कुल बच्चों की संख्या 42 फीसदी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 1998 से वर्ष 2006 के बीच 3 वर्ष से कम आयु के बच्चों में कम वजन की माप में प्रतिवर्ष एक फीसदी से भी कम की कमी आयी है। खुद मुख्य सचिव ने इस स्थिति को असंतोषजनक बताया है। उन्होंने कम वजन की समस्या से ग्रस्त बच्चों की नियमित निगरानी का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि ऐसे बच्चों के चिन्हांकन के फलस्वरूप उनकी आवश्यकता के अनुसार निगरानी करते हुए जरूरी कदम उठाए जाएं ताकि बच्चों में कम वजन की समस्या का निराकरण हो सके।
मुख्य सचिव ने कहा है कि वेब आधारित निगरानी के तहत पहले चरण में वेबसाइट पर जिले में चिन्हित सभी कम वजन के बच्चों की निगरानी की जानी है। उन्होंने कहा है कि यह कार्य इसी महीने से शुरू कर दिया जाए। निगरानी के आधार पर वेबसाइट पर प्रत्येक बच्चे का ग्रोथ चार्ट रहेगा जिससे उस बच्चे के कुपोषण की स्थिति स्पष्ट हो सके। हर महीने की 10 तारीख तक वेबसाइट पर विवरण डाल दिया जायेगा। वेबसाइट पर निगरानी से संबंधित डाटा इण्ट्री के लिए राज्य पोषण मिशन हर जिले को प्रत्येक माह 10 हजार रु. देगा।
यूपी में अब बच्चों के कुपोषण की वेब आधारित निगरानी : सरकार की मंशा कम वजन के आधार पर बच्चों में कुपोषण की समस्या से निपटना
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:30 AM
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