टीईटी के फर्जी प्रमाण पत्र से बने शिक्षक तो बीएसए होंगे जिम्मेदार, नियुक्ति पत्र देने से पहले टीईटी प्रमाण पत्रों का अनिवार्य रूप से मिलान किया जाने का निर्देश
- टीईटी के फर्जी प्रमाण पत्र से बने शिक्षक तो बीएसए होंगे जिम्मेदार
लखनऊ
(ब्यूरो)। प्रशिक्षु शिक्षक का नियुक्ति पत्र देने से पहले टीईटी प्रमाण
पत्रों का अनिवार्य रूप से मिलान किया जाएगा। इसमें अधिकारी पूरी तरह
संतुष्ट होने के बाद ही नियुक्ति पत्र देंगे। इसके बावजूद कोई फर्जी प्रमाण
पत्र के सहारे प्रशिक्षु शिक्षक बनने में सफल होता है तो इसके लिए बेसिक
शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार होंगे। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने इस
संबंध में नए सिरे से निर्देश जारी कर दिए हैं।
प्रदेश
में मौजूदा समय प्राइमरी स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती
प्रक्रिया चल रही है। भर्ती प्रक्रिया में कुछ जिलों में टीईटी के फर्जी
प्रमाण पत्र के सहारे नियुक्ति पाने का खेल चल रहा है। इसकी जानकारी राज्य
शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को भी मिली है। सचिव
बेसिक शिक्षा ने कहा है निदेशक यह व्यवस्था कराएंगे कि कोई भी अभ्यर्थी
फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी पाने में सफल न हो। जांच के दौरान यदि
टीईटी प्रमाण पत्र में किसी प्रकार की गड़बड़ी सामने आती है तो संबंधित
अभ्यर्थी के खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी। इसके बाद भी ऐसे अभ्यर्थी नियुक्ति
पाने में सफल होते हैं तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
फर्जी अभ्यर्थी को नियुक्ति पत्र देने से पहले सभी जांच भलीभाँति करने के निर्देश संबंधी आधिकारिक पत्र पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें!
खबर साभार : अमर उजाला
अंकपत्र फर्जी हुआ तो अधिकारी भी नपेंगे
खबर साभार : हिन्दुस्तान
अंकपत्र फर्जी हुआ तो अधिकारी भी नपेंगे
लखनऊ। प्रदेश में चल रही 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती
में अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय कर दी गई है। यदि कोई अभ्यर्थी फर्जी
टीईटी अंकपत्र या अन्य गलत प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी पा लेगा तो
अभ्यर्थी के खिलाफ ही एफआईआर नहीं होगी, बल्कि संबधित अधिकारी के खिलाफ भी
कठोर कार्रवाई होगी।
बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव एचएल गुप्ता ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिया है कि नियुक्ति पत्र जारी करने से पहले टीईटी अंक तालिका का मिलान कर लिया जाए और अन्य प्रमाणपत्रों की जांच भी कर ली जाए। यदि फर्जी प्रमाणपत्रों से नियुक्ति का मामला सामने आया तो संबंधित विभागाध्यक्ष व अधिकारियों को कदाचरण का दोषी माना जाएगा। उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। फर्जी अंकपत्र के सहारे नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों का अभ्यर्थन रद्द करने के साथ ही उसके खिलाफ एफआईआर कराने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं।
दरअसल, इस भर्ती में टीईटी 2011 का रिजल्ट विभाग के पास न होने की खबर थी। कहा जा रहा था कि रिजल्ट के दस्तावेज कानपुर देहात की पुलिस ने जब्त कर लिए हैं। इसका फायदा उठाने के लिए कई अभ्यर्थियों ने फर्जी अंकपत्र बनवा लिए थे कि इसका मिलान नहीं हो पाएगा लेकिन भर्ती के साथ ही माध्यमिक शिक्षा परिषद ने टीईटी के रिजल्ट को ऑनलाइन कर दिया।
ऑनलाइन होने के कारण टीईटी अंकपत्रों का मिलान आसानी से हो जा रहा है। लिहाजा, कई जिलों से लगातार फर्जी अंकपत्रों के सहारे नियुक्ति पत्र हासिल करने की खबरें आ रही हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव एचएल गुप्ता ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिया है कि नियुक्ति पत्र जारी करने से पहले टीईटी अंक तालिका का मिलान कर लिया जाए और अन्य प्रमाणपत्रों की जांच भी कर ली जाए। यदि फर्जी प्रमाणपत्रों से नियुक्ति का मामला सामने आया तो संबंधित विभागाध्यक्ष व अधिकारियों को कदाचरण का दोषी माना जाएगा। उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। फर्जी अंकपत्र के सहारे नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों का अभ्यर्थन रद्द करने के साथ ही उसके खिलाफ एफआईआर कराने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं।
दरअसल, इस भर्ती में टीईटी 2011 का रिजल्ट विभाग के पास न होने की खबर थी। कहा जा रहा था कि रिजल्ट के दस्तावेज कानपुर देहात की पुलिस ने जब्त कर लिए हैं। इसका फायदा उठाने के लिए कई अभ्यर्थियों ने फर्जी अंकपत्र बनवा लिए थे कि इसका मिलान नहीं हो पाएगा लेकिन भर्ती के साथ ही माध्यमिक शिक्षा परिषद ने टीईटी के रिजल्ट को ऑनलाइन कर दिया।
ऑनलाइन होने के कारण टीईटी अंकपत्रों का मिलान आसानी से हो जा रहा है। लिहाजा, कई जिलों से लगातार फर्जी अंकपत्रों के सहारे नियुक्ति पत्र हासिल करने की खबरें आ रही हैं।
खबर साभार : हिन्दुस्तान
टीईटी के फर्जी प्रमाण पत्र से बने शिक्षक तो बीएसए होंगे जिम्मेदार, नियुक्ति पत्र देने से पहले टीईटी प्रमाण पत्रों का अनिवार्य रूप से मिलान किया जाने का निर्देश
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
6:07 AM
Rating:
No comments:
Post a Comment