प्रमोशन में आरक्षण का लाभ पाए कर्मचारियों को पदावनत (रिवर्ट) करने का अहम फैसला : फिलहाल यह फैसला सिंचाई विभाग में लागू, आर्थिक नुकसान नहीं, मिलते रहेंगे भत्ते
प्रदेश
सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण का लाभ पाए सिंचाई विभाग के कार्मिकों को
पदावनत (रिवर्ट) करने का अहम फैसला लिया है। इस दायरे में वे कर्मचारी और
अधिकारी होंगे जो 15 नवंबर 1997 के बाद व 28 अप्रैल 2012 से पहले प्रमोशन
में आरक्षण का लाभ पा चुके हैं।
आर्थिक नुकसान नहीं:
हालांकि, रिवर्ट हुए कर्मचारियों व अधिकारियों के आर्थिक नुकसान का सरकार ने खयाल रखा है। उन्हें तब तक वेतन व महंगाई भत्ता उनके उच्च पद के हिसाब से मिलता रहेगा, जब तक संशोधित वरिष्ठता सूची के मुताबिक उनके वरिष्ठ कर्मी का वेतन, उनके बराबर न हो जाए।
6 को सुनवाई:
प्रदेश सरकार ने फिलहाल यह फैसला सिंचाई विभाग में लागू करने का आदेश जारी किया है। वह भी गुपचुप तरीके से। उच्चस्तरीय सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में सिंचाई विभाग के अधिकारी द्वारा दाखिल अवमानना याचिका पर इसी छह अप्रैल क ो सुनवाई होनी है। संभवत: सरकार ने फौरी कदम उठाते हुए सिंचाई विभाग के लिए यह आदेश जारी कर दिया। ताकि अदालत में सरकार इस बारे में जानकारी दे सके।
मिलते रहेंगे भत्ते :
मुख्य सचिव आलोक रंजन ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि जो कार्मिक पदानवत होंगे, उन्हें कोई आर्थिक नुकसान नहीं होगा। उन्हें मूल वेतन, महंगाई भत्ता, व दूसरे भत्ते नियत वेतन के रूप में मिलते रहेंगे। जहां तक बाकी विभागों का मसला है, उसे केस टू केस देखा जाएगा।
आर्थिक नुकसान नहीं:
हालांकि, रिवर्ट हुए कर्मचारियों व अधिकारियों के आर्थिक नुकसान का सरकार ने खयाल रखा है। उन्हें तब तक वेतन व महंगाई भत्ता उनके उच्च पद के हिसाब से मिलता रहेगा, जब तक संशोधित वरिष्ठता सूची के मुताबिक उनके वरिष्ठ कर्मी का वेतन, उनके बराबर न हो जाए।
6 को सुनवाई:
प्रदेश सरकार ने फिलहाल यह फैसला सिंचाई विभाग में लागू करने का आदेश जारी किया है। वह भी गुपचुप तरीके से। उच्चस्तरीय सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में सिंचाई विभाग के अधिकारी द्वारा दाखिल अवमानना याचिका पर इसी छह अप्रैल क ो सुनवाई होनी है। संभवत: सरकार ने फौरी कदम उठाते हुए सिंचाई विभाग के लिए यह आदेश जारी कर दिया। ताकि अदालत में सरकार इस बारे में जानकारी दे सके।
मिलते रहेंगे भत्ते :
मुख्य सचिव आलोक रंजन ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि जो कार्मिक पदानवत होंगे, उन्हें कोई आर्थिक नुकसान नहीं होगा। उन्हें मूल वेतन, महंगाई भत्ता, व दूसरे भत्ते नियत वेतन के रूप में मिलते रहेंगे। जहां तक बाकी विभागों का मसला है, उसे केस टू केस देखा जाएगा।
इस फैसले से प्रदेश में सियासत भी गर्म हो सकती है। प्रदेश में प्रोन्नति
में आरक्षण विरोधी व आरक्षण समर्थक कर्मचारियों के अलग-अलग संगठन पहले ही
बन चुके हैं। पहले भी इसको लेकर राजनीतिक तूफान खड़ा हो चुका है।
यह है मामला :
सुप्रीम कोर्ट ने 28 अप्रैल 2012 पदोन्नति में आरक्षण व परिणामी ज्येष्ठता को खत्म करने का निर्णय दिया। लेकिन विभागों में एससी-एसटी के कार्मिकों को रिवर्ट करने की पहल न होने पर सुप्रीम कोर्ट में अमर कुमार व अन्य द्वारा याचिका दाखिल की गई। इस पर अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।
यह है मामला :
सुप्रीम कोर्ट ने 28 अप्रैल 2012 पदोन्नति में आरक्षण व परिणामी ज्येष्ठता को खत्म करने का निर्णय दिया। लेकिन विभागों में एससी-एसटी के कार्मिकों को रिवर्ट करने की पहल न होने पर सुप्रीम कोर्ट में अमर कुमार व अन्य द्वारा याचिका दाखिल की गई। इस पर अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।
उप्र लोकसेवा अधिनियम 1994 के तहत
पदोन्नति में आरक्षण का लाभ देते हुए 15 नवंबर 1997 के बाद पदोन्नत
कार्मिकों को तथा उप्र सरकारी सेवक ज्येष्ठता नियमावली 1991 के नियम 8
(क) के तहत जिनको पदोन्नति दी गई है, उन्हें पदानवत कर दिया जाए। ’ वर्तमान
संशोधित वष्ठिता सूची के मुताबिक 15 नवंबर 1997 के बाद पदोन्नति में
आरक्षण तथा नियम 8 क का लाभ प्राप्त कर पदोन्नत कािर्मकों से कनिष्ठ कर्मी
जिस स्तर पर कार्यरत हों उस स्तर तक उन्हें पदानवत किया जाए। इसी हिसाब से
कार्रवाई हो। इसके बाद जो पद खाली होते हैं उस पर ज्येष्ठता सूची के आधार
पर प्रोन्नति की जाए।
खबर साभार : हिन्दुस्तान
प्रमोशन में आरक्षण का लाभ पाए कर्मचारियों को पदावनत (रिवर्ट) करने का अहम फैसला : फिलहाल यह फैसला सिंचाई विभाग में लागू, आर्थिक नुकसान नहीं, मिलते रहेंगे भत्ते
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:34 AM
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