दूध बना टशन की वजह : दूध के लिए अलग से बजट की व्यवस्था नहीं, पूरे हफ्ते बचत कर एक दिन दूध परोसा जाएगा
- मिड डे मील में दूध दिया तो खीर और दलिया बंद
- दूध के लिए अलग से बजट की व्यवस्था नहीं
- पूरे हफ्ते बचत कर एक दिन दूध परोसा जाएगा
- फिलहाल जो आदेश उसमें दूध का खर्च परिवर्तन लागत से
प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में दूध 15 जुलाई से दिया
जाएगा लेकिन बदले हुए मेन्यू में पहले दो दिन दी जाने वाली खीर और दलिया
का विकल्प खत्म कर दिया गया है। मिड डे मील के मेन्यू में दूध के लिए अलग
से बजट की व्यवस्था नहीं की गई है बल्कि पूरे हफ्ते बचत कर एक दिन दूध
परोसा जाएगा।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 5 अगस्त को प्रदेश के किसी भी स्कूल
का निरीक्षण कर इसका सच देखेंगे। इससे पहले राजस्व परिषद व पंचायत अधिकारी
जुलाई में इन स्कूलों का निरीक्षण कर परोसा गया खाना परखेंगे। निरीक्षण का
दिन बुधवार होगा क्योंकि इसी दिन विद्यार्थियों को 200 मिलीलीटर दूध दिया
जाना है। बुधवार को छुट्टी होने पर ये दूध गुरुवार को दिया जाएगा।
हालांकि
जिलों में अधिकारी इसके लिए अलग से बजट चाह रहे हैं। फिलहाल जो आदेश जारी
किया गया है उसमें दूध का खर्च परिवर्तन लागत से निकालना है। फिलहाल
प्राइमरी में प्रति बच्च 3.59 रुपए और जूनियर स्कूल में 5.68 रुपए प्रतिदिन
के हिसाब से परिवर्तन लागत दी जाती है। हर वर्ष केन्द्र इसमें 7 फीसदी की
बढ़ोतरी करता है जो अब लागू होगी लेकिन इतने पैसों में दूध की व्यवस्था
कैसे होगी?
अधिकारी तर्क देते हैं कि नए मेन्यू में एक दिन दूध बढ़ाया गया
है लेकिन पुराने मेन्यू में दो दिन का दलिया और दो दिन की खीर का विकल्प
खत्म कर दिया गया है। यानी पूरे हफ्ते बचा कर एक दिन दूध परोसा जा सकता है।
एमडीएम में दो दिन रोटी सब्जी और चार दिन चावल सब्जी दी जाती है। पहले
सोमवार, बुधवार, गुरुवार व शनिवार को खाने के विकल्प के तौर पर दलिया या
खीर दी जाती रही है। पहले बुधवार को कढ़ी-चावल या फिर खीर दी जाती थी। अब
बुधवार को कोफ्ता चावल संग उबला हुआ दूध दिया जाएगा। बाकी दिनों में दूध का
कोई विकल्प नहीं परोसा जाएगा।
साभार हिंदुस्तान |
दूध बना टशन की वजह : दूध के लिए अलग से बजट की व्यवस्था नहीं, पूरे हफ्ते बचत कर एक दिन दूध परोसा जाएगा
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
8:44 AM
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