पढ़ाई संग कौशल विकास सीखेंगे बच्चे, पहले चरण में सभी विकास खंडों के 2-2 स्कूलों में शुरू होगी योजना


पढ़ाई संग कौशल विकास सीखेंगे बच्चे, पहले चरण में सभी विकास खंडों के 2-2 स्कूलों में शुरू होगी योजना

कौशल विकास केंद्र जैसे विकसित होंगे परिषदीय विद्यालय


लखनऊ। योगी सरकार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षा व्यवस्था के कायाकल्प में जुट गई है। इसके तहत परिषदीय विद्यालयों को अब न सिर्फ शिक्षा, बल्कि कौशल विकास केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। सीएम 1700 से ज्यादा विद्यालयों में लर्निंग बॉय डूइंग कार्यक्रम की शुरुआत की है।


इस कार्यक्रम के माध्यम से विद्यालयों में कक्षा 6 से कक्षा 8 तक के छात्र-छात्राओं को गणित और विज्ञान विषयों में दक्ष बनाने के साथ- साथ व्यावसायिक कौशल की मूलभूत प्रौद्योगिकी से परिचित कराया जाएगा, ताकि वो भविष्य में रोजगार के लिए तैयार हो सकें। 


पायलट प्रोजेक्ट के जरिए मिले उत्साहवर्द्धक परिणामों के दृष्टिगत इस कार्यक्रम को प्रथम चरण में प्रदेश के सभी विकास खंडों के 2- 2 उच्च प्राथमिक विद्यालयों (कुल 1772 विद्यालयों) में शैक्षिक सत्र 2023-24 से आरंभ किया जा रहा है। कार्यक्रम के लिए प्रत्येक विद्यालय में संबंधित ट्रेड्स के लैब स्थापित करने के लिए टूल्स, इक्विपमेंट्स, लैब सेटअप मैटीरियल आदि का क्रय जेम पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा।



नए शैक्षिक सत्र में शुरू होगा लर्निंग बाई डुइंग कार्यक्रम

1,772 विद्यालयों के बच्चे सीखेंगे व्यावसायिक कौशल

पहले चरण में सभी ब्लॉक के दो-दो स्कूलों में क्रियान्वयन


लखनऊ। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप प्रदेश मैं बेसिक शिक्षा में बदलाव किए जा रहे हैं। इसके तहत अब परिषदीय विद्यालयों में पठनपाठन के साथ- साथ बच्चों के कौशल विकास पर भी फोकस किया जाएगा। पहले चरण में 1,772 विद्यालयों में लर्निंग बाई डुइंग (करके सीखने) का कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।


इसके तहत कक्षा छह से आठ के विद्यार्थियों को गणित व विज्ञान में दक्ष बनाया जाएगा। उन्हें व्यावसायिक कौशल की मूलभूत प्रौद्योगिकी से भी परिचित कराया जाएगा। इससे वह रोजगार के लिए तैयार हो सकेंगे। पहले चरण में सभी विकास खंडों के 2-2 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नए शैक्षिक सत्र 2023-24 से यह योजना शुरू होगी।


दूसरे चरण में सभी उच्च प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालयों को शामिल किया जाएगा। लर्निंग बाई डुइंग कार्यक्रम के लिए प्रत्येक विद्यालय में संबंधित ट्रेड्स के लैब स्थापित की जाएगी। इस पर 34.73 करोड़ व्यय होगा। कार्यक्रम के लिए तकनीकी अनुदेशकों व विज्ञान शिक्षकों के लिए मॉड्यूल विकसित किया गया है। 


यूनिसेफ व विज्ञान आश्रम के सहयोग से प्रदेश के 15 जिलों के 60 विद्यालयों में बतौर पायलट प्रोजेक्ट लर्निंग बाई डुइंग कार्यक्रम चलाया गया था। इसके तहत इंजीनियरिंग एंड वर्कशॉप, एनर्जी एंड एनवॉयरमेंट, एग्रीकल्चर, नर्सरी एंड गार्डनिंग होम एंड हेल्थकेयर की 60 गतिविधियों को विज्ञान व गणित के पाठ्यक्रम से मैप किया गया है। इससे विद्यार्थियों का कौशल विकास किया जाएगा। 


1772 विद्यालयों के बच्चे सीखेंगे व्यावसायिक कौशल

शासन ने नए सत्र में शुरू किया लर्निंग बाई डूइंग कार्यक्रम

पहले चरण में सभी विकास खंडों के 2-2 स्कूलों में शुरू हुई योजना

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप प्रदेश में बेसिक शिक्षा में अपेक्षित बदलाव किए जा रहे हैं। इसके तहत अब परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन के साथ- साथ बच्चों के कौशल विकास पर भी फोकस किया गया है। पहले चरण में 1772 विद्यालयों में लर्निंग बाई डूइंग (करके सीखने) का कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके माध्यम से विद्यालयों में कक्षा छह से आठ तक के छात्र छात्राओं को गणित और विज्ञान विषयों में दक्ष बनाया जाएगा। साथ ही उन्हें व्यावसायिक कौशल की मूलभूत प्रौद्योगिकी से भी परिचित कराया जाएगा। इससे वह भविष्य में रोजगार के लिए तैयार हो सकेंगे। पहले चरण में प्रदेश के सभी विकास खंडों के 2-2 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नए शैक्षणिक सत्र 2023-24 से शुरुआत की गई है।

दूसरे चरण में सभी उच्च प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालयों में इसे शुरू किया जाएगा। लर्निंग बाई डूइंग कार्यक्रम के लिए विद्यालय में संबंधित ट्रेड्स की लैब स्थापित की जायेंगी। इस पर 34.73 करोड़ रुपये व्यय होंगे। कार्यक्रम के लिए तकनीकी अनुदेशकों व विज्ञान शिक्षकों के लिए भी मॉड्यूल विकसित किया गया है। पूर्व में यूनिसेफ व विज्ञान आश्रम के सहयोग से प्रदेश के 15 जिलों के 60 विद्यालयों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लर्निंग बाई डूइंग कार्यक्रम चलाया गया था। इसके अंतर्गत कौशल के चार ट्रेड्स इंजीनियरिंग एंड वर्कशॉप, एनर्जी एंड एनवॉयरमेंट, एग्रीकल्चर, नर्सरी एंड गार्डनिंग, होम एंड हेल्थकेयर की 60 गतिविधियों को विज्ञान व गणित के पाठ्यक्रम से मैप किया गया है। इनके शिक्षण-प्रशिक्षण से विद्यार्थियों का कौशल विकास हो रहा है।



पढ़ाई संग कौशल विकास सीखेंगे बच्चे, पहले चरण में सभी विकास खंडों के 2-2 स्कूलों में शुरू होगी योजना Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 6:15 AM Rating: 5

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