टीईटी : अप्रैल के अंतिम सप्ताह में ऑनलाइन आवेदन, जून में होगी परीक्षा

  • अगले हफ्ते आएगा नोटिफिकेशन
  • नहीं होगी निगेटिव मार्किंग
  • टीईटी में 60 प्रतिशत अंक पाने वाला पास माना जाएगा
  • साल में एक बार होगी टीईटीएक केंद्र पर 500 परीक्षार्थी
  • उर्दू वाले तो निबंध से ही पास हो जाएंगे !
लखनऊ। टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) के लिए इस बार एक घंटा ज्‍यादा मिलेगा। यानी परीक्षा अब ढाई घंटे की होगी। इसका नोटिफिकेशन इस माह के अंतिम सप्ताह में आएगा |
प्रमुख सचिव (बेसिक शिक्षा) सुनील कुमार ने बुधवार को इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया। इसके साथ ही इस बारे में जारी दुविधा भी समाप्त हो गई है। आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे। आवेदन के लिए तीन हफ्ते का समय मिलेगा। इसके चार सप्ताह बाद परीक्षा होगी और चार सप्ताह में नतीजे घोषित किए जाएंगे।
प्रमुख सचिव (बेसिक शिक्षा) ने बताया कि अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए आवेदन शुल्क 150 और अन्य के लिए 300 रुपये होगा। शुल्क ई-चालान से बैंकों में जमा किए जाएंगे। अलग-अलग परीक्षा के लिए अलग-अलग शुल्क देने होंगे। नि:शक्तों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। बीएड वाले उच्च प्राइमरी के लिए पात्र होंगे। भाषा शिक्षकों जैसे संस्कृत, अंग्रेजी और उर्दू के लिए अलग से परीक्षा होगी। टीईटी की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी को दी गई है। परीक्षा चार स्तर पर आयोजित की जाएगी। प्राथमिक कक्षा 1 से 5, भाषा शिक्षा प्राथमिक, उच्च प्राथमिक कक्षा 6 से 8 तथा भाषा शिक्षा उच्च प्राथमिक ये चार होंगे। इसके लिए स्नातक में 50 प्रतिशत अंक पाने वाले पात्र होंगे। अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, नि:शक्त, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित, भूतपूर्व सैनिक (स्वयं) को अंकों में पांच प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसके लिए सभी प्रश्न बहुविकल्पीय होंगे। निगेटिव मार्किंग नहीं होगी।
  • टीईटी में 60 प्रतिशत अंक पाने वाला पास माना जाएगा।
अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित और भूतपूर्व सैनिक स्वयं तथा नि:शक्त को 55 प्रतिशत पर पास माना जाएगा। टीईटी आयोजित कराने के लिए जिला स्तर पर जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी। यह केवल पात्रता परीक्षा होगी। टीईटी पास करने वाला केवल भर्ती प्रक्रिया के लिए पात्र होगा। टीईटी रोजगार का अधिकार नहीं देता है। इसका प्रमाण-पत्र पांच साल के लिए वैध होगा। इसके खोने पर 300 रुपये जमा करके नया प्राप्त किया जा सकेगा।
  • साल में एक बार होगी टीईटी
टीईटी साल में एक बार दो दिवसों में आयोजित की जाएगी। राज्य सरकार के निर्देश पर एक से अधिक बार भी टीईटी आयोजित की जा सकती है। इसके लिए विभागीय वेबसाइट बनाई जाएगी। इस पर आवेदन लेने के साथ सभी जानकारियां दी जाएंगी। प्रवेशपत्र वेबसाइट पर 15 दिन पहले अपलोड कर दिया जाएगा। परीक्षार्थी इसे डाउनलोड कर परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। परीक्षा परिणाम घोषित होने के एक माह के अंदर डायट से इसके प्रमाण-पत्र बांटे जाएंगे।
  • एक केंद्र पर 500 परीक्षार्थी
टीईटी आयोजन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी। इसमें एसएसपी, डायट प्राचार्य व बीएसए सदस्य तथा डीआईओएस सदस्य सचिव होंगे। कमेटी के निर्देश पर ही परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे। एक केंद्र पर 500 परीक्षार्थी टीईटी दे सकेंगे। नकल रोकने की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों की होगी। इसके लिए वे केंद्र व्यवस्थापकों के साथ बैठक करेंगे। जिलों में प्रश्नपत्र कड़ी सुरक्षा के बीच भेजे जाएंगे।
  • उर्दू वाले तो निबंध से ही पास हो जाएंगे!
लखनऊ (ब्यूरो)। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में उर्दू भाषा शिक्षकों के लिए आसान सवाल पूछे जाएंगे। प्राथमिक स्तर की परीक्षा में बाल विकास एवं अभिज्ञान, गद्य, पद्य, व्याकरण में परिभाषा, लिंग, मुहावरे, वचन, कविता, पंक्तियों की पहचान तथा निबंध में भाषा अभिव्यक्ति से जुड़े सवाल होंगे। निबंध 60 अंक का होगा और परीक्षा में पास होने के लिए 60 प्रतिशत अंक पाना अनिवार्य है। मतलब साफ है कि उर्दू भाषा शिक्षक के लिए टीईटी केवल रस्म अदायगी होगा।
राज्य सरकार मोअल्लिम-ए-उर्दू और अलीगढ़ विश्वविद्यालय से डिप्लोमा इन टीचिंग करने वालों को शिक्षक बनाना चाहती है। ये दोनों उपाधिधारक नवंबर 2011 में आयोजित टीईटी पास नहीं कर पाए थे। प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद अखिलेश सरकार ने इनके लिए अलग से भाषा शिक्षक पात्रता परीक्षा कराने का निर्णय किया और इसके आधार पर ही प्रश्नपत्र का प्रारूप तय किया गया है।
प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा की ओर से जारी शासनादेश के मुताबिक बाल विकास एवं अभिज्ञान 30, गद्य-पद्य 30, व्याकरण में परिभाषा, लिंग, मुहावरे, वचन, कविता, पंक्तियों की पहचान 30 अंक तथा निबंध में भाषा अभिव्यक्ति से जुड़े सवाल 60 अंक के होंगे। परीक्षा 150 अंक की होगी और इसमें 60 फीसदी यानी 90 अंक पाने वाला पास होगा। ऐसे में साफ है कि उर्दू भाषा शिक्षक यदि मामूली जानकारी भी रखते हैं, तो आसानी से पास हो जाएंगे जबकि अन्य में अंग्रेजी, गणित, पर्यावरण, विज्ञान से संबंधित भी सवाल पूछे जाएंगे। इसलिए सामान्य टीईटी पास करना आसान नहीं होगा। (साभार-:-अमर उजाल)

डेली न्यूज एक्टिविस्ट से साभार-:
  • जून में होगी शिक्षक पात्रता परीक्षा
  • टीईटी आवेदन शुल्क में मिली राहत
  • मोअल्लिम-ए-डिग्री धारकों के लिए भी निकाला रास्ता
  • वेबसाइट से अपलोड करने होंगे प्रवेश पत्र
लखनऊ। देर से ही सही आखिरकार उत्तर प्रदेश में समय से शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) कराने पर फैसला हो ही गया। इस वर्ष परीक्षा जून में आयोजित की जाएगी। इसके लिए अप्रैल के अंतिम सप्ताह में विज्ञापन जारी कर 21 दिन तक ऑनलाइन आवेदन मांगे जाएंगे। आवेदन की अंतिम तिथि के चार सप्ताह के अंदर परीक्षा आयोजित की जाएगी। परीक्षा तिथि के चार सप्ताह बाद परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार ने बुधवार को इस बाबत शासनादेश जारी कर दिया है।
शिक्षा का अधिकार-2009 लागू होने के बाद सरकारी स्कूलों में शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी अनिवार्य कर दिया गया है। वर्ष 2011 में शिक्षक पात्रता परीक्षा में हुई धांधली के चलते इस वर्ष परीक्षा आयोजन की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी उप्र इलाहाबाद को दी गई है। इस बार प्राइमरी स्तर की टीईटी के लिए 50 प्रतिशत स्नातक के अलावा बीटीसी तथा शिक्षाशास्त्र (विशेष शिक्षा) द्विवर्षीय डिप्लोमा डी.एड तथा सीटी (नर्सरी), एनटीटी तथा विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण तथा दो वर्षीय बीटीसी उर्दू विशेष प्रशिक्षण उत्तीर्ण अभ्यर्थी ही पात्र होंगे। जबकि कक्षा छह से आठ की टीईटी के लिए 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक, बीटीसी उत्तीर्ण, बीएड उत्तीर्ण तथा भारतीय पुनर्वास परिषद द्वारा मान्याप्राप्त संस्था से शिक्षाशास्त्र (विशेष शिक्षा) में बीएड अथवा बीएससीएड वाले अभ्यर्थी पात्र माने जाएंगे।
टीईटी कक्षा एक से पांच और छह से आठ कक्षा के स्तर के लिए होगी। इस परीक्षा में किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविालय से स्नातक में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण अभ्यर्थी पात्र होंगे। हालांकि अनुसूचित जाति-जनजाति, भूतपूर्व सैनिक केअभ्यर्थियों को स्नातक परीक्षा में पांच प्रतिशत की छूट दी जाएगी। परीक्षा का समय ढाई घंटे निर्धारित होगा। इस बार परीक्षा दो दिन आयोजित की जाएगी। नाकारात्मक मूल्यांकन नहीं होगा। परीक्षा के बाद पहले दिन ही केंद्रों पर उत्तर पुस्तिकाओं (ओएमआर शीट) को सुरक्षित रूप से सील्ड कराते हुए कोषागार में डबल लॉक में पहुंचाने तथा तीसरे दिन कोषागार से सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद कार्यालय में पहुंचाने का दायित्व जिलाधिकारी द्वारा नामित मजिस्ट्रेट तथा जिला विालय निरीक्षक का होगा। गौरतलब है कि पिछली बार एक ही दिन सुबह और शाम की पाली में परीक्षा कराई गई थी।
  • ऑनलाइन करना होगा आवेदन
टीईटी परीक्षा में शामिल होने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए एनआईसी एक ऑफीशियल वेबसाइट का निर्माण करेगी। ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने के लिए आवेदन पत्र का नमूना प्रारूप एवं निर्देश वेबसाइट पर उपलब्ध होगा। अभ्यर्थियों को उसी के अनुसार आवेदन पत्र ऑनलाइन भरना होगा। अभ्यर्थी जिस जनपद से आवेदन पत्र भरेगा उस जनपद के नाम एवं कोड का अंकन आवेदन पत्र में दिए निर्देश के अनुसार करना होगा। आवेदन पत्र भरने से पहले अभ्यर्थी को राष्ट्रीयकृत बैंक में खोले गए खाते में ई-चालान के जरिए शिक्षक पात्रता परीक्षा-उत्तर प्रदेश यूपीटीईटी के लिए निर्धारित परीक्षा शुल्क जमा करना अनिवार्य होगा।
  • टीईटी आवेदन शुल्क में मिली राहत
राज्य सरकार ने इस बार टीईटी में आवेदन करने वालों को शुल्क में राहत दे दे दी है। प्रत्येक स्तर की परीक्षा में आवेदन के लिए अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को 150 रुपए का शुल्क देना होगा। जबकि अन्य अभ्यर्थियों को इसके लिए तीन सौ रुपए का शुल्क देना होगा। गौरतलब है कि वर्ष 2011 में हुई यूपी टीईटी परीक्षा में प्रत्येक स्तर पर पांच-पांच सौ रुपए का शुल्क वसूला गया था।

                                (साभार-:-हिन्दुस्तान)
टीईटी : अप्रैल के अंतिम सप्ताह में ऑनलाइन आवेदन, जून में होगी परीक्षा Reviewed by Brijesh Shrivastava on 5:52 AM Rating: 5

2 comments:

Anonymous said...

प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार द्वारा जारी मूल आदेश की प्रति का लिंक यदि संभव हो तो दें।

Brijesh Shrivastava said...

मूल आदेश फ़िलहाल तो नहीं मिल पाया है !

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