छठीं से आठवीं तक तीन किताबों का बोझ कम

  • हिंदी के साथ अब उर्दू मीडियम की भी किताबें
  • पुस्तकालय में रखी जाएंगी किताबें
  • जरूरत पड़ने पर बच्चों को दी जाएंगी
  • इस बार एक जुलाई को स्कूल में बांटी जाएंगी
  • प्रकाशकों को चेक से भुगतान पर रोक
लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को किताबें देने की नई नीति जारी कर दी गई है। बच्चों को अब उनकी सुविधा के अनुसार हिंदी या उर्दू मीडियम की किताबें दी जाएंगी। कक्षा छह, सात व आठ में चलने वाली तीन किताबों का बस्ते पर बोझ कम कर दिया गया है। ये किताबें पुस्तकालय में रखी जाएंगी और जरूरत पर बच्चों को पढ़ने के लिए दी जाएंगी। बच्चों को 1 जुलाई को ही किताबें बांट दी जाएंगी और बची किताबें 5 जुलाई को न्याय पंचायत संसाधन केंद्र पर वापस कर दी जाएंगी। बेसिक शिक्षा निदेशक बासुदेव यादव ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मुफ्त किताब देने की व्यवस्था है। बेसिक शिक्षा विभाग इसके लिए हर साल नीति जारी करता है। नई व्यवस्था के मुताबिक कक्षा 1 से 8 तक स्कूलों में बच्चों को उनकी जरूरत के अनुसार हिंदी या उर्दू मीडियम की किताबें दी जाएंगी। कक्षा 6, 7 व 8 में खेल एवं स्वास्थ्य शिक्षा, हमारा पर्यावरण और स्काउट गाइड की अलग-अलग किताबें दी जाती हैं। तीनों कक्षाओं में अलग-अलग किताबें देने से इनकी संख्या नौ हो जाती है। इसलिए तीनों कक्षाओं में अब एक ही किताब चलाने का निर्णय किया गया है। बच्चों को ये किताबें न देकर इसे पुस्तकालय में रखा जाएगा और जरूरत पर उन्हें पढ़ने के लिए दिया जाएगा। यह निर्णय बस्ते का बोझ कम करने के लिए किया गया है। किताबों की छपाई के संबंध में क्रय आदेश बेसिक शिक्षा अधिकारियों को 27 अप्रैल तक जारी करने को कहा गया है। (साभार-:-अमर उजाला)
छठीं से आठवीं तक तीन किताबों का बोझ कम Reviewed by Brijesh Shrivastava on 5:25 AM Rating: 5

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