स्कूली बच्चों का उत्पीड़न रोकेगा बाल संरक्षण आयोग : नियमावली तैयार!

स्कूली बच्चों का उत्पीड़न रोकेगा बाल संरक्षण आयोग
नियमावली तैयार, कैबिनेट की मंजूरी शीघ्र, अभिभावक दर्ज करा सकेंगे अपनी शिकायतें

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बच्चों को उनका हक दिलाने के लिए जल्द ही बाल संरक्षण आयोग के गठन की तैयारी है। समाज कल्याण विभाग ने इसके लिए नियमावली तैयार कर ली है, जिसे शीघ्र ही कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी है। इस आयोग का मुख्य मकसद बच्चों के हितों की रक्षा करना है। इसके बाद सरकारी हो या प्राइवेट स्कूल, इनमें बच्चों का उत्पीड़न नहीं किया जा सकेगा।

केंद्र सरकार ने निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम बनाते हुए देश के सभी राज्यों को इसे लागू करने के साथ ही बाल संरक्षण आयोग के गठन का सुझाव दिया था। देश के कई अन्य राज्यों में इसके लिए आयोग का गठन किया जा चुका है। इस आयोग का मुख्य काम सरकारी और निजी स्कूलों में बच्चों का उत्पीड़न रोकना, डोनेशन लेने की शिकायतों पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करना तथा स्कूलों में बच्चों की किसी भी समस्या का समाधान करना है। बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम 2005 के प्रावधानों के आधार पर इसका गठन किया जाएगा।

आयोग शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बच्चों को ऐडमिशन दिलाने में मदद भी करेगा। आयोग में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ शिक्षाविद् बतौर सदस्य होंगे। समाज कल्याण विभाग द्वारा तैयार की गई नियमावली को संबंधित विभागों से राय लेने के लिए भेजा गया था, जिस पर सहमति बन गई। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। आयोग का मुख्यालय तो प्रदेश स्तर पर होगा, लेकिन प्रत्येक जिले में इसका कार्यालय होगा। अभिभावक इसमें अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेंगे।

साभार: अमर उजाला

स्कूली बच्चों का उत्पीड़न रोकेगा बाल संरक्षण आयोग : नियमावली तैयार! Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 5:03 AM Rating: 5

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