हर साल क्यों नहीं हो रहा टीईटी : इलाहाबाद हाईकोर्ट
- जनहित याचिका पर प्रदेश सरकार से जवाब-तलब
- प्रदेश सरकार को दो सप्ताह में देना होगा जवाब
इलाहाबाद।
शिक्षक पात्रता परीक्षा हर साल आयोजित करने को लेकर हाईकोर्ट ने प्रदेश
सरकार से जवाब मांगा है। सरकार से पूछा है कि यदि हर साल परीक्षा कराने की
गाइड लाइन है तो ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है। इस मसले पर प्रदेश सरकार
को दो सप्ताह में जवाब देना है। मनीष कुमार श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट में
जनहित याचिका दाखिल करते हुए यह मुद्दा उठाया कि एनसीटीई की गाइड लाइन के
मुताबिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन प्रत्येक वर्ष किया जाएगा। मगर
प्रदेश सरकार ने वर्ष 2011 के बाद अब तक कोई परीक्षा नहीं कराई है। जबकि
इस बीच दो परीक्षाएं कराई जानी चाहिए थीं। दूसरी ओर बीएड डिग्री धारकों को
इस आधार पर शिक्षक भर्ती में मौका दिया जा रहा है कि पर्याप्त संख्या में
टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं हैं।
उल्लेखनीय
है कि टीईटी की अनिवार्यता को लेकर हाईकोर्ट की फुलबेंच सुनवाई कर रही है।
उसमें बिना टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्री धारकों को सहायक अध्यापक बनाने का
मामला भी शामिल है। हाईकोर्ट की एक खंडपीठ द्वारा बीएड डिग्री धारकों को
बिना टीईटी उत्तीर्ण किए ही अध्यापक भर्ती में शामिल करने के बाद बाद अब यह
मामला पूर्णपीठ के समक्ष लंबित है। सरकार को जनहित याचिका पर दो सप्ताह
में जवाब देना है। फिलहाल मुख्य न्यायाधीश शिवकीर्ति सिंह और न्यायमूर्ति
दिलीप गुप्ता की खंडपीठ ने जनहित याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए
प्रदेश सरकार को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस दौरान
पूर्णपीठ के समक्ष भी सुनवाई होनी है।
(साभार-:-अमर उजाला)

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Reviewed by Brijesh Shrivastava
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