मोअल्लिम वालों को शिक्षक पद पर जुलाई में तैनाती

  • जून तक पूरी कर ली जाएगी चयन प्रक्रिया
  • अलग से टीईटी पर फंस सकता है विवाद
लखनऊ। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का मामला साफ होने के बाद अब मोअल्लिम वालों को शिक्षक बनाने की कवायद शुरू हो गई है। राज्य सरकार मोअल्लिम और डिप्लोमा इन टीचिंग करने वालों की चयन प्रक्रिया जून तक पूरी कर लेगी और जुलाई में इन्हें उर्दू भाषा शिक्षक के रूप में तैनाती दे देगी। बेसिक शिक्षा निदेशालय से इसके लिए जिलेवार रिक्तियों का ब्यौरा मांगा गया है। इसके आधार पर जून में टीईटी के साथ या अलग से परीक्षा कराते हुए चयन प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
उत्तर प्रदेश में मोअल्लिम-ए-उर्दू और अलीगढ़ विश्वविद्यालय से डिप्लोमा इन टीचिंग करने वालों को वर्ष 1997 से पूर्व तक उर्दू भाषा शिक्षक के रूप में रखा जाता था, लेकिन 11 अगस्त 1997 को इस उपाधि को भाषा शिक्षक के लिए अपात्र मान लिया गया। मोअल्लिम वालों को हाईकोर्ट से राहत मिली तो राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका दाखिल कर दी। बसपा सरकार ने वर्ष 2011 में सुप्रीम कोर्ट से विशेष अनुज्ञा याचिका वापस लेकर इन्हें उर्दू भाषा शिक्षक के रूप में रखने का निर्णय किया था, लेकिन विधानसभा चुनाव आने की वजह से इनकी भर्ती नहीं हो सकी।
प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद मोअल्लिम वालों ने अखिलेश सरकार पर बिना टीईटी भर्ती के लिए दबाव बनाना शुरू किया और यह काम कर गया। राज्य सरकार ने अब टीईटी की तर्ज पर अलग से परीक्षा कराने का निर्णय करते हुए जिलों से उर्दू शिक्षकों के रिक्त पदों का ब्यौरा मांगा है। इसके पहले जून के आखिरी सप्ताह में टीईटी के साथ या फिर अलग से परीक्षा कराकर चयन प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद जुलाई में स्कूल खुलते ही इन्हें तैनाती दे दी जाएगी।
(साभार-:-अमर उजाला)
मोअल्लिम वालों को शिक्षक पद पर जुलाई में तैनाती Reviewed by Brijesh Shrivastava on 5:21 AM Rating: 5

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