बच्चों को तंबाकू से बचाने की पहल : पांचवीं से दसवीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में दुष्प्रभाव से संबंधित एक अध्याय जोड़ने की योजना

  • बच्चों को तंबाकू से बचाने की पहल करेगी सरकार
  • स्कूली पाठ्यक्रम में दुष्प्रभाव से संबंधित एक अध्याय जोड़ने की योजना

नई दिल्ली। केंद्र सरकार तंबाकू सेवन के खिलाफ बच्चों को बचपन से ही जागरूक और सतर्क करना चाहती है। बच्चों को इसके दुष्प्रभाव के बारे में विस्तृत जानकारी मुहैया कराने के पक्ष में खड़ा स्वास्थ्य मंत्रालय इस बारे में जल्द मानव संसाधन विकास मंत्रालय से सलाह मशविरा करने पर विचार कर रहा है। ताकि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पदार्थों के बारे में बच्चों को कम उम्र में ही जानकारी देकर तंबाकू सेवन को हतोत्साहित किया जा सके । 
सूत्रों के मुताबिक, पांचवीं से दसवीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में इससे संबंधित एक अध्याय जोड़ने की गुहार मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जल्द लगाई जाएगी। तंबाकू सेवन को हतोत्साहित करने के लिए अब तक कई प्रयास हो चुके हैं। जानकारों का मानना है कि छोटी उम्र में ही ज्यादातर बच्चों को सिगरेट, तंबाकू और गुटखे की लत लग जाती है, जिससे उबरना उनके लिए मुश्किल होता है। 
टोबैको कंट्रोल इन इंडिया विषय पर 2004 में तैयार किये गए एक रिपोर्ट के मुताबिक, सालाना करीब 8-9 लाख लोगों की मौत देश में तंबाकू सेवन से होने वाली बीमारियों की वजह से हो जाती है। पुरुषों मेें 50 फीसदी और महिलाओं में 25 फीसदी कैंसर की वजह तंबाकू सेवन को बताया गया है। 90 फीसदी मुंह के कैंसर की वजह भी यही है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से किये गए ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे के मुताबिक भारत में 15 साल और उससे अधिक उम्र के 35 फीसदी किशोर तंबाकू का सेवन अलग-अलग रूप में करते हैं। वहीं 48 फीसदी पुरुष और 20 फीसदी महिलाएं भी विभिन्न रूपों में इसका सेवन करती हैं। देश के 20 करोड़ भारतीय सिगरेट की जगह खैनी, जर्दा जैसे स्मोकलेस तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं।
राहुल द्रविड़ बने तंबाकू विरोधी अभियान के ब्रांड एंबेसडर
नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय ने तंबाकू सेवन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए राहुल द्रविड़ को तंबाकू विरोधी अभियान का ब्रांड एंबेसडर बनाया है। इसका मकसद युवाओं को तंबाकू सेवन के लिए हतोत्साहित करना है। देश भर में इसके प्रचार के लिए ऑडियो और विजुअल विज्ञापन को मंत्रालय ने तैयार किया है। हिंदी और अंग्रेजी में तैयार किये गए विज्ञापनों के जरिए तंबाकू इस्तेमाल से होने वाली बीमारियां और सामाजिक आर्थिक प्रभावों का प्रचार किया जाएगा। लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए पोस्टर, टीवी, रेडियो, विद्यालय, रेलवे के डब्बों और सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जाएगा। 
खबर साभार : अमर उजाला

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बच्चों को तंबाकू से बचाने की पहल : पांचवीं से दसवीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में दुष्प्रभाव से संबंधित एक अध्याय जोड़ने की योजना Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 7:30 AM Rating: 5

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