गुरुजनों की जेब कम ढीली होगी अब: बच्चों के मूल्यांकन प्रपत्र, रिपोर्ट कार्ड और उनकी प्रोफाइल तैयार करने के लिए पांच रुपये प्रति बच्चे के हिसाब से स्कूलों को धन जारी
- मिली राहत :
परिषदीय स्कूलों के बच्चों के मूल्यांकन प्रपत्र, रिपोर्ट कार्ड और उनकी प्रोफाइल तैयार करने के लिए गुरुजनों को अपनी जेब ढीली नहीं करनी पड़ेगी। इसके लिए अब पांच रुपये प्रति बच्चे के हिसाब से स्कूलों को धन जारी कर दिया गया है। परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को अभी तक रिपोर्ट कार्ड नहीं दिए जा रहे थे। अभिभावकों की मांग और जरूरत के लिहाज से कुछ शिक्षक अपने खर्च पर बच्चों को रिपोर्ट कार्ड दे रहे थे। इसके अलावा शिक्षक डायरी, मूल्यांकन प्रपत्र व छात्र प्रोफाइल के लिए भी गुरुजनों को अपनी जेब ही ढीली करनी पड़ रही थी।
नई व्यवस्था में शिक्षण अभिवृद्धि कार्यक्रम के तहत स्कूलों को पांच रुपये प्रति बच्चे के हिसाब से धन दिया गया है। इसको शिक्षक बच्चों की प्रोफाइल, रिपोर्ट कार्ड, शिक्षक डायरी व मूल्यांकन प्रपत्र पर खर्च किया जा सकेगा। मोहनलालगंज के खंड शिक्षा अधिकारी कमलेश सिंह ने बताया कि एलईपी कार्यक्रम के तहत हर स्कूल के खाते में पांच रुपये प्रति बच्चे के हिसाब से धन पहुंच गया है। धन बराबर आता रहा तो शिक्षकों को राहत मिलेगी।
कर्जदार बने शिक्षक
बीते शिक्षण सत्र में बच्चों को दी गई ड्रेस की कीमत का पूरा भुगतान न होने से शिक्षक कर्जदार बने हुए हैं। अभी तक ड्रेस का सौ रुपये प्रति बच्चे का भुगतान नहीं हो सका है। हर बच्चे को दो ड्रेस दी गई थीं। कीमत चार सौ रुपये थी, लेकिन अभी तक 75 प्रतिशत (300 रुपये)ही भुगतान किया जा सका है। वहीं नए सत्र में फिर से ड्रेस वितरण का समय आने से शिक्षक पसोपेश में हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ गोसाईगंज के अध्यक्ष योगेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि डृेस का 25 प्रतिशत धन अभी तक नहीं मिल सका है। इसका असर नए शैक्षिक सत्र में ड्रेस वितरण पर पड़ सकता है।
नई व्यवस्था में शिक्षण अभिवृद्धि कार्यक्रम के तहत स्कूलों को पांच रुपये प्रति बच्चे के हिसाब से धन दिया गया है। इसको शिक्षक बच्चों की प्रोफाइल, रिपोर्ट कार्ड, शिक्षक डायरी व मूल्यांकन प्रपत्र पर खर्च किया जा सकेगा। मोहनलालगंज के खंड शिक्षा अधिकारी कमलेश सिंह ने बताया कि एलईपी कार्यक्रम के तहत हर स्कूल के खाते में पांच रुपये प्रति बच्चे के हिसाब से धन पहुंच गया है। धन बराबर आता रहा तो शिक्षकों को राहत मिलेगी।
नहीं करा सकेंगे परीक्षाएं
स्कूलों को भले ही मूल्यांकन प्रपत्र व रिपोर्ट कार्ड के लिए धन मिल गया हो, लेकिन बच्चों की परीक्षा कराने के लिए उत्तर पुस्तिका व प्रश्नपत्रों के लिए अभी भी धनाभाव रहेगा। इससे शिक्षक बिना अपना धन लगाए या बच्चों से कापी मंगाए परीक्षा नहीं करा सकेंगे।
कर्जदार बने शिक्षक
बीते शिक्षण सत्र में बच्चों को दी गई ड्रेस की कीमत का पूरा भुगतान न होने से शिक्षक कर्जदार बने हुए हैं। अभी तक ड्रेस का सौ रुपये प्रति बच्चे का भुगतान नहीं हो सका है। हर बच्चे को दो ड्रेस दी गई थीं। कीमत चार सौ रुपये थी, लेकिन अभी तक 75 प्रतिशत (300 रुपये)ही भुगतान किया जा सका है। वहीं नए सत्र में फिर से ड्रेस वितरण का समय आने से शिक्षक पसोपेश में हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ गोसाईगंज के अध्यक्ष योगेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि डृेस का 25 प्रतिशत धन अभी तक नहीं मिल सका है। इसका असर नए शैक्षिक सत्र में ड्रेस वितरण पर पड़ सकता है।
खबर साभार : दैनिक जागरण
गुरुजनों की जेब कम ढीली होगी अब: बच्चों के मूल्यांकन प्रपत्र, रिपोर्ट कार्ड और उनकी प्रोफाइल तैयार करने के लिए पांच रुपये प्रति बच्चे के हिसाब से स्कूलों को धन जारी
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:52 AM
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