बालक और बालिकाओं के लिए अलग अलग शौचालय का सपना हुआ सच, मोदी ने किया था 15 अगस्त तक सभी स्कूलों में दो शौचालय का वादा



  • पूरा हुआ पीएम का पहला बड़ा वादा
  • 4.17 लाख शौचालयों में से 98 फीसद का काम पूरा
  • मोदी ने किया था 15 अगस्त तक सभी स्कूलों में दो शौचालय का वादा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन बाद जब लाल किले से दूसरी बार देश को संबोधित करेंगे, तो वे अपना पहला बड़ा वादा पूरा कर चुके होंगे। प्रधानमंत्री के रूप में स्वतंत्रता दिवस पर दिए अपने पहले भाषण में उन्होंने कहा था कि वे चाहते हैं कि देश भर के स्कूलों में लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय हों। शुरुआती सुस्ती के बाद आखिरी तीन महीनों में बेहद तेजी दिखाते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रलय(एचआरडी) ने चार लाख से ज्यादा शौचालयों के निर्माण के इस लक्ष्य को आखिरकार पूरा कर लिया है। 

एचआरडी मंत्रलय में स्वच्छ विद्यालय कार्यक्रम की निगरानी कर रहे अधिकारियों के मुताबिक, बुधवार शाम तक 98.2 फीसद शौचालयों का काम पूरा किया जा चुका है। वादे के मुताबिक 15 अगस्त तक देश भर के स्कूलों में कुल 4.17 लाख शौचालय बनाए जाने थे। अब इनमें सिर्फ साढ़े सात हजार का काम शेष है। उम्मीद है कि दो दिनों में इनमें से भी अधिकांश का काम पूरा हो जाएगा। 

सरकारी कंपनी कोल इंडिया लि. ने कुल 19,641 शौचालय बनाने का वादा किया था।  अभी उसके साढ़े छह हजार शौचालयों का निर्माण कार्य चल रहा है। मंत्रलय के आंकड़ों के मुताबिक बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा और उत्तर प्रदेश को छोड़कर सभी राज्यों में यह लक्ष्य पूरा हो चुका है। इनमें भी तीन राज्यों में यह लक्ष्य से दो फीसद या उससे भी कम पीछे है। प्रधानमंत्री ने इन शौचालयों के निर्माण के लिए निजी और सरकारी कंपनियों को भी आगे आने की अपील की थी। हालांकि निजी कंपनियों की भागीदारी एक फीसद से भी कम रही। कॉरपोरेट जगत ने कुल 3,466 शौचालय बनाने का वादा किया था, जिनमें सिर्फ 327 का काम पूरा होना बाकी है। 

उधर सरकारी कंपनियों (पीएसयू) ने 1.41 लाख शौचालय बनाने का वादा किया था। इनमें से 7,136 शौचालय बाकी हैं।  शौचालय निर्माण के लिए बनाए गए ‘स्वच्छ भारत कोष’ में मिले लोगों के योगदान की मदद से 14,050 शौचालय बनवाए जाने थे और इन सभी का काम पूरा हो चुका है।  कंपनियों और लोगों की सीमित भागीदारी के बाद शौचालय निर्माण का सबसे बड़ा भाग सरकारी शिक्षा योजनाओं के ऊपर आया। ऐसे में ‘सर्व शिक्षा अभियान’ के तहत ढाई लाख शौचालय बनाने थे, इनमें से सिर्फ 134 का ही काम पूरा होना बाकी है। इसी तरह ‘राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान’ के तहत लगभग सात हजार शौचालय का लक्ष्य रखा गया था और इनमें सिर्फ दो का काम पूरा नहीं हो सका है।


खबर साभार :  दैनिक जागरण

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बालक और बालिकाओं के लिए अलग अलग शौचालय का सपना हुआ सच, मोदी ने किया था 15 अगस्त तक सभी स्कूलों में दो शौचालय का वादा Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 8:43 AM Rating: 5

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