अक्षय पात्र फाउंडेशन व एनजीओ ने बजट के अभाव में नहीं दिया दूध : दूध का इंतजार करते रहे बच्चे
लखनऊ। राज्य सरकार की ओर से करीब चालीस दिन पहले शुरू की गई दूध
वितरण योजना पर संकट खड़ा हो गया है। बजट का प्रावधान न होने की वजह से
अक्षय पात्र फाउंडेशन के साथ-साथ स्वंयसेवी संस्थाओं ने भी दूध वितरण से
हाथ खड़े कर दिए। लिहाजा बुधवार को काकोरी, सरोजिनीनगर, चिनहट व नगर क्षेत्र
के विद्यालयों में पढ़ने वाले करीब एक लाख बच्चों को मिड-डे-मील में दूध
वितरित नहीं किया गया।
बीती 15 जुलाई को मिड-डे-मील में बच्चों को 200 मिली दूध व कोफ्ता-चावल दिए जाने की शुरुआत की गई थी। लेकिन बजट की व्यवस्था नहीं की गई। जिसकी वजह से अक्षय पात्र ने पहले ही दूध न देने से हाथ खड़े कर दिए। वहीं बीकेटी नगर पंचायत एवं माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक मिड-डे-मील देने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं ने काफी दबाव के बाद कुछ दिनों तक बच्चों को दूध वितरण किया। लेकिन कई बार मांग किए जाने के बावजूद बजट न मिलने पर स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी हाथ खड़े कर दिए। हद तो यह है कि बजट की व्यवस्था कराने की जगह माध्यान्ह भोजन प्राधिकरण की ओर से पिछले सप्ताह अनिवार्य रूप से दूध वितरण का फरमान जारी कर दिया। हालांकि इस आदेश के बाद भी एनजीओ व अक्षय पात्र ने दूध वितरण नहीं किया। लिहाजा बच्चे दूध कर इंतजार करते रहे। उन्हें मिड-डे-मील से ही संतोष करना पड़ा।
बीती 15 जुलाई को मिड-डे-मील में बच्चों को 200 मिली दूध व कोफ्ता-चावल दिए जाने की शुरुआत की गई थी। लेकिन बजट की व्यवस्था नहीं की गई। जिसकी वजह से अक्षय पात्र ने पहले ही दूध न देने से हाथ खड़े कर दिए। वहीं बीकेटी नगर पंचायत एवं माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक मिड-डे-मील देने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं ने काफी दबाव के बाद कुछ दिनों तक बच्चों को दूध वितरण किया। लेकिन कई बार मांग किए जाने के बावजूद बजट न मिलने पर स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी हाथ खड़े कर दिए। हद तो यह है कि बजट की व्यवस्था कराने की जगह माध्यान्ह भोजन प्राधिकरण की ओर से पिछले सप्ताह अनिवार्य रूप से दूध वितरण का फरमान जारी कर दिया। हालांकि इस आदेश के बाद भी एनजीओ व अक्षय पात्र ने दूध वितरण नहीं किया। लिहाजा बच्चे दूध कर इंतजार करते रहे। उन्हें मिड-डे-मील से ही संतोष करना पड़ा।
अक्षय पात्र फाउंडेशन व एनजीओ ने बजट के अभाव में नहीं दिया दूध : दूध का इंतजार करते रहे बच्चे
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:18 AM
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