राज्यों को बाजार मूल्य पर ही खरीदना होगा एमडीएम का सिलेंडर, मिड डे मील के लिए गैस खर्च नहीं उठाएगा केंद्र, पुराने बर्तनों को बदलने की मांग पर भी फैसला नहीं
- मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने लिया फैसला
- राज्यों को बाजार मूल्य पर ही खरीदना होगा सिलेंडर
- एमडीएम के लिए गैस खर्च नहीं उठाएगा केंद्र
- मिड डे मील पर जारी है सरकार की बेरुखी
देश भर के सरकारी स्कूलों में बच्चों को दोपहर का
भोजन देने की योजना मिड डे मील अब मोदी सरकार की लगातार बेरुखी की वजह से
दम तोड़ रही है। स्कूलों में खाने के पुराने बर्तनों को बदलने की सभी राज्य
सरकारों की मांग पर फैसला नहीं हो पा रहा है। वहीं अब केंद्र सरकार मिड डे
मील योजना के तहत राज्य सरकारों को मिलने वाली रसोई गैस की सब्सिडी पर भी
कैंची चलाने जा रही है। सूत्रों का कहना
है कि वित्त मंत्रालय ने फैसला ले लिया है कि मिड डे मील के लिए सब्सिडी
रहित रसोई गैस का अतिरिक्त खर्च अब राज्य सरकारों को उठाना पड़ेगा।
केंद्र
इसके लिए राज्य सरकारों को कोई पैसा नहीं देगा। अभी तक सरकार मिड डे मील
योजना के लिए खरीदे जाने वाले सब्सिडी रहित गैस सिलेंडरों के अतिरिक्त खर्च
का 75 फीसदी देती थी। वित्त मंत्रालय का यह फैसला एक अप्रैल, 2015 से लागू
हो गया है। यानी कि अब राज्य सरकारों को बाजार दर पर मिलने वाले रसोई गैस
सिलेंडर पर केंद्र सरकार कोई सब्सिडी नहीं देगी। पेट्रोलियम मंत्रालय ने
2012 में सिलेंडरों पर दी जाने वाली सब्सिडी को खत्म कर दिया था। तब मानव
संसाधन विकास मंत्रालय ने राज्य को 75 फीसदी खर्च की भरपाई करने का फैसला
लिया था। इसी तरह केरल को छोड़कर सभी राज्यों ने मंत्रालय को मिड डे मील के
तहत बर्तन बदलने के लिए धन राशि देने के लिए कहा है।
मगर
मंत्रालय ने राज्यों को कहा है कि इसे लेकर एक प्रस्ताव बना है। मगर उस पर
फैसला नहीं हुआ। इसे लेकर अंतिम फैसला होने के बाद ही बर्तन बदलने की दिशा
में मामला आगे बढ़ सकता है। मोदी सरकार के पिछले आर्थिक बजट में मिड डे
मिल योजना का बजट जमकर काट दिया गया था। 2014-15 में योजना का बजट 13,216
करोड़ रुपये थे जोकि घटकर अब सिर्फ नौ हजार करोड़ रुपये रह गया है। खाना
बनाने की लागत बढ़ने के बावजूद बजट काट दिया गया है।
साभार : उजाला |
केंद्र सरकार ने मिड-डे-मील (एमडीएम) के लिए सब्सिडी
रहित गैस सिलेंडरों का खर्च अब आगे से नहीं उठाने का फैसला किया है।
राज्यों को अब बाजार भाव से ही गैस खरीदना होगा और केंद्र इसमें कोई योगदान
नहीं करेगा। एक अप्रैल, 2015 से ही केंद्र ने इस मद में राज्यों को अनुदान
देने से अपना हाथ खींच लिया है। सूत्रों के अनुसार, कुछ राज्य इस फैसले का
विरोध करते हुए केंद्र के पास प्रतिनिधिमंडल भेजने की योजना बना रहे हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्रलय द्वारा लिखे एक हालिया पत्र में कहा गया है कि सब्सिडी रहित गैस सिलेंडर का सारा खर्च अब राज्य सरकारों को खुद उठाना होगा। मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने यह फैसला वित्त मंत्रलय के निर्देश के बाद लिया है। वित्त मंत्रलय ने मई में कहा था कि मध्याह्न् भोजन के लिए राज्यों को गैस अब बाजार भाव से उपलब्ध कराया जाएगा। हालांकि मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने वर्ष 2012-13 और 2013-14 में वित्त मंत्रलय की सहमति से सब्सिडी रहित सिलेंडरों के मद में राज्यों को अनुदान दिया था। इससे पहले केंद्र सरकार ने इस साल के बजट में मिड-डे-मील के वित्तीय आवंटन में 30 फीसद कटौती कर दी थी। केंद्र के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बिहार के मानव संसाधन विकास मंत्री पीके शाही ने कहा कि योजना के क्रियान्वयन पर इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा।
मानव संसाधन विकास मंत्रलय द्वारा लिखे एक हालिया पत्र में कहा गया है कि सब्सिडी रहित गैस सिलेंडर का सारा खर्च अब राज्य सरकारों को खुद उठाना होगा। मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने यह फैसला वित्त मंत्रलय के निर्देश के बाद लिया है। वित्त मंत्रलय ने मई में कहा था कि मध्याह्न् भोजन के लिए राज्यों को गैस अब बाजार भाव से उपलब्ध कराया जाएगा। हालांकि मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने वर्ष 2012-13 और 2013-14 में वित्त मंत्रलय की सहमति से सब्सिडी रहित सिलेंडरों के मद में राज्यों को अनुदान दिया था। इससे पहले केंद्र सरकार ने इस साल के बजट में मिड-डे-मील के वित्तीय आवंटन में 30 फीसद कटौती कर दी थी। केंद्र के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बिहार के मानव संसाधन विकास मंत्री पीके शाही ने कहा कि योजना के क्रियान्वयन पर इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा।
खबर साभार : दैनिक जागरण
मध्याह्न भोजन : एलपीजी सिलिंडरों के लिए राज्यों को प्रतिपूर्ति नहीं देगा केंद्र
नई दिल्ली (भाषा)। केंद्र ने फैसला किया है कि वह मध्याह्न भोजन योजना के
लिए इस्तेमाल गैर सब्सिडी वाले एलपीजी सिलिंडरों को लेकर राज्यों को
प्रतिपूर्ति नहीं देगा और अब भोजन पकाने के लिए रसोई गैस बाजार मूल्य पर ही
मिलेगी। इसके कारण विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं और आशंका है कि इससे इस
महत्वपूर्ण कार्यक्रम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इस कदम से राज्यों के
खजाने पर पड़ने वाले अतिरिक्त वित्तीय भार से चिंतित कुछ राज्य इस संबंध में
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) के पास प्रतिनिधिमंडल भेजने की योजना
बना रहे हैं। एचआरडी मंत्रालय से एक हालिया संवाद के मुताबिक, गैर सब्सिडी
वाले एलपीजी सिलिंडरों की खरीद के लिए राज्यों को अतिरिक्त व्यय करना होगा
जिसकी प्रतिपूर्ति राज्यों को नहीं की जाएगी। यह व्यवस्था एक अप्रैल 2015
से लागू होगी। यह फैसला मई में वित्त मंत्रालय के एक निर्देश पर आधारित है
जिसमें यह कहा गया था कि मध्याह्न भोजन के उद्देश्य के लिए एलपीजी सिलिंडर
की खरीद अब केवल बाजार मूल्य पर होगी। इससे पहले केंद्र सरकार ने इस साल के
बजट में इस अहम कार्यक्रम के लिए आवंटन में 30 प्रतिशत की कटौती कर दी थी।
खबर साभार : डेली न्यूज एक्टिविस्ट
राज्यों को बाजार मूल्य पर ही खरीदना होगा एमडीएम का सिलेंडर, मिड डे मील के लिए गैस खर्च नहीं उठाएगा केंद्र, पुराने बर्तनों को बदलने की मांग पर भी फैसला नहीं
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
6:39 AM
Rating:
No comments:
Post a Comment