25 हजार मानदेय सहित कई मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत अनुदेशक, सरकार विरोधी नारेबाजी कर लगाया उपेक्षा का आरोप
- अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे प्राथमिक अनुदेशक
- सरकार विरोधी नारेबाजी कर लगाया उपेक्षा का आरोप
- अनुदेशकों ने मांगा 25 हजार मानदेय
मानदेय बढ़ोतरी सहित अपनी छह सूत्री मांगों को लेकर अनुदेशक
शिक्षकों ने प्रदर्शन कर अपना आक्रोश जताया। जिला प्रशासन के माध्यम से
मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंप अनुदेशकों ने मांग पूरी होने तक
अनिश्चितकालीन धरना देने का एलान किया। उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक
वेलफेयर एसोसिएशन उप्र के आह्वान पर विभिन्न जिलों से सैकड़ों की संख्या
में अनुदेशक लक्ष्मण मेला स्थल पर एकत्र हुए।
अनिश्ििचतकालीन धरना देने जमा
हुए प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारेबाजी कर अपना विरोध जताया।
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष तेजस्वी ने सरकार पर अनुदेशकों की उपेक्षा का
आरोप लगाया। कहा कि अनुदेशक पिछले लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर
प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन आश्वासन देने के बाद भी सरकार की ओर से अभी तक
कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है। उन्होंने प्राथमिक स्कूलों से 100 बच्चों
की बाध्यता समाप्त करने की मांग की। कहा कि 100 बच्चों से भी कम संख्या
वाले स्कूलों में अनुदेशकों की नियुक्ति की जाए।
उपाध्यक्ष प्रियंक मिश्र
ने प्राथमिक अनुदेशकों को 25 हजार रुपये मानदेय देने की मांग की। अनुदेशकों
को पूर्ण कालिक का दर्जा दिया जाए। महासचिव भोलानाथ पांडेय ने कहा कि
महिला अनुदेशकों को मातृत्व अवकाश दिया जाए। गोरखपुर के भाजपा विधायक राधा
मोहनदास अग्रवाल ने धरना स्थल पहुंचकर अनुदेशकों की मांगों का समर्थन देकर
विधानसभा सत्र में उनकी मांगों को उठाने का आश्वासन भी दिया। धरने में
प्रदेश महामंत्री महेंद्र पाठक, प्रदेश मंत्री शिवम शुक्ला व विक्रम सिंह,
अनिल कुमार यादव, अमिताभ वर्मा व रामानुज शुक्ला सहित सैकड़ों अनुदेशक
शामिल रहे।
खबर साभार : दैनिक जागरण
25 हजार मानदेय सहित कई मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत अनुदेशक, सरकार विरोधी नारेबाजी कर लगाया उपेक्षा का आरोप
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:53 AM
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