एनआइसी व एजेंसी में अटकीं हजारों भर्तियां : टीईटी 2015 के लिए प्रक्रिया शुरू कराने के लिए एनआइसी से प्रयास तेज
- बीटीसी 2011 व 2012 की 15 हजार भर्तियां के शासनादेश पर एनआइसी भारी
- टीजीटी-पीजीटी 2015 में 7400 भर्ती के लिए अभी नहीं मिल रही एजेंसी
- जिद्दोजहद : एजेंसी में उलझी टीजीटी-पीजीटी
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की टीजीटी
(स्नातक शिक्षक) व पीजीटी (प्रवक्ता) 2015 की 7400 पद
वाली परीक्षा एजेंसी के अभाव में लटकी है। चयन बोर्ड ने टीजीटी-पीजीटी 2013
की परीक्षा कराने के बाद ही
2015 की परीक्षा की लगभग सारी तैयारियां कर ली थीं। सभी 18 मंडलों से
रिक्तियों की रिपोर्ट मंगा ली और
शासन से उसका अनुमोदन भी करा लिया है। इसमें पेंच
यह फंस गया है कि चयन बोर्ड पहली बार परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगेगा।
ऐसे में उसे उम्दा एजेंसी
का साथ चाहिए।
- आठ माह से अधर में काउंसिलिंग
बीटीसी 2011 एवं 2012 प्रशिक्षितों को मास्साब बनने की काउंसिलिंग आठ महीने में भी शुरू नहीं हो सकी है। अभ्यर्थियों से आवेदन जरूर लिए जा रहे हैं, लेकिन काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। अब कहा जा रहा है कि प्रक्रिया सितंबर में शुरू होगी।
इलाहाबाद : प्रदेशभर में परिषदीय स्कूलों से लेकर इंटर कालेजों तक में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद अब भी खाली हैं। सरकार की ओर से इन पदों को भरने के निर्देश भी हैं। यही नहीं, संबंधित विभाग कई माह से इस दिशा में प्रयास भी कर रहे हैं, लेकिन एनआइसी तो कभी एजेंसी की लेटलतीफी से हजारों भर्तियां अटकी हैं।
- यूपी टीईटी को मुहूर्त का इंतजार
उत्तर प्रदेश
अध्यापक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) 2015 पिछले छह महीने से अटकी पड़ी
है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश ने इस संबंध में जिलों से
रिपोर्ट मंगाने के बाद शासन को भी पत्र लिखा है कि वह परीक्षा कराने को
तैयार हैं। शासन ने सचिव परीक्षा नियामक को एनआइसी (राष्ट्रीय सूचना
विज्ञान केंद्र उत्तर प्रदेश) से संपर्क करके आवेदन मंगाने को कहा था,
लेकिन अब तक एनआइसी से परीक्षा नियामक को आवेदन रोस्टर नहीं मिल सका है। यह
परीक्षा अब एनआइसी के पाले में है। विलंब होने पर अब सचिव परीक्षा नियामक
की तैयारी है कि यदि एनआइसी सितंबर में भी आवेदन के लिए रोस्टर घोषित कर
देगा तो अक्टूबर के अंत तक या फिर नवंबर में परीक्षा कराई जा सकती है।
आवेदन लेने से लेकर परीक्षा कराने तक में करीब दो महीने को समय जरूर लगता
है। ऐसे निर्देश हैं कि राज्य साल में कम से एक बार या फिर दो बार भी टीईटी
की परीक्षा करा सकते हैं। इसके बाद भी प्रदेश में इम्तिहान का मुहूर्त ही
तय नहीं हो पा रहा है।
‘परीक्षा का रोस्टर जारी करने में एनआइसी की ओर से देरी नहीं होती है। पहले से यह तय है कि भर्ती कराने वाले विभाग अपनी प्राथमिकता बताएंगे। कई विभागों ने आवेदन का रोस्टर देने के बाद उसे बदल दिया है। ऐसे में एनआइसी कहां से दोषी है।
-आरएच खान
वरिष्ठ तकनीकी निदेशक एनआइसी लखनऊ।
एनआइसी व एजेंसी में अटकीं हजारों भर्तियां : टीईटी 2015 के लिए प्रक्रिया शुरू कराने के लिए एनआइसी से प्रयास तेज
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:43 AM
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